हाइलाइट्स
- सीएम मोहन ने ली कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक
- सीएम बोले- किसानों से श्रीअन्न खरीदेगी एमपी सरकार
- कृषि मंडियों में प्रबंधन सुधारने और औचक निरीक्षण के निर्देश
MP 3 Crops GI Tag: मध्यप्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है। सीएम मोहन यादव ने कृषि विभाग की समीक्षा बैठक ली जिसमें कृषि सचिव ने बताया कि प्रदेश में उत्पादित होने वाली 3 फसलों को बहुत जल्द जीआई टैग मिल जाएगा। डिंडोरी जिले की नागदमन मकुटकी, सिताही कुटकी और बैंगनी अरहर की फसल को जीआई टैग परीक्षण के लिए भेजा गया है, उम्मीद है कि जल्द ही इन फसलों को जीआई टैग मिलेगा।
फसल को GI टैग मिलने से किसानों को ये फायदे
फसल की अलग पहचान
जब किसी फसल को GI टैग मिल जाता है, तो उसकी एक खास पहचान बन जाती है कि ये फल या अनाज सिर्फ उसी इलाके में पैदा होता है और उसका स्वाद, खुशबू या गुण भी खास होते हैं।
फसल के अच्छे दाम
GI टैग मिलने के बाद उस फसल की मांग बढ़ जाती है और किसान उसे ज्यादा कीमत में बेच सकते हैं। यानी किसानों की आमदनी बढ़ जाती है।
बाजार में धोखा नहीं
GI टैग से यह तय होता है कि सिर्फ उसी जगह के किसान ही उस नाम से फसल बेच सकते हैं। इससे नकली या घटिया माल बेचने वालों पर रोक लगती है।
विदेशों में भी अच्छी डिमांड
GI टैग वाली चीजें विदेशों में भी मशहूर होती हैं, जिससे किसानों को अपना माल बाहर के देशों में बेचने का मौका मिलता है।
पुरानी परंपराओं और खेती के तरीकों को बढ़ावा
GI टैग से गांव के पुराने तरीकों की खेती और लोकल चीजों को पहचान मिलती है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है।
किसानों से खरीदा जाएगा श्री अन्न
सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार किसानों से श्री अन्न खरीदेगी। उन्होंने श्री अन्न का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए श्रीअन्न जैसे रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा और मक्का के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। सरकार इन फसलों की खरीद करेगी और किसानों को उचित मूल्य प्रदान करेगी। इसके साथ ही, मंडियों के सुधार, जैविक खेती को बढ़ावा देने, और कृषि आधारित उद्योगों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
किसानों से श्रीअन्न खरीदेगी एमपी सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में रागी, कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा, मक्का जैसे श्रीअन्न का उत्पादन बढ़ाया जाए और किसानों को श्रीअन्न उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। किसानों द्वारा उत्पादित श्रीअन्न अब सरकार खरीदेगी। उन्होंने कहा कि तुअर उत्पादक किसानों को अच्छे किस्म के खाद, बीज और उत्पादन वृद्धि के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाए। इसके लिए किसानों को फसल अनुदान देने और उनकी फसल का बीमा कराने जैसे नवाचार भी किए जा सकते हैं।
समीक्षा बैठक में सीएम मोहन ने दिए निर्देश
सीएम मोहन यादव शुक्रवार को मंत्रालय में किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एंदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव सहकारिता अशोक बर्णवाल, सचिव कृषि एम. सेल्वेन्द्रम सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मंडियों में प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सभी मंडियों में प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी मंडियों का विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों से आकस्मिक निरीक्षण कराए। मंडियों की व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाया जाए। आगे कहा कि नई जरूरतों के मुताबिक अब अलग-अलग मंडियों की स्थापना पर विचार किया जाना चाहिए।
मंडियों के लिए तैयार करें फसलवार मॉडल
उन्होंने कहा कि मंडियों का फसलवार मॉडल तैयार करें। कृषि उपज मंडी के अलावा अब फल व सब्जी मंडी, मसाला मंडी या अन्य विशेष पैदावार की मंडी स्थापना के लिए भी प्रयास किए जाएं। इसके लिए रोडमैप तैयार किया जाए और यदि आवश्यकता है तो इसमें प्रायवेट सेक्टर को भी सम्मिलित किया जाए। सीएम ने आगे कहा कि मंडियों में जारी वर्तमान व्यवस्थाओं का समुचित तरीके से किसानों के हित में प्रबंधन किया जाए। मंडी शुल्क की प्राप्त राशि से किसानों की कल्याण गतिविधियों पर फोकस किया जाए।
