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हाइलाइट्स
- सीएम बोले- अधिकारी जनता से जुड़े रहें
- योजनाओं की डिलेवरी पर फोकस जरूरी
- दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में सुशासन पर चर्चा
MP Collector Commissioner Conference: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, भोपाल में दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस 2025 का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश के सभी लोक सेवकों से समग्र और समावेशी विकास के लिए पूरी निष्ठा से काम करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन दोनों को एक मिशन की तरह जनता के कल्याण और विकास के लिए कार्य करना चाहिए।
दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के सभी कलेक्टरों, एसपी और वरिष्ठ अधिकारियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया कि वे ड्राइविंग सीट पर आने की कोशिश न करें, बल्कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए सहयोगी की भूमिका में रहकर शासन की योजनाओं को जनता तक पहुंचाएं।
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सीएम का स्वागत करते हुए मुख्य सचिव अनुराग जैन।[/caption]
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों और योजनाओं के क्रियान्वयन में जनता के बीच संवाद और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे अपने जिलों में ऐसे सिस्टम तैयार करें जिससे जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिले।
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सीएम बोले- अधिकारी जनता से जुड़े रहें[/caption]
जनप्रतिनिधियों के साथ तालमेल पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि जवाबदेह शासन व्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि एकजुट होकर काम करें। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों में ऐसी प्रणाली तैयार करें जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे। डॉ. यादव ने कहा कि लोक सेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अपने अनुभव और लगन से जनता का विश्वास जीतें और उसी को शासन की सबसे बड़ी पूंजी बनाएं।
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कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस[/caption]
सुशासन और जनविश्वास को बताया सबसे बड़ा लक्ष्य
सीएम ने कहा कि सुशासन का असली उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास की किरण पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सरकार सबके लिए खड़ी है और जनता में यह विश्वास बनाए रखना ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनता के बीच संवाद बनाए रखें, उनकी समस्याओं को सुनें और तुरंत समाधान के लिए कदम उठाएं।
डॉ. यादव ने बताया कि इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का मकसद है शासन व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, सरल और विकेंद्रीकृत बनाना ताकि योजनाओं का लाभ तेजी से जनता तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जिलों में तैनात अधिकारी अपने नवाचारों और कार्यशैली से पहचान बनाएं और हर विषय पर तथ्यों के साथ काम करें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मीडिया और प्रशासन के साथ निरंतर संवाद बनाए रखना अनिवार्य है।
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कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस[/caption]
अफसरों से कहा- सीखते रहें और नवाचार करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज की सेवा करने का अवसर परमात्मा देता है, इसलिए हमें एक विद्यार्थी की तरह सीखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हर दिन कुछ नया सीखकर अपनी दक्षता और अनुभव से समाज के लिए उपयोगी काम करना ही सच्ची सेवा है। अफसरों को अपने नवाचारों से प्रदेश में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में काम करना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार शुक्ला सहित सभी प्रमुख सचिव, सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत और शासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान विजन 2047 के तहत प्रदेश के विकास, योजनाओं की समीक्षा और सुशासन को मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की गई।
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सीएम डॉ. मोहन यादव।[/caption]
गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट की दिशा में आगे बढ़ें
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकतंत्र और जनकल्याण में अधिकारियों की बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस से ग्रेट रिजल्ट मिलते हैं, और इसी दिशा में सभी को काम करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन "परफॉर्म, रिफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म" को अपनाते हुए हमें आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाना है।
कलेक्टर करें ऐसे काम जिन्हें जनता याद रखे
मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टर ऐसे कार्य करें जिन्हें जनता लंबे समय तक याद रखे। अपने कार्यकाल का हर क्षण जनकल्याण के लिए लगाएं। उन्होंने कहा कि नवाचार दीर्घकालिक और विभाग से अनुमोदित होने चाहिए, ताकि उनका स्थायी प्रभाव समाज पर पड़े।
कृषि और सिंचाई पर मुख्यमंत्री का फोकस
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में देश के शीर्ष राज्यों में है। दाल, मसाले और टमाटर उत्पादन में प्रदेश प्रथम स्थान पर है। उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सिंचाई ही सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने सभी अधिकारियों से सिंचाई परियोजनाओं पर ध्यान देने और नवाचार लाने के निर्देश दिए।
शिक्षा और रोजगार पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुख शिक्षा देना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत साक्षरता और स्कूलों में नामांकन दर बढ़ाना जरूरी है। साथ ही, उन्होंने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे स्कूलों, हॉस्पिटल, आंगनबाड़ी और राशन दुकानों का औचक निरीक्षण करें।
