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CG Weather Update
CG Weather Update: बंगाल की खाड़ी में पूर्वी समुद्र क्षेत्र में उठे निम्न दबाव (Low Pressure Area) ने अचानक तीव्र गति से गहराई पकड़ी और अब वह चक्रवाती रूप लेकर दितवाह में बदल चुका है। मौसम विभाग (Meteorological Department) ने जानकारी दी है कि अगले 24 से 36 घंटे में यह चक्रवात उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ेगा, जिससे उत्तर भारत और छत्तीसगढ़ सहित आसपास के क्षेत्रों में ठंडी हवाओं एवं तापमान में गिरावट की स्थिति बन सकती है।
छत्तीसगढ़ में शीतलहर लौटने की संभावना
विशेषज्ञों के अनुसार, समुद्र की सतह का तापमान 28–30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने से यह चक्रवाती तंत्र जन्मा और तेज़ी से मजबूत हुआ। बंगाल की खाड़ी में ऐसे चक्रवात अक्सर मौसम को अचानक बदल देते हैं और इस बार ‘दