Nobel Prize 2023: साल 2023 के लिए अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार 2023 क्लाउडिया गोल्डिन को प्रदान किया गया है।
उनको यह प्रतिष्ठित पुरस्कार “महिलाओं के श्रम बाज़ार के परिणामों के बारे में हमारी समझ को उन्नत करने के लिए” के लिए प्रदान किया गया है। नोबेल पुरस्कार के समकक्ष स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार अर्थशास्त्र से जुड़े मानव कल्याणकारी कार्यों और शोधों के लिए प्रदान किया जाता है।
आधुनिक आर्थिक विज्ञान में क्लाउडिया गोल्डिन का योगदान
वर्ष 2023 की आर्थिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउडिया गोल्डिन को श्रम बाजार में लिंग भेद के प्रमुख कारकों और तत्त्वों को उजागर करने का श्रेय दिया जाता है.
उन्होंने सदियों से महिलाओं की कमाई और श्रम बाजार में भागीदारी का पहला व्यापक विवरण प्रदान किया है। उनके शोध से परिवर्तन के कारणों के साथ-साथ शेष लिंग अंतर के मुख्य स्रोतों का भी पता चलता है।
क्लाउडिया गोल्डिन के बारे में नोबल फाउंडेशन की टिपण्णी
नोबल फाउंडेशन ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर क्लाउडिया गोल्डिन के बारे में लिखा है, “अभिलेखों को खंगालकर और ऐतिहासिक आंकड़ों को संकलित और सही करके, क्लाउडिया गोल्डिन नए और आश्चर्यजनक तथ्य प्रस्तुत करने में सक्षम रही हैं। तथ्य यह है कि महिलाओं की पसंद अक्सर शादी और घर और परिवार की जिम्मेदारी तक ही सीमित रही है और रहेगी, यह उनके विश्लेषण और व्याख्यात्मक मॉडल के केंद्र में है।”
नोबल फाउंडेशन के अनुसार, “उनकी अंतर्दृष्टि अमेरिका की सीमाओं के बाहर तक पहुंचती है और कई अन्य देशों में भी इसी तरह के पैटर्न देखे गए हैं। उनका शोध हमें कल, आज और कल के श्रम बाजारों की बेहतर समझ प्रदान करता है।”
स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार
नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान यानी अर्थशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
आर्थिक विज्ञान यानी अर्थशास्त्र पहला पुरस्कार 1969 में रैगनर फ्रिस्क और जान टिनबर्गेन को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रदान किया गया था।
अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भारतीय
अर्थशास्त्र (आर्थिक विज्ञान) का नोबेल प्राइज अभी भारत से जुड़े मात्र दो व्यक्तियों को प्रदान किया है। अमर्त्य सेन इस क्षेत्र में यह पुरस्कार पाने वाले भारत के पहले व्यक्ति है।
अमर्त्य सेन को कल्याणकारी अर्थशास्त्र में उनके योगदान के लिए 1998 का नोबेल प्राइज दिया गया था। जबकि यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय अभिजित बनर्जी है। उन्हें दो अन्य विद्वानों के साथ संयुक्त रूप से यह पुरस्कार वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए प्रदान किया गया था।
अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में नहीं इस पुरस्कार जक जिक्र
बता दें, नोबेल पुरस्कारों की शुरुआत अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के मुताबिक की गई है। उनकी वसीयत में केवल पांच नोबेल पुरस्कारों (चिकित्सा, भौतिकी, रसायन शास्त्र और शांति) का जिक्र है।
अर्थ शास्त्र में यह पुरस्कार स्वीडन के रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रदान किया जाता है। इसकी शुरुआत 1968 में स्वीडन के केंद्रीय बैंक “स्वेरिजेस रिक्सबैंक” द्वारा प्रदत्त वित्त पोषण से की गई थी। इसका संचालन भी नोबेल फाउंडेशन द्वारा ही किया जाता है।
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