हाइलाइट्स
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मालवा एक्सप्रेस से अचानक 2 माह का बच्चा गायब
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चलती ट्रेन से गायब बच्चा 48 घंटे बाद इंदौर में मिला
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मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच 2 में हुई थी घटना
Gwalior News: वैष्णो देवी के दर्शन कर झांसी जा रहे छतरपुर के दंपती का 2 महीने का बेटा मालवा एक्सप्रेस से अचानक गायब हो गया। आपको बता दें कि (Gwalior News) डबरा में जब परिवार की नींद खुली तो बच्चा सीट से गायब देख होश उड़ गए। मामला 6 अप्रैल की रात 11 से 2.30 बजे के बीच का है।
हैरानी की बात तो ये है कि इंदौर GRP को वहां के एक दंपती ने यह कहते हुए बच्चा सौंपा कि उन्हें 8 अप्रैल को बच्चा (Gwalior News) मालवा एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में ऊपर की बर्थ पर लावारिस मिला था।
मालवा एक्सप्रेस से 2 माह का बच्चा गायब: वैष्णो देवी दर्शन कर लौट रहा था परिवार, जानें फिर 48 घंटे बाद कैसे मिला बच्चाhttps://t.co/tfjXLPxQma
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6 से 8 अप्रैल तक बच्चा कहां रहा?
इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि 6 अप्रैल की रात वाली मालवा एक्सप्रेस दोपहर 1.30 से 2 बजे के बीच इंदौर पहुंची थी, इसके बाद से 8 अप्रैल तक बच्चा कहां रहा?
दूसरा सवाल ये कि 3 दिन मामले को दबाए बैठी रही ग्वालियर (Gwalior News) GRP ने 10 अप्रैल को टीम इंदौर भेजी, जबकि बच्चे के अपहरण की FIR 7 अप्रैल को ही दर्ज कर ली गई थी।
चलती ट्रेन से अचानक गायब हुआ था बच्चा
छतरपुर के सटई थाने क्षेत्र के रजपुरा निवासी उमेश कुमार अहिरवार प्राइवेट जॉब करते हैं। 2 अप्रैल को वे पत्नी सुखवती और 2 माहीने के बेटे नमन के साथ वैष्णो देवी के दर्शन करने जम्मू कटरा गए थे।
5 अप्रैल को मालवा एक्सप्रेस ट्रेन 12920 से लौट रहे थे। अचानक रात में पत्नी को पेट में दर्द उठा तो उन्होंने दवा देकर रात 11 बजे पत्नी को बेटे के साथ 13 नंबर बर्थ पर सुलाकर उमेश 14 नंबर सीट पर सो गए।
जब 2.30 बजे रात को नींद खुली तो बेटा सीट से गायब मिला। उस समय ट्रेन ग्वालियर (Gwalior News) से डबरा के बीच दौड़ रही थी। चलती ट्रेन से बच्चा चोरी हो गया।
पत्नी की तबीयत बिगड़ने पर सुबह झांसी उतरे। इसके बाद वहां से छतरपुर चले गए। बाद में लौटकर 7 अप्रैल को जानकारी ग्वालियर GRP को दी।
इंदौर में मिला गायब बच्चा
मामले में पुलिस ने अपहरण में केस दर्ज कर (Gwalior News) सभी थानों को सूचना दी। 8 अप्रैल को पता चला कि एक बच्चा इंदौर में मिला जो कि मालवा एक्सप्रेस में ही एक दंपती को मिला था। इसके बाद उमेश वह बच्चे को लेने इंदौर पहुंचे।
7 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने एक बड़े बच्चा चोर गिरोह का किया था खुलासा
वहीं 2 दिन पहले दिल्ली में मासूमों की सौदेबाजी को लेकर सीबीआई (CBI) ने एक बड़े चोर गिरोह (Gang of child thieves ) का पर्दाफाश किया है। बता दें कि गैंग के बदमाश पैसों के लिए नवजातों की खरीद-फरोख्त को अंजाम दे रहे थे। इस काम में अस्पतालों के कर्मचारी भी शामिल थे।
सीबीआई (CBI) ने 7 अप्रैल शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए बच्चों की खरीद-फरोखत में शामिल पांच महिलाओं समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये गैंग चोरी किए गए बच्चों को सोशल मीडिया पर विज्ञापन के जरिए निःसंतान माता-पिता को बेचते थे।
CBI अफसर के मुताबिक, हमें इनपुट मिले थे, जिसके आधार पर हमारी टीम ने हरियाणा और दिल्ली के 7 ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था।
इस ऑपरेशन में हमें एक डेढ़ दिन का बच्चा तो दूसरा 15 दिन का नवजात मिला था। यह गिरोह दोनों बच्चों को बेचने की फिराक में था।
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ऐसे बेचते थे बच्चा
गिरोह (Gang of child thieves ) के पकड़े गए आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में पता चला कि ये लोग बच्चों को बेचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया करते थे।
आमतौर पर ये फेसबुक पेज, व्हाट्सएप ग्रुप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विज्ञापन देकर गोद लेने वाले इच्छुक निःसंतान दंपतियों से संपर्क किया करते थे।
4 से 6 लाख में करते थे एक बच्चे का सौदा
CBI अधिकारी के मुताबिक, ये वास्तविक माता-पिता और सरोगेट माताओं से भी बच्चा खरीदकर निःसंतान दंपतियों को बेचा करते थे।
एक नवजात की कीमत 4से 6 लाख रुपए होती थी। गिरोह (Gang of child thieves ) के लोगों ने कई निःसंतान माता-पिता के साथ लाखों रुपए की ठगी भी की थी।=
तलाशी के दौरान इनके पास से साढ़े पांच लाख रुपए नकद और गोद लेने से संबंधित कई कागजात बरामद हुए हैं।
CBI ने चोर गिरोह के इन लोगों को किया गिरफ्तार
CBI ने गैंग के सोनीपत के नीरज, दिल्ली के पश्चिम विहार की इंदु, पटेल नगर का अस्लम, कन्हैया नगर की पूजा कश्यप, माल्वीय नगर की अंजली, कविता और रितू सहित 7 लोगों को को गिरफ्तार किया।
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