हाइलाइट्स
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भोपाल मास्टर प्लान को लेकर सिटीजन फोरम की प्रेसवार्ता
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फोरम ने बताई मास्टर प्लान की कानूनी बारीकियां
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2047 के आधार पर ड्राफ्ट तैयार करना गलत
Bhopal Master Plan 2031: भोपाल मास्टर प्लान एक बार फिर अटक गया है। विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने 2047 के हिसाब से इसे बनाने को कहा है।
हालांकि जानकारों के अनुसार कानूनी रूप से संशोधित हो चुके ड्राफ्ट को कैंसिल नया ड्राफ्ट लाना पूरी तरह से गलत होगा। जिसे कोर्ट में चैलेंज भी किया जा सकता है।
3 मार्च, रविवार को इस संबंध में भोपाल सिटीजन फोरम ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर अपनी मांग भी रखी।
सिटीजन फोरम की है ये मांग
भोपाल सिटीजन फोरम ने कहा कि उन्हें 2047 के हिसाब से तैयार हो रहे ड्राफ्ट से कोई आपत्ति नहीं है। बल्कि वे बस ये चाहते हैं कि 2031 के मास्टर प्लान (Bhopal Master Plan 2031) की सभी कार्रवाई पूरी हो चुकी है।
सिर्फ उसे लागू करने के लिए एक नोटिफिकेशन की जरूरत है, इसलिए इसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
क्या कहता है टीएंडसीपी एक्ट
अर्बन डिपार्टमेंट में डिप्टी सेक्रेटरी पोस्ट से रिटायर हुई वर्षा नार्वेकर ने कहा कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट की धारा 18 में उसे लागू करने या खारिज करने का प्रावधान है। वहीं धारा 19 इसकी आगे की प्रक्रिया है।
भोपाल मास्टर प्लान 2031 (Bhopal Master Plan 2031) में धारा 18 और धारा 19 (1), (2) (3) के तहत कार्रवाई हो चुकी है। मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर आई आपत्तियों की सुनवाई भी पूरी हो गई है।
ऐसे में अब सिर्फ इसे लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करना है। इस स्टेज पर आकर पुराने ड्राफ्ट को कैंसिल कर नये ड्राफ्ट की तैयारी में लगना कानून रूप से सही नहीं होगा।
मास्टर प्लान नहीं होने से ही बढ़ी अवैध कालोनियां
रिटायर्ड डीजीपी अरूण गुर्टू ने कहा कि भोपाल का मास्टर प्लान (Bhopal Master Plan 2031) 19 साल पहले ही खत्म हो चुका है।
19 साल तक प्रदेश की राजधानी में कोई मास्टर प्लान लागू नहीं होने से ही यहां अवैध कालोनियां बढ़ती चली गई। बड़ा तालाब का कैचमेंट खत्म हो रहा है।
हमारे पानी के सोर्स बर्बाद हो रहे हैं। यदि अब मास्टर प्लान लागू नहीं हुआ तो एमपी की राजधानी भोपाल के और बुरे हाल हो जाएंगे।
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तो क्या भविष्य की प्लानिंग करना गलत है!
बिल्कुल नहीं, पूर्व मर्चेन्ट नेवी हरीश भवनानी कहते हैं कि एक्ट में ये प्रावधान है कि मास्टर प्लान लागू हो जाने के बाद भी आपका उसका रिवीजन कर जरूरी संशोधन कर सकते हैं।
मास्टर प्लान 2031 (Bhopal Master Plan 2031) को लागू कर कर उसके बाद नया मास्टर प्लान बनाया जाना चाहिए। वैसे भी यदि आप 2005 के बाद सीधे 2047 के लिए मास्टर प्लान बनाएंगे तो ये तकनीकी रूप से भी गलत होगा।
क्योंकि चीजें इतनी तेजी से बदल रही हैं कि आप 20 से 30 साल का प्लान नहीं कर सकते। भोपाल का बीआरटीएस इसका उदाहरण है जो 10 साल भी नहीं चल पाया।
अमृत मास्टर प्लान को रोका जाना गलत
भोपाल सिटीजन फोरम के ही कमल राठी ने कहा कि भोपाल अमृत शहर है और इसका मास्टर प्लान अमृत मास्टर प्लान है। जिसे सालों तक रोका जाना सही नहीं होगा।
2031 का मास्टर प्लान जो आया है उसे लागू करना चाहिए। फोरम के ही सुरेंद्र तिवारी कहते हैं कि मास्टर प्लान के नियम पहले से निर्धारित है। ऐ
से में जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे इस पर अपनी राय दे, बाकी काम और प्लानिंग एक्सपर्ट पर छोड़ दे। शहर हित में मास्टर प्लान को रोका जाना किसी के हित में नहीं है।