प्रदेश की कृषि उपज मंडी बनें आदर्श
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की कृषि उपज मंडियों को आदर्श बनाया जाए। मंडियों में कृषि आधारित सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों। मंडियों में किसानों को फसल बेचने में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अपनी फसल बेचने आने वाले हर किसान को उसकी उपज का सही दाम मिले, किसी का भी नुकसान नहीं होना चाहिए। मंडियों को और ज्यादा आधुनिक बनाया जाए, यहां किसानों को उनके उपज में गुणवत्ता संवर्धन के बारे में भी बताया जाए।
विकास कार्यों के लिए आत्मनिर्भर बनें मंडियां
समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए सीएम मोहन ने कहा कि सभी मंडियां अपने विकास कार्यों के लिए आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्थानीय निकायों से नई मंडियों की स्थापना/ फसल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए समन्वय करें। जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अधिक सुविधाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। प्रदेश के किसानों को रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर उन्नत किस्म के बीज, आधुनिक कृषि यंत्रों, अच्छा भाव, अनुदान आदि का प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न रागी, कोदो-कुटकी, मक्का, ज्वार, बाजरा की फसलों को प्रोत्साहन दिया जाए। इन फसलों के उत्पादक क्षेत्र को अच्छी पैदावार करने के लिए प्रोत्साहन मिले। आवश्यकता अनुसार अनुदान की राशि भी बढ़ाई जाए।
मूंग में खरपतवारनाशकों के उपयोग को करें हतोत्साहित
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीष्मकालीन मूंग में खरपतवारनाशकों के उपयोग से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए खरपतवारनाशकों को हतोत्साहित करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा मिले और स्वाभाविक फसलों की पैदावार पर विशेष जोर दिया जाए।
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कृषि आधारित उद्योगों का सम्मेलन
मुख्यमंत्री ने आगामी 26, 27 एवं 28 मई को जिला मुख्यालय नरसिंहपुर में कृषि आधारित उद्योगों का सम्मेलन सह विशाल कृषि मेला आयोजित करने की जानकारी दी। इस आयोजन में कृषि आधारित उद्योगों के बारे में जानकारी के अलावा दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन, शाक-सब्जी उत्पादन, श्रीअन्न उत्पादन, उद्यानिकी, बागवानी, उन्नति किस्म के बीज, खाद, उर्वरक की जानकारी सहित उन्नत कृषि उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि नरसिंहपुर के बाद 8 से 10 जून 2025 तक सतना में विशाल कृषि मेले सह कृषक सम्मेलन का आयोजन प्रस्तावित है।
जीआई टैग से कृषि उत्पादों को मिलेगी वैश्विक पहचान
बैठक में बताया गया कि राज्य शासन की प्रगतिशीलता से प्रदेश में उत्पादित होने वाली 3 फसलों को बहुत जल्द जीआई-टैग मिल जाएगा। सचिव कृषि ने बताया कि डिंडोरी जिले की नागदमन मकुटकी, सिताही कुटकी और बैंगनी अरहर की फसल को जीआई टैग परीक्षण के लिए भेजा गया है, उम्मीद है कि जल्द ही इन फसलों को जीआई टैग प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि ई-अनुज्ञा प्रणाली लागू करने के बाद प्रदेश में बीते एक अप्रैल 2025 से प्रदेश की सभी 259 मंडियों में ई-मंडी योजना भी लागू कर दी गई है। सभी मंडियों में अब डिजिटल तरीके से रिकार्ड कीपिंग की जा रही है।
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MP में 133 साल पुरानी जमीन पर रक्षा मंत्रालय का कब्जा: हाईकोर्ट ने कार्रवाई को बताया गलत, कहा- तुरंत लौटाया जाए कब्जा
Mhow land Dispute: मध्य प्रदेश के महू में स्थित 133 साल पुरानी 1.8 एकड़ जमीन पर रक्षा मंत्रालय द्वारा किए गए जबरन कब्जे को लेकर इंदौर हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने मंत्रालय की कार्रवाई को गलत बताते हुए कब्जा तुरंत हटाने का आदेश दिया है। यह जमीन 1892 में खरीदी गई थी और 1995 से विवादों में है। कब्जा किए जाने के मामले में हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित विभाग को कड़ी फटकार लगाई है। इस खबर को पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…