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27 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर गैंगस्टर मयंक सिंह: झारखंड से रायपुर लेकर आई है छत्तीसगढ़ पुलिस, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हैं तार

झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को छत्तीसगढ़ पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया है। झारखंड से रायपुर तक 14 घंटे के सफर में दोनों राज्यों के करीब 15 अधिकारी साथ रहे।

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Harsh Verma
Gangster Mayank Singh

Gangster Mayank Singh:झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह को आज रायपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसे 27 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया. रायपुर पुलिस चार दिनों तक कई मामलों पर मयंक सिंह से पूछताछ करेगी, जिसमें कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। बता दें कि रायपुर और झारखंड में मयंक के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। आज ही उसे छत्तीसगढ़ पुलिस झारखंड से रायपुर लेकर पहुंची है। जानकारी के अनुसार, 23 दिसंबर की रात करीब 10 बजे पुलिस टीम झारखंड से रवाना हुई थी और करीब 14 घंटे बाद रायपुर पहुंची। इस दौरान दोनों राज्यों के लगभग 15 पुलिस अधिकारी सुरक्षा में तैनात रहे।

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रायपुर कोर्ट ने मयंक सिंह के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी किया था, जिसके बाद उसे झारखंड की जेल से रायपुर लाया गया। वह फिलहाल झारखंड की जेल में न्यायिक हिरासत में बंद था। छत्तीसगढ़ में दर्ज मामलों को देखते हुए पुलिस पहले से ही उसकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी।

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अमन साव गैंग और लॉरेंस बिश्नोई से संबंध

Jharkhand's Most Wanted Criminal, Lawrence Bishnoi's Aide Mayank Singh Set  For Extradition From Azerbaijan

मयंक सिंह को झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का करीबी माना जाता है। अमन साव का पहले ही पुलिस एनकाउंटर हो चुका है। इसके अलावा मयंक के संबंध अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से भी बताए जाते हैं। चर्चा है कि दोनों की दोस्ती बचपन से रही है, जिससे उसका नेटवर्क और मजबूत हुआ।

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रायपुर में कारोबारी के दफ्तर पर फायरिंग का आरोप

जुलाई 2024 पीआर ग्रुप के ऑफिस में आरोपियों ने गोली चलाई थी।

जुलाई 2024 में रायपुर के कोयला कंस्ट्रक्शन कारोबारी प्रहलाद राय और पीआर ग्रुप के संचालक के कार्यालय पर दिनदहाड़े फायरिंग की घटना हुई थी। CCTV फुटेज में बाइक सवार आरोपी दो बार गोली चलाते दिखे थे। पुलिस के अनुसार, इस पूरी घटना की साजिश मयंक सिंह ने रची थी और वही इसका मुख्य आरोपी है।

मयंक सिंह लंबे समय तक विदेश में रहकर अपने आपराधिक नेटवर्क का संचालन कर रहा था। हाल ही में उसे इंटरपोल की मदद से अजरबैजान से भारत लाया गया। यह झारखंड का पहला ऐसा मामला माना जा रहा है, जिसमें किसी गैंगस्टर को विदेश से प्रत्यर्पित किया गया। रांची एयरपोर्ट से जेल तक उसे बख्तरबंद वाहन में कड़ी सुरक्षा के बीच ले जाया गया था।

45 से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मयंक सिंह पर हत्या, रंगदारी, धमकी, फायरिंग और आपराधिक साजिश जैसे 45 से अधिक छोटे-बड़े मामले दर्ज हैं। उसने उद्योगपतियों, कारोबारियों और नेताओं से भी रंगदारी मांगी है। राजस्थान में एक कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री से रंगदारी मांगने का मामला भी सामने आ चुका है। पुलिस अब उसे अमन साव गैंग के बचे हुए नेटवर्क की अहम कड़ी मानकर पूछताछ की तैयारी कर रही है।

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