सोशल मीडिया से जोड़ें जनकल्याणकारी योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के युग में शासन के कामों को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नकारात्मक खबरों का तुरंत खंडन किया जाए और सकारात्मक कामों को ज्यादा प्रचारित किया जाए।
सिंहस्थ 2028 की तैयारियों पर भी निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-2028 मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को विश्व मंच पर लाने का अवसर है। सभी जिलाधिकारी अपने जिलों में धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के सौंदर्यीकरण पर ध्यान दें। सिंहस्थ से पहले राम-वन-गमन पथ और कृष्ण पाथेय जैसे प्रोजेक्ट पूरे किए जाएं।
मुख्य सचिव ने दी विजन डॉक्यूमेंट की जानकारी
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ‘विकसित मध्यप्रदेश @2047’ पर काम जारी है। यह विजन प्रधानमंत्री मोदी के विचारों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज में गरीब, युवा, किसान और महिला केंद्रित योजनाएं शामिल होंगी। जैन ने बताया कि हर महीने दो बार वर्चुअल कॉन्फ्रेंस होगी ताकि जिलों की समस्याओं का फॉलोअप सुनिश्चित किया जा सके।
अफसरों को फील्ड विजिट बढ़ाने की सलाह
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी अधिकारी महीने में कम से कम दो दिन क्षेत्रीय भ्रमण करें और रात्रि विश्राम भी करें, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का पता चल सके। उन्होंने कहा कि संवाद ही समाधान का रास्ता है और अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याएं सुननी चाहिए।
विजन 2047 और जिलों की परफार्मेंस पर चर्चा
कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य "विजन 2047" के तहत सरकार की प्राथमिकताओं को तय करना और जिला स्तर पर सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानना है। बैठक में प्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी, आईजी, संभागायुक्त सहित करीब 250 से अधिक अधिकारी मौजूद हैं। बैठक में जिलों की परफार्मेंस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी, जिसमें फ्लैगशिप स्कीम्स में टॉप और बॉटम परफॉर्मिंग जिलों की पहचान की जाएगी।
सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों की सराहना और कमजोर परफॉर्मेंस वाले अफसरों के स्थानांतरण या सुधार पर विचार करेगी। बैठक में यह भी तय हुआ कि अक्टूबर से दिसंबर के बीच कलेक्टरों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।
हर कलेक्टर को मिलेगा तीन मिनट का समय
कॉन्फ्रेंस में चयनित कलेक्टरों को अपने नवाचार या जिला स्तर के प्रयोग साझा करने का मौका दिया गया है। प्रत्येक कलेक्टर को अपने विचार और अनुभव बताने के लिए अधिकतम तीन मिनट का समय दिया जाएगा। प्रत्येक सेक्टर के लिए छह से सात जिलों को चुना गया है। इसके अलावा, आधे घंटे का ओपन डिस्कशन भी रखा गया है, जिसमें अधिकारी फील्ड में आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर अपने सुझाव देंगे।
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राज्य सरकार की प्रमुख योजनाओं की प्रगति पर विशेष चर्चा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों पर न रहें, बल्कि जमीनी स्तर पर प्रभाव दिखाएं। इस दौरान फ्लैगशिप स्कीम्स में अच्छा और कमजोर प्रदर्शन करने वाले जिलों की सूची जारी की जाएगी। इससे प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ेगी और अफसरों को अपनी जवाबदेही का एहसास होगा।
जनसंवाद और रोजगार पर विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार की कॉन्फ्रेंस में जनसंवाद, स्थानीय रोजगार सृजन और योजनाओं की डिलेवरी (Delivery) को केंद्र में रखा गया है। जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर संवाद बढ़ाने और स्थानीय संसाधनों से रोजगार के अवसर पैदा करने पर चर्चा की जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके और योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे।
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कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस[/caption]
कॉन्फ्रेंस में कुल 17 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इनमें वन, कृषि उत्पादन, नगरीय विकास, वित्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा, गृह, औद्योगिक नीति, योजना-आर्थिक एवं सांख्यिकी, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, राजस्व, विधि और विधायी कार्य विभाग शामिल हैं।
पहले दिन इन विषयों पर चर्चा
पहले दिन के सत्र में कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों (Agri and Allied Activities), स्वास्थ्य एवं पोषण (Health and Nutrition), रोजगार, उद्योग, निवेश, शहरीकरण और सुशासन पर चर्चा की गई। हर विषय पर सवा घंटे का सेशन रखा गया है, जिसमें संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अफसरों ने प्रस्तुति दी।
रात में मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में सभी अफसरों के लिए डिनर रखा गया, जिसमें सचिव, कलेक्टर, कमिश्नर और सीईओ जिला पंचायत शामिल हुए।
दूसरे दिन सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा
कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शिक्षा, ग्रामीण विकास, आदिवासी कार्य और कानून व्यवस्था जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव अफसरों के साथ संवाद करेंगे। कानून व्यवस्था से संबंधित सत्र से पहले जिला पंचायत सीईओ को अलग से ट्रेनिंग दी जाएगी।
Cough Syrup Deaths: कफ सिरप कांड पर IMA का फूटा गुस्सा, डॉ. प्रवीण की गिरफ्तारी का विरोध, डॉक्टरों ने बांधी काली पट्टी
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छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से हुई बच्चों की मौत के मामले ने पूरे मध्यप्रदेश में चिकित्सा जगत को झकझोर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए दवा निर्माता कंपनियों और नियामक संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। IMA ने इसे डॉक्टरों की गलती ठहराने को गलत बताया और कहा कि असली जिम्मेदारी दवा बनाने वाली कंपनियों पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
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