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MP News: सरपंच महासम्मेलन CM मोहन यादव की घोषणा, हर पंचायत को इस काम के लिए 50 हजार रुपए देने का ऐलान

भोपाल में सीएम मोहन यादव ने सरदार पटेल जयंती पर एकता रैली में हिस्सा लिया, पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा को श्रद्धांजलि दी और सरपंच सम्मेलन में कई अहम घोषणाएं कीं।

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Wasif Khan
MP News: सरपंच महासम्मेलन CM मोहन यादव की घोषणा, हर पंचायत को इस काम के लिए 50 हजार रुपए देने का ऐलान

हाइलाइट्स

  • सरदार पटेल जयंती पर एकता रैली में शामिल हुए सीएम

  • सुंदरलाल पटवा को दी श्रद्धांजलि, कहा प्रेरणा स्रोत

  • सरपंच महासम्मेलन में पंचायतों को 50 हजार देने की घोषणा

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MP News: भोपाल में आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने एक व्यस्त दिन में दो बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। सुबह उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित एकता पदयात्रा रैली में भाग लिया, जबकि दोपहर को जंबूरी मैदान में आयोजित विशाल सरपंच महासम्मेलन (Sarpanch Mahasammelan) में उन्होंने हजारों सरपंचों को संबोधित किया।

सरदार पटेल जयंती पर एकता पदयात्रा रैली में शामिल हुए सीएम

सरदार पटेल की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वल्लभ भवन स्थित सरदार पटेल पार्क से एकता पदयात्रा रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में जनप्रतिनिधियों के साथ बड़ी संख्या में नागरिक और स्वयंसेवी संगठन शामिल हुए। इस मौके पर सीएम ने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद देश की एकता और अखंडता की नींव रखी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने न केवल अंग्रेजों से लोहा लिया बल्कि पाकिस्तान और अन्य षड्यंत्रों से देश को सुरक्षित रखा। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उनके योगदान को भारत कभी नहीं भूल सकता। रैली के दौरान आदिवासी कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और गीतों के जरिए सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।

[caption id="attachment_929458" align="alignnone" width="1128"]publive-image सरदार पटेल की जयंती के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वल्लभ भवन स्थित सरदार पटेल पार्क से एकता पदयात्रा रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया।[/caption]

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विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर विधानसभा पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को श्रद्धांजलि दी। पटवा की जयंती पर उन्होंने उनके योगदान को याद किया और कहा कि सुंदरलाल पटवा ने प्रदेश के विकास की ठोस नींव रखी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पटवा जी के आदर्शों पर चलते हुए प्रदेश को आगे ले जाने का संकल्प लेती है। श्रद्धांजलि समारोह में कई वरिष्ठ नेता और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

[caption id="attachment_929457" align="alignnone" width="1190"]publive-image मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर विधानसभा पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को श्रद्धांजलि दी।[/caption]

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जंबूरी मैदान में सरपंच महासम्मेलन में ग्रामीण विकास पर जोर

मुख्यमंत्री ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच महासम्मेलन में राज्यभर से आए हजारों सरपंचों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास में सरपंचों की भूमिका सबसे अहम है और अब उन्हें 25 लाख रुपए तक के कार्यों का अधिकार दिया गया है। उन्होंने घोषणा की कि हर छह महीने में पंचायत प्रतिनिधियों, जनपद और जिला पंचायत अधिकारियों के साथ बैठकें होंगी, ताकि नीतिगत सुधारों और मांगों पर समय रहते निर्णय लिए जा सकें। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 को कृषि आधारित उद्योग वर्ष के रूप में घोषित किया जाएगा और कृषि उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा।

[caption id="" align="alignnone" width="1280"]publive-image मुख्यमंत्री ने भोपाल के जंबूरी मैदान में आयोजित सरपंच महासम्मेलन में राज्यभर से आए हजारों सरपंचों को संबोधित किया।[/caption]

सीएम ने कहा कि जिन पंचायतों ने कार्य पूरे कर लिए हैं लेकिन भुगतान लंबित है, उन्हें भी मान्य माना जाएगा और अगला प्रोजेक्ट स्वीकृत होगा। उन्होंने पंचायतों में रिकॉर्ड रूम (Record Room) की स्थापना पर जोर देते हुए कहा कि दस्तावेजों की सुरक्षा से ही अधिकार टिकाऊ बनते हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रत्येक पंचायत को तत्कालिक जरूरतों के लिए 50,000 रुपए की राशि दी जाएगी और श्मशान घाटों की सड़कों को सीमेंट से बनवाने, गौशालाओं के संचालन को सुदृढ़ करने और सामुदायिक भवनों के निर्माण के लिए विशेष फंडिंग की जाएगी।

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उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के लिए कृषि आधारित उद्योग (Agro-Based Industries) और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही पंचायतें अपने टाइड फंड (Tied Fund) से स्वच्छता, पेयजल और स्थानीय कर्मचारियों की नियुक्ति जैसे कार्य कर सकेंगी। पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने भी कहा कि सरकार ईमानदारी से काम करने वाले सरपंचों के साथ खड़ी है और हर स्तर पर संवाद बनाए रखेगी।

[caption id="" align="alignnone" width="1280"]publive-image इस दौरान पंचायतों से आए सरपंच भी उपस्थित रहे।[/caption]

तीन दिवसीय पंचायत कॉन्फ्रेंस

सरपंच महासम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पंचायतों के सशक्तिकरण को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कीं और आगामी त्रिस्तरीय पंचायत कॉन्फ्रेंस की तारीखों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस बार यह कॉन्फ्रेंस 24, 25 और 26 नवंबर को भोपाल में आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली बार यह सम्मेलन 23 से 25 जुलाई को हुआ था और इस बार इसमें कुछ नई नीतिगत बातें जोड़ी जाएंगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, पंचायतों और उनके आसपास की नगरीय निकायों के बीच कई बार टकराव की स्थिति बन जाती है। इसलिए सरकार एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करेगी, जिससे पंचायतें अपना अधिकार बनाए रखें और विकास कार्य भी प्रभावित न हों।

सीएम बोले- सचिव या सहायक सचिव की औकात क्या?

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम में स्पष्ट कहा कि अगर कोई पंचायत सचिव या सहायक सचिव काम नहीं करता है तो उसे तुरंत हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पंचायतों की गरिमा और जिम्मेदारी सर्वोच्च है और कोई अधिकारी या कर्मचारी उस पर प्रभाव नहीं डाल सकता। सीएम ने कहा कि पंचायतों को कार्यों के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है और अब समय है कि वे पारदर्शिता के साथ काम करें।

दिल्ली ब्लास्ट पर बोले मुख्यमंत्री

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की घटना पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और देश के लिए पीड़ादायक क्षण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्वयं जांच की निगरानी कर रहे हैं और जल्द ही पूरे मामले की जानकारी साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने में पूरी तरह सक्षम है। जो लोग इस तरह की घटनाओं में शामिल होते हैं, उन्हें किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुए बम धमाकों में दिवंगतों की याद में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी।

हर गांव में 2026 तक बनेगा शांति धाम

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 2472 अटल पंचायत भवन, 1037 सामुदायिक भवन, 106 जनपद पंचायत भवन और 5 जिला पंचायत भवन स्वीकृत किए हैं। उन्होंने बताया कि अब सरकार का लक्ष्य 2026 तक हर गांव में शांति धाम (Mukti Dham) बनाने का है। उन्होंने कहा कि यह केवल विकास नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जिम्मेदारी का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए पूरा प्रशासन पंचायतों के साथ रहेगा ताकि गांवों में श्मशान घाट और सीमेंटेड सड़कें तैयार की जा सकें। उन्होंने कहा कि जिन पंचायतों में श्मशान घाट की जमीन नहीं है, उन्हें विकल्प तलाशने चाहिए। दिसंबर 2026 तक जो पंचायत इस काम को पूरा नहीं करेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल ने दी कई अहम जानकारी

पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने सम्मेलन में सरपंचों की मांगों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार पंचायतों के हर मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण से सरकार की ओर से वित्तीय व्यवस्था नहीं बन पाई और सरपंच ने काम पूरा कर लिया है, तो उसे 21वें काम की अनुमति दी जाएगी और भुगतान में कोई रुकावट नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नामांतरण का अधिकार राजस्व विभाग का विषय है, इस पर वे राजस्व मंत्री को पत्र लिखेंगे।

मंत्री ने यह भी कहा कि सीएम हेल्पलाइन में पंचायत या सरपंच से जुड़ी कोई शिकायत दर्ज होने पर पहले सरपंच से जानकारी ली जाएगी, उसके बाद ही कोई कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि रोजगार सहायक अब अपने गृह पंचायत में पदस्थ नहीं रहेंगे और उनकी उपस्थिति का आधार अब सरपंच तय करेगा, तभी उन्हें वेतन मिलेगा।

विकास कार्य, मनरेगा और एसओआर में बदलाव पर चर्चा

मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मनरेगा (MNREGA) से जुड़े पुराने बिल नए पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार केंद्र से पुराने पोर्टल को एक बार फिर खोलने की मंजूरी मांग रही है ताकि बकाया भुगतान पूरे हो सकें। उन्होंने कहा कि एसओआर (Schedule of Rates) में बदलाव के लिए भी समय-सीमा तय की जाएगी ताकि हर 3 या 5 साल में यह प्रक्रिया नियमित रूप से हो।

उन्होंने बताया कि शिवराज सरकार के समय सरपंचों का मानदेय बढ़ाया गया था, और अब यह तय किया जाएगा कि भविष्य में मानदेय कब और कितनी अवधि में बढ़ाया जाए। मंत्री ने कहा कि अब पंचायतें पौधारोपण, स्वच्छता और सामाजिक कार्यों को अपनी कार्ययोजना में शामिल करें, ताकि पंचायत का विकास केवल कागज पर नहीं बल्कि धरातल पर दिखे।

उन्होंने कहा कि पहले गांव आधा पैसा खुद जुटाते थे और आधा कलेक्टर देता था, अब पंचायती राज अधिनियम ने पंचायतों को वित्तीय अधिकार दिए हैं। इसलिए हर पंचायत को जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ विकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।

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