Akansha Toppo Arrest: छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर एक अहम मामला सामने आया है। सरगुजा जिले में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और स्थानीय विधायक के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने आकांक्षा टोप्पो के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार कर लिया है।
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सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल
पुलिस के अनुसार, आकांक्षा टोप्पो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और क्षेत्रीय विधायक को लेकर अभद्र, अशोभनीय और मर्यादाहीन शब्दों का इस्तेमाल किया था। यह वीडियो और पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई।
पुलिस का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल सार्वजनिक मर्यादाओं के खिलाफ हैं, बल्कि इससे समाज में गलत संदेश भी जाता है। वायरल सामग्री की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की।
पत्रकार बताकर फैलाने का आरोप
सीतापुर थाना पुलिस ने बताया कि आकांक्षा टोप्पो पर यह भी आरोप है कि वह स्वयं को पत्रकार के रूप में प्रस्तुत करती थीं, जबकि वे मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हैं। इसके बावजूद वह सोशल मीडिया के जरिए झूठी और भ्रामक जानकारियां प्रसारित कर रही थीं।
पुलिस के अनुसार, इस तरह की गतिविधियों से सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा था और आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति बन रही थी। इसी आधार पर पुलिस ने इसे गंभीर मामला मानते हुए कानूनी कार्रवाई की।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं मामले
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आकांक्षा टोप्पो के खिलाफ पहले भी इसी तरह के मामलों को लेकर विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इससे पहले भी उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक और तथ्यहीन आरोप लगाने के आरोप लगे हैं।
इस ताजा मामले में आरोप है कि उन्होंने सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए शासकीय भूमि से जुड़े मुद्दे पर कथित रूप से झूठे आरोप लगाए और उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया। इस पोस्ट के बाद स्थानीय स्तर पर विवाद की स्थिति बन गई थी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर अग्रिम विवेचना शुरू कर दी है। जांच के तहत आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े सभी डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूर देता है, लेकिन इसकी आड़ में किसी के खिलाफ अपमानजनक, झूठे या भ्रामक आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ी कानूनी कार्रवाई: ईडी ने कोर्ट में 29,800 पन्नों का अंतिम चालान किया पेश, 82 आरोपियों पर चार्जशीट
छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया टिप्पणी पर कार्रवाई: इन्फ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो गिरफ्तार, मंत्री-विधायक के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला
छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणियों को लेकर पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है। आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार किया गया है।
Akansha Toppo Arrest: छत्तीसगढ़ में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर एक अहम मामला सामने आया है। सरगुजा जिले में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और स्थानीय विधायक के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने आकांक्षा टोप्पो के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध करते हुए आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार कर लिया है।
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सोशल मीडिया पोस्ट से मचा बवाल
पुलिस के अनुसार, आकांक्षा टोप्पो ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और क्षेत्रीय विधायक को लेकर अभद्र, अशोभनीय और मर्यादाहीन शब्दों का इस्तेमाल किया था। यह वीडियो और पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई।
पुलिस का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां न केवल सार्वजनिक मर्यादाओं के खिलाफ हैं, बल्कि इससे समाज में गलत संदेश भी जाता है। वायरल सामग्री की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की।
पत्रकार बताकर फैलाने का आरोप
सीतापुर थाना पुलिस ने बताया कि आकांक्षा टोप्पो पर यह भी आरोप है कि वह स्वयं को पत्रकार के रूप में प्रस्तुत करती थीं, जबकि वे मान्यता प्राप्त पत्रकार नहीं हैं। इसके बावजूद वह सोशल मीडिया के जरिए झूठी और भ्रामक जानकारियां प्रसारित कर रही थीं।
पुलिस के अनुसार, इस तरह की गतिविधियों से सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा था और आम जनता के बीच भ्रम की स्थिति बन रही थी। इसी आधार पर पुलिस ने इसे गंभीर मामला मानते हुए कानूनी कार्रवाई की।
पहले भी दर्ज हो चुके हैं मामले
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आकांक्षा टोप्पो के खिलाफ पहले भी इसी तरह के मामलों को लेकर विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इससे पहले भी उन पर सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक और तथ्यहीन आरोप लगाने के आरोप लगे हैं।
इस ताजा मामले में आरोप है कि उन्होंने सीतापुर विधानसभा क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए शासकीय भूमि से जुड़े मुद्दे पर कथित रूप से झूठे आरोप लगाए और उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया। इस पोस्ट के बाद स्थानीय स्तर पर विवाद की स्थिति बन गई थी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
मामले को गंभीर मानते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर अग्रिम विवेचना शुरू कर दी है। जांच के तहत आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मामले से जुड़े सभी डिजिटल साक्ष्यों की जांच की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जरूर देता है, लेकिन इसकी आड़ में किसी के खिलाफ अपमानजनक, झूठे या भ्रामक आरोप लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
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