रायपुर: भारत रत्न मदर टेरेसा की जयंति पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें नमन किया है। इस दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि मदर टेरेसा ने अनाथ और असहाय लोगों का सहारा बनकर हजारों लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने मानवता की सेवा के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर लोगों को मुस्कुराहट और शांति का पाठ पढ़ाया।
अनाथ और असहाय लोगों का सहारा बनकर असंख्य जनों को प्रेरित करने वाली, मानवता की सेवा हेतु अपने सम्पूर्ण जीवन को समर्पित कर लोगों को मुस्कुराहट और शांति का जिन्होंने पाठ पढ़ाया, ऐसी भारत रत्न एवं नोबेल शांति पुरस्कार सम्मानित मदर टेरेसा जी की जयंती पर हम उनका पावन स्मरण करते हैं। pic.twitter.com/30HWP2dHQr
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 26, 2020
असाधारण व्यक्तित्व की धनी थी मदर टेरेसा
मदर टेरेसा का जन्म को मेसिडोनिया की राजधानी स्कोप्जे शहर में हुआ था। इनका लालन-पालन एक अल्बेनियाई परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम निकोला बोयाजू और माता का नाम द्राना बोयाजू था। मदर टेरेसा एक रोमन कैशोलिक नन थीं। इन्हें रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से भी नवाजा गया था। मदर टेरेसा को ममता और मानवता की मूर्ति कहा जाता है। ये असाधारण व्यक्तित्व की धनी थीं।
1949 में ली भारतीय नागरिकता
वर्ष 1949 में इन्होंने अपनी इच्छा से भारतीय नागरिकता ले ली थी। मदर टेरेसा के भारतीय न होते हुए भी उन्होंने हमारे देश को बहुत कुछ दिया है। आज जब वे हमारे बीच नहीं हैं फिर भी पूरी दुनिया में उनके कार्य को एक मिसाल की तरह जाना जाता है।