हाइलाइट्स
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नर्सिंग घोटाले में CM मोहन यादव सख्त
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राज्य स्तर पर होगी नर्सिंग स्टूडेंट की परीक्षा
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सभी दोषियों को किया जाएगा बर्खास्त
MP Nursing Ghotala: मध्यप्रदेश में नर्सिंग घोटाले मामले में CM डॉ. मोहन यादव ने बड़ा एक्शन लिया है।
आपको बता दें कि अब इंजीनियरिंग- मेडिकल की तरह नर्सिंग की परीक्षा भी राज्य स्तर पर की जाएगी।
इसके लिए केंद्र के नए नर्सिंग एक्ट के तहत राज्य में आयोग का गठन किया जाएगा।
इसके साथ ही अब नए कॉलेज की मान्यता भी राष्ट्रीय आयोग के ही हाथ में रहेगी।
इस घोटाले (MP Nursing College Scam ) में शामिल घूसखोर अधिकारियों को बर्खास्त किया जाएगा।
नर्सिंग घोटाले में CM मोहन का एक्शन: अब राज्य स्तर पर होगी नर्सिंग स्टूडेंट की परीक्षा, बदलेगा एंट्रेंस का पेटर्नhttps://t.co/gI8YzHCcRm#nursingscams #cmmohanyadav #action #nursingstudents #examination #mpnews #madhyapradesh pic.twitter.com/5fzwaRh6yb
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) May 26, 2024
दोषियों को किया जाएगा बर्खास्त
बता दें कि CM मोहन यादव के निर्देश पर घोटाले में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान के लिए मेडिकल एजुकेशन विभाग ने एक स्पेशल रोडमैप तैयार किया है।
जिन्होंने अनफिट नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में मदद की थी उन सभी की पहचान कर वर्तमान पद से बर्खास्त किया जाएगा।
इसके साथ ही नर्सिंग काउंसिल के तत्कालीन रजिस्ट्रार और सचिव पर भी कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में CBI
नर्सिंग कॉलेज घोटाले (MP Nursing Ghotala) मामले में खुद जांच करने वाली देश की सबसे बड़ी और भरोसेमंद CBI एजेंसी के अधिकारी भी फंस गए हैं।
CBI ने नर्सिंग कॉलेजों को उपयुक्त बताते हुए जो रिपोर्ट पेश की थी, वो भी अब सवालों के घेरे में है।
बता दें कि फरवरी 2024 में MP हाई कोर्ट ने CBI की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए ग्वालियर-चंबल अंचल के 5 कॉलेजों को उपयुक्त बताया था।
इन कॉलेजों के स्टूडेंट इसी आधार पर वर्तमान में BSc नर्सिंग की परीक्षा भी दे रहे हैं।
खुला CBI रिपोर्ट का भेद
बताया जा रहा है कि CBI की जांच रिपोर्ट के बाद ग्वालियर के 3 कॉलेजों की जब जांच की गई तो सारा भेद सामने आ गया।
सबसे पुराने नर्सिंग कॉलेज में एक ग्रथम कॉलेज में मैरिज गार्डन खोल लिया गया है। वहीं शिवपुरी लिंक रोड पर स्थित जिन 2 कॉलेजों को जांच रिपोर्ट में सही पाया गया था।
उन कॉलेज का प्रबंधन मेडिकल विश्वविद्याल को पत्र लिखकर कॉलेज बंद करने के लिए आवेदन दे चुके हैं।
जब छान-बीन की गई तो पता चला कि अस्पताल 5 महीने से बंद है। एक कॉलेज में सिर्फ 10 से 12 छात्र ही है। वहीं कॉलेज में न स्टाफ और न ही डॉक्टर है।
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