CG Dantewada Narayanpur Encounter: छत्तीसगढ़ के इतिहास में 4 अक्टूबर शुक्रवार का दिन एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज हो गया है। जब दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सीमा पर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया।
इस ऑपरेशन में 500 से अधिक जवान शामिल थे, जिन्होंने कई पहाड़ों और नदी-नालों को पार कर नक्सलियों के कोर एरिया में पहुंचकर उनका सामना किया। जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ लथुली और नेंदूर के कठिन इलाकों में हुई, जिसमें जवानों ने अद्वितीय साहस और रणनीति का प्रदर्शन करते हुए 31 नक्सलियों को मार गिराया।
मुठभेड़ के बाद सभी नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए। इस जॉइंट ऑपरेशन को दंतेवाड़ा और नारायणपुर के डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने मिलकर अंजाम दिया।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) October 5, 2024
जवानों ने बरामद किए ये हथियार
इस सफल ऑपरेशन के बाद सर्चिंग के दौरान जवानों को मौके से कई घातक हथियार बरामद हुए, जिनमें LMG राइफल, AK-47, SLR, INSAS, और .303 राइफल शामिल हैं। इन हथियारों की बरामदगी से नक्सलियों की बड़ी तैयारी और उनके साजो-सामान का पता चलता है। (Dantewada Narayanpur encounter inside story) मुठभेड़ में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के कई प्रमुख नक्सली लीडर मारे गए हैं, जिनमें कमलेश, नीति, कमांडर नंदू, सुरेश सलाम, मलेश, और विमला शामिल हैं।
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इन नक्सलियों की मौत नक्सली संगठन के लिए एक बड़ी क्षति मानी जा रही है। इस ऑपरेशन के दौरान एक डीआरजी जवान घायल हो गया, जिनका फिलहाल रायपुर में इलाज चल रहा है। जवान की हालत में सुधार की उम्मीद की जा रही है। यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों की नक्सलियों के खिलाफ लगातार जारी सफलताओं की एक और मिसाल है।
5 राज्यों में मोस्ट वांटेड था कमलेश (CG Dantewada Narayanpur Encounter)
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य कमलेश पांच राज्यों में मोस्ट वांटेड था। वह स्पेशल जोनल कमेटी का प्रमुख सदस्य होने के साथ-साथ संगठन का प्रवक्ता भी था। कमलेश की पहचान एक कुख्यात नक्सली के रूप में (Naxalites killed in chhattisgarh) थी, और उसकी (CG Dantewada Narayanpur Encounter) गतिविधियों की वजह से वह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर था।
बताया जा रहा है कि कमलेश आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा क्षेत्र का निवासी था। वहीं, मुठभेड़ में मारी गई नीति उर्फ उर्मिला, बीजापुर जिले के गंगालूर इलाके की रहने वाली थी। वह भी नक्सली संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही थी। इन दोनों की मौत नक्सली संगठन के लिए एक बड़ी क्षति है, जिससे उनके नेटवर्क पर गहरा असर पड़ेगा।
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