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CG Mahtari Statue Controversy: छत्तीसगढ़ के महासमुंद में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को लेकर खड़ा हुआ विवाद अब शांत होता नजर आ रहा है। लंबे समय से चल रहे इस मामले में न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने जब्त की गई छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को वापस छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा को सौंप दिया है। मूर्ति की वापसी के बाद क्षेत्र में खुशी और उत्साह का माहौल देखा गया।
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क्या था पूरा विवाद
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दरअसल, छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा द्वारा 28 नवंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग 53 पर छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति स्थापित करने की तैयारी की जा रही थी। इसी दौरान नेशनल हाईवे पेट्रोलिंग टीम ने इस पर आपत्ति जताई और तुमगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर मूर्ति स्थापित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
जब किसान मोर्चा के सदस्यों ने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 285, 3(5) और राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम की धारा 8-B के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को जब्त कर कौवाझर पंचायत में सुरक्षित रख दिया गया।
कोर्ट में पहुंचा मामला
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इस पूरे मामले को लेकर किसान मोर्चा की ओर से न्यायालय में आवेदन दिया गया। 23 दिसंबर को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान आवेदक अनिल दुबे की जमानत मुचलका स्वीकार की गई। इसके साथ ही न्यायालय ने तुमगांव पुलिस को स्पष्ट आदेश दिया कि जब्त की गई छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को आवेदक को सुपुर्द किया जाए।
पुलिस ने सौंपी मूर्ति
न्यायालय के आदेश के पालन में पुलिस ने नायब तहसीलदार की मौजूदगी में छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों को सौंप दिया। इस दौरान पूरी प्रक्रिया को कानूनी और प्रशासनिक नियमों के तहत पूरा किया गया।
गांव में दिखा उत्साह
मूर्ति मिलने के बाद छत्तीसगढ़ किसान मोर्चा के सदस्यों ने बाजे-गाजे के साथ गांव में मूर्ति की शोभायात्रा निकाली। ग्रामीणों ने फूल-मालाओं से छत्तीसगढ़ महतारी का स्वागत किया। कई लोगों ने इसे छत्तीसगढ़ की अस्मिता और संस्कृति से जुड़ा विषय बताया।
प्रशासन और कानून व्यवस्था पर चर्चा
इस पूरे घटनाक्रम के बाद एक बार फिर यह सवाल उठा है कि सार्वजनिक स्थलों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर मूर्ति स्थापना को लेकर स्पष्ट नीति और संवाद कितना जरूरी है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि कानून और यातायात व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है, वहीं किसान मोर्चा इसे जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा बता रहा है।
फिलहाल, कोर्ट के आदेश के बाद मामला शांत होता दिखाई दे रहा है और छत्तीसगढ़ महतारी की मूर्ति को लेकर उपजा विवाद अब सुलझता नजर आ रहा है।
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