जबलपुर। मुख्यमंत्री शिवराज CM Shivraj IN Jabalpur ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जितेन्द्र कुमार माहेश्वरी, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ की गरिमामयी उपस्थिति में जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम में ‘नव सृजन महाधिवक्ता कार्यालय’ की 8 मंजिला इमारत का भूमिपूजन किया।इस अवसर पर आर्म फोर्सेज ट्रिब्यूनल, दिल्ली के चेयरमैन राजेंद्र मेनन, प्रदेश के महाअधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह एवं वरिष्ठ अधिवक्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
लोक अदालत की व्यवस्था बहुत सफल हुई है
मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के कई ऐसे कानून, जिनकी आज के समय में आवश्यकता नहीं है, उसे प्रधानमंत्री मोदी ने निरस्त किया। हमने भी मध्यप्रदेश में ऐसे कानूनों को समाप्त किया। कोर्ट के ऊपर मुकदमों का बोझ खत्म करने के लिए लोक अदालत की व्यवस्था बहुत सफल हुई है।
एनेक्सी बिल्डिंग का भी निर्माण होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाधिवक्ता कार्यालय न्यायपालिका और सरकार के बीच सेतु का काम करता है। आज की आवश्यकताओं के हिसाब से महाधिवक्ता कार्यालय का निर्माण होगा। मेरे मन में एक और विचार आया है कि एडवोकेट जनरल कार्यालय के बाद हाईकोर्ट की एनेक्सी बिल्डिंग का भी निर्माण होना चाहिए।
क्रांतिकारी कदम हो सकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पेसा एक्ट के अंतर्गत अधिसूचित क्षेत्रों में शांति और विवाद निवारण समिति बनाई है। मुझे बताते हुए हुए प्रसन्नता है कि गांव में ही छोटे-मोटे विवादों का निपटारा किया जा रहा है। प्री लिटिगेशन मध्यस्थता मॉडल हम बनाएं तो यह गांव में न्याय के लिए क्रांतिकारी कदम हो सकता है।
आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में न्याय
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल में एक मंत्र दिया “अमृतकाल में न्याय की व्यवस्था” उसके 6 मुख्य स्तंभ हैं। सभी के लिए न्याय, आसान न्याय, त्वरित न्याय, सस्ता न्याय, गुणवत्तापूर्ण न्याय, छठवां आम आदमी को समझ में आने वाली भाषा में न्याय।
कानून निरस्त किए जा चुके हैं
मुख्यमंत्री ने कहा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तय किया कि ऐसे कानून जिनकी आज जरूरत ही नहीं है। ऐसे सैकड़ों कानून निरस्त किए जा चुके हैं। मध्यप्रदेश में भी हमने इसका प्रयास किया। जो चीजें साल 1840-50 में प्रासंगिक थीं वो आज नहीं हैं।
हमें विचार करना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा एक विचार ये है कि कोर्ट के ऊपर जो मुकदमों का वजन है, उसको हम कैसे कम करें। जल्दी न्याय के लिए एक रास्ता लोक अदालत का खोजा। मप्र ने लोक अदालत के क्षेत्र में अच्छा काम किया। इसको हम और कैसे आगे बढ़ा सकते हैं, उस पर हमें विचार करना चाहिए।
सार्थकता और कई गुना बढ़ जाएगी
प्री-लिटिगेशन मीडिएशन के लिए क्या-क्या कदम उठाए जाना चाहिए। उसका एक मॉडल तैयार करें, उसे लागू करने की दिशा में आगे बढ़ेंगे तो आज के इस कार्यक्रम की सार्थकता और कई गुना बढ़ जाएगी।
सार्थकता बढ़ जाएगी
मुख्यमंत्री ने कहा हम जानते हैं कि महाधिवक्ता कार्यालय, न्यायपालिका और सरकार के बीच में एक सेतु का काम करता है। एक विचार हमारे मुख्य न्यायाधीश जी के मन में है, उन्होंने बताया है कि महाधिवक्ता कार्यालय के बाद हाईकोर्ट की एनेक्सी का निर्माण भी हो जाए तो सार्थकता बढ़ जाएगी।
विवाद निवारण समिति बनाई
मुख्यमंत्री ने कहा हमने पेसा एक्ट लागू किया तो पेसा ब्लाक के गांव में एक शांति और विवाद निवारण समिति बनाई। छोटे-मोटे मामले थाने में क्यों जाएं, गांव की ही एक समति बने जो विवाद निपटाएगी। विवाद न निपटें तो फिर एफआईआर की जाए ।
चमत्कार हो सकता है
मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि ट्राइबल क्षेत्रों में शांति व विवाद निवारण समिति ने कई मामले गांव में ही निपटा दिए। ये मेरे लिए भी प्रेरणा की बात है। मुझे लगा कि हम लोगों की ताकत पहचानें और अधिकार संपन्न करें तो चमत्कार हो सकता है।
ट्राइबल गांव में ही क्यों हो ?
शांति एवं विवाद निवारण समिति केवल ट्राइबल गांव में ही क्यों हो ? क्या इसका स्वरूप बदलकर हम हर एक गांव में ऐसी रचना कर सकते हैं कि छोटे-मोटे विवादों को वहीं निपटाने की व्यवस्था हो। ये गांव में न्याय के लिए क्रांतिकारी कदम हो सकता है।