CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए, चीफ जस्टिस ने नराजगी जाहिर की है, चीफ जस्टिस ने महाधिवक्ता से कहा कि जब तक ये रोड ठीक नहीं होगी, आप ऐसे ही आएंगे और जाएंगे।
खराब सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में शासन की ओर से कहा गया कि विधानसभा की जर्जर सड़क को बनाने के लिए 22.5 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे , लेकिन आचार संहिता के चलते टेंडर जारी नहीं किया गया है।
न्याय मित्रों ने डिवीजन बेंच को बताया कि जनहित के कामों में आचार संहिता लागू नहीं होती। इसके बाद चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने टेंडर जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही एडवोकेट जनरल को पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखने के लिए कहा है।
न्याय मित्रों ने रोड को लेकर की थी अपनी रिपोर्ट पेश
प्रदेश भर (CG News) की जर्जर सड़कों को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्याय मित्रों ने रेफरेंस रोड को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि रायपुर एयरपोर्ट तक जाने वाली सड़क पर धनेली के पास और विधानसभा मार्ग की हालत खस्ता है। सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हैं। स्ट्रीट लाइट भी नहीं जल रही है। रात में हादसे की आशंका रहती है।
कोर्ट ने कहा पेश करें स्टेटस
कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर की और स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए (CG News)। उप महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण और सौंदर्यीकरण के लिए राज्य शासन ने करीब 22.5 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी हैं,
लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावी होने के कारण काम शुरू नहीं हो सका है और टेंडर जारी नहीं हो पा रहा है।
जनहित के कामों में आचार संहिता नहीं
शासन के जवाब पर न्याय मित्रों ने डिवीजन बेंच को बताया कि जनहित के मामलों में अगर हाईकोर्ट आदेश जारी करता है, तो आचार संहिता उल्लंघन का मामला नहीं बनेगा।
कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित को ध्यान में रखकर NHAI और PWD को टेंडर प्रक्रिया पूरी करने और निर्माण कार्य जारी रखने के निर्देश दिए हैं।
अफसरों के जवाब पर जताई नाराजगी
सड़कों की स्थिति और स्ट्रीट लाइट्स को लेकर अफसरों के जवाब पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान ‘अधिकारियों ने गलत शपथ पत्र दिया, जबकि लाइटें नहीं जल रही हैं, मैं दो दिन पहले ही आया हूं। महाधिवक्ता से सीजे ने कहा कि व्यवस्था को देखिए।’
2200 करोड़ रुपए का किया था फंड जारी
इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि 2200 करोड़ रुपए का हमने फंड जारी कर दिया है। कोर्ट ने पूछा दिक्कत कहां पर है, आपके अफसर शपथ पत्र में गलत जानकारी दे रहे हैं।
आज जाइए और देखकर आइए। पूरी सड़क पर गड्ढे हैं। आम आदमी का चलना मुश्किल है। जहां से रोड बाइफरकेट हो रही है, वहां पर संकेतक भी नहीं है, इसे तो देखना चाहिए।
कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि जब तक ये रोड ठीक नहीं होगी, आप ऐसे ही आएंगे और जाएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि नया रायपुर की सड़कें एकदम बढ़िया हैं।
यहां क्या दिक्कत हो रही है। पैचवर्क क्यों नहीं हो पा रहा है, पैसा तो वहां भी लग रहा है, यहां भी लगेगा।
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