नई दिल्ली। अगर आपके Child Disease In NFHS Report घर भी पांच वर्ष तक का बच्चा है। तो ये खबर आपको चौंका सकती है। जी हां हेल्थ विभाग द्वारा एक सर्वे कराया गया है जिसमें खुलासा हुआ है कि पांच साल तक के बच्चों में एनीमिया anemia की शिकायत गंभीर रूप से घेरती जा रही है। इसी के साथ यह चिंता का विषय बनती जा रही है।
आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों में कुपोषण दूर करने को लेकर करोड़ों रुपए का बजट खर्च करने के बाद ये स्थिति है। एनएफएचएस यानि नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। चिंता की बात यह है कि अगर ऐसे में कोरोना बढ़ा तो बच्चों की स्थिति पर असर पड़ सकता है।
5 वर्ष में बढ़ा 4 प्रतिशत आंकड़ा —
हेल्थ विभाग द्वारा किए गए इस सर्वे में बताया गया है कि एनिमिया की बीमारी 6 महीने से 59 महीने (5 साल) की आयु के बच्चों में अधिक बढ़ी रही है। 5 साल पहले तक जो आंकाड़ा 68.9 प्रतिशत रहता था तो वहीं अब कम होने की बजाय 4 प्रतिशत बढ़कर 72.7 पर पहुंच गया है। हालांकि शिशु के मामले में मौत का आंकड़ा जरूर कम हुआ है। रिपोर्ट में मृत्यु दर कम हुई है।
वर्ष 2015-16 के आंकडों के अनुसार प्रदेश में 15 साल से कम उम्र की जनसंख्या 30.3 प्रतिशत थी। 2020-21 में यह घटकर 26.5 प्रतिशत हो गया है। हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार 15 साल से कम उम्र की आबादी में 27.5 प्रतिशत ग्रामीण और 23.9 प्रतिशत शहरी जनसंख्या है। महिला नसबंदी 42.2 फीसदी से बढकऱ 51.9 प्रतिशत हो गई।
ग्रामीण क्षेत्र में महिला नसबंदी 55.7 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 41.5 प्रतिशत है। पुरूष नसबंदी में न के बराबर सुधार हुआ। 0.5 फीसदी से महज 0.7 फीसदी पुरूष नसबंदी करा रहे हैं।
रिपोर्ट से ये भी हुआ उजागर
— मोबाइल यूजर्स महिलाओं में 9.8 प्रतिशत की बढोतरी, 28.7 प्रतिशत से बढकऱ 38.5 प्रतिशत हुईं।
— 15 साल से अधिक उम्र के 46.5 प्रतिशत पुरूष तो 10.2 प्रतिशत महिलाएं करतीं हैं तंबाकू का सेवन
— 2019-20 में मात्र 10.5 प्रतिशत बच्चे प्री प्राइमरी स्कूल गए। शहरी क्षेत्रों में इस आयु के 15.2 फीसदी और ग्रामीण इलाकों में मात्र 9 प्रतिशत बच्चे स्कूल गए।
— अल्कोहल : 15.1 फीसदी पुरूष और 1 प्रतिशत महिलाएं लेती हैं।