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CM Mohan Yadav' Father Passes Away: सीएम मोहन यादव के पिता का 100 साल की उम्र में निधन हो गया वे एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे. उज्जैन के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। रविवार को मुख्यमंत्री भी अपने पिता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया ने सोमवार को अस्पताल जाकर उनका हाल जाना था। आज सीएम मोहन यादव का शेड्यूल व्यस्त था वे आज कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे। इसी बीच उनके पिता के निधन की खबर आई।
बुधवार सुबह निकाली जाएगी अंतिम यात्रा
बुधवार सुबह 11:30 बजे उनके निवास स्थान गीता कॉलोनी, अब्दालपुरा, उज्जैन से उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ होगी। अंतिम संस्कार शिप्रातट, भूखीमाता मंदिर के पास होगा। अंतिम यात्रा गीता कॉलोनी, सकडिया सुल्तान मंदिर, खजूर वाली मस्जिद, बुधवारिया, निकास चौराहा, तेलीवाड़ा, कंठाल, सतीगेट, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड, बड़ापुल, कार्तिक मेला ग्राउंड, भूखी माता पहुंचेगी।
सीएम मोहन यादव ने लिखी भावुक पोस्ट
https://twitter.com/DrMohanYadav51/status/1831027062804537824
सीएम मोहन करीब 11 बजे उज्जैन पहुंचे। इसके साथ ही CM मोहन यादव ने भावुक पोस्ट लिखा कि ये मेरे जीवन की अपूरणीय क्षति है।
शिवारज, वीडी शर्मा, हितानंद शर्मा ने शोक व्यक्त किया
बीजेपी प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी सीएम मोहन यादव के पिता के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि दी।
https://twitter.com/HitanandSharma/status/1830978702882045956
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पोस्ट कर लिखा कि पिता का साया उठना अपूरणीय क्षति है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी के पूज्य पिताजी श्री पूनम चंद जी यादव के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है।
सिर से पिता का साया उठ जाना जीवन की अपूरणीय क्षति है। दुःख की इस विकट घड़ी में मेरी संवदेनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं।
पूज्य पिताजी भले ही भौतिक रूप से साथ… pic.twitter.com/DsHYHSm1hS— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 3, 2024
दाल बाफले की दुकान चलाते थे पूनमचंद
संघर्ष के दिनों में सीएम मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव रतलाम से उज्जैन आए थे। यहां आकर उन्होंने सबसे पहले हीरा मिल में नौकरी की जिसके बाद उज्जैन शहर के मालीपुरा में भजिए और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान लगाई। अपने जीवन में कठिन संघर्ष किया और अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया।
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