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China: जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ चीन में प्रदर्शन तेज, जिनपिंग सरकार कर रही बल का प्रयोग, जानें कैसे हुए प्रदर्शन की शुरूआत

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Bansal News
China: जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ चीन में प्रदर्शन तेज, जिनपिंग सरकार कर रही बल का प्रयोग, जानें कैसे हुए प्रदर्शन की शुरूआत

China: चीन में जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ लोग सड़क पर उतर आए हैं। बीजिंग से शुरू हुआ ये प्रदर्शन अब 13 बड़े शहरों तक पहुंच गया है। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए लाठी चार्ज से लेकर लोगों को गिरफ्तारी भी की, लेकिन लोगों का गुस्सा खत्म नहीं हो रहा है। बीते रविवार को रातभर लोग सड़कों पर प्रदर्शन करते रहे। इस दौरान लोग नारेबाजी करते हुए लॉकडाउन हटाने और आजादी देने की मांग कर रहे थे।

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हमारी आजादी दे दो

चीन में हो रहे विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा- हमें फ्रीडम ऑफ प्रेस, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन, फ्रीडम ऑफ मूवमेंट चाहिए। हमें हमारी आजादी दे दो। लोग राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस्तीफे की मांग भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि इसी साल अक्टूबर में शी जिनपिंग तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने हैं। ऐसे में इस तरह का विरोध प्रदर्शन उनके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चीन के लोग जिनपिंग की नीतियों से बेहद गुस्से में हैं।

https://twitter.com/IamBenzion/status/1597276354751664128?s=20&t=oIrX3zxrw4NVZXi5TdvvUg

घटना की शुरुआत कैसे हुई?

दरअसल, 24 नवंबर को चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में एक अपार्टमेंट के 15वें फ्लोर पर आग लग गई। देखते ही देखते आग कई और फ्लोर में फैल गई। आग से बचने के लिए लोग बाहर की तरफ भगे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया, यानी मरने के लिए छोड़ दिया गया । वजह थी कोविड लॉकडाउन। दूसरी ओर सख्त जीरो कोविड नीति की वजह से दमकलकर्मियों के आने में भी देरी हुई। 5 घंटे तक आग पर काबू करने के लिए कोई इंतजाम नहीं हुआ। इससे 10 लोगों की झुलसने और धुएं में दम घुटने से मौत हो गई। उरुमकी में आग की घटना चीन के सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और वहां राष्ट्रपति जिनपिंग के खिलाफ विरोध की चिंगारी भड़क गई।

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[caption id="attachment_174203" align="alignnone" width="947"]publive-image इसी बिल्डिंग में आग लगी थी, जिसके कारण विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ।[/caption]

चीन में मौजूदा विरोध की चर्चा इसलिए भी है क्योंकि यहां प्रदर्शन, आलोचना करना आसान नहीं है। पहले भी लोगों ने आलोचना की और वो गायब हो गए। कई जेल में ठूंस दिए गए। सबसे बड़ा उदाहरण तो 2020 में ही देखने को मिला जब ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा और एंट ग्रुप के फांउडर जैक मा ने 24 अक्टूबर 2020 को सरकार की नीतियों की अलोचना की और इसके बाद वो कभी सार्वजनिक मंच पर नहीं दिखाई दिए उससे पहले रेन झिकियांग के साथ भी यही हुआ। झिकयांग चीन के रियल स्टेट टायकून और कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हैं। 12 मार्च 2020 को जिनपिंग की कोविड नीति की आलोचना की। सितंबर 2020 में भ्रष्टाचार के आरोप लगे, एक दिन की सुनवाई हुई। उसके बाद 18 साल की सजा सुनाई गई।

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कई डिफेंस एक्सपर्ट का मानना है कि चीन में इतने बड़े स्तर पर प्रदर्शन होना बड़ी बात है। प्रदर्शन होने की 2 मुख्य वजहें हैं। एक तो चीन ने बहुत सारे देशों को कर्ज दिया है और ज्यादातर पैसा डूब गया है। चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव यानी BRI के तहत कई प्रोजेक्ट कोलैप्स हो चुके हैं। ऐसे में चीन ने जो करोड़ों रुपए का निवेश किया था, वो डूब गया है। वहीं दूसरी वजह है जिनपिंग ने जिस तरह से कोरोना को हैंडल किया है, उससे वहां के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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