हाइलाइट्स
- एमपी के शहरों में सुगम परिवहन सेवा से आसान होगा सफर।
- सेवा में इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग होगा, कम होगा प्रदूषण।
- सीएम मोहन यादव ने की परिवहन विभाग के कामकाज की समीक्षा।
Madhya Pradesh CM Sugam Parivahan Sewa: मध्य प्रदेश के लोगों के लिए जल्द ही सार्वजनिक परिवहन का नया और सुगम विकल्प उपलब्ध होने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में ‘सीएम सुगम परिवहन सेवा’ शुरू करने की डेडलाइन तय कर दी है। सबसे पहले यह सेवा इंदौर से शुरू होगी, और इसके बाद उज्जैन जैसे प्रमुख शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा। इस सेवा के तहत यात्रियों को सुविधाजनक और कम किराए पर यात्रा करने का अवसर मिलेगा। परिवहन विभाग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और इलेक्ट्रिक बसों के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
इंदौर से शुरू होगी बस सेवा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि ‘सीएम सुगम परिवहन सेवा’ को मार्च 2025 से पहले हर हाल में शुरू किया जाए। इसके पहले चरण में इस सेवा की शुरुआत प्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर से की जाएगी। संभावना है कि यह सेवा दीपावली तक इंदौर में चालू हो जाए।
इलेक्ट्रिक बसों को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस सेवा में अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग किया जाए, जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे जैसे चार्जिंग स्टेशन, IT प्लेटफॉर्म और रूट अधिसूचना को प्राथमिकता से तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यात्रियों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए और कोशिश की जाए कि इस सेवा में इलेक्ट्रिक बसों का इस्तेमाल हो। इसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास पर भी काम करने को कहा गया है।
उज्जैन, जबलपुर सहित अन्य शहरों में तैयारी
परिवहन सचिव मनीष सिंह ने जानकारी दी कि उज्जैन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्वे पूरा हो चुका है। वहीं इंदौर और जबलपुर में रूट प्लानिंग, बसों की संख्या और संस्थागत व्यवस्था जैसे जरूरी कार्य अंतिम चरण में हैं। साथ ही ऑपरेटर कंपनियों से बातचीत भी चल रही है।
परिवहन राजस्व में हुआ 6% का इजाफा
परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक प्रदेश में कुल 16.60 लाख नए वाहनों का पंजीयन हुआ है, जिनमें से 2.58 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन शामिल हैं। इसके साथ ही मध्य प्रदेश में कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या बढ़कर 1.30 करोड़ से भी अधिक हो गई है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विभाग को 4,874 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6% अधिक है। यह वृद्धि राज्य में परिवहन व्यवस्था के मजबूत होते ढांचे और जनता की बढ़ती भागीदारी का संकेत देती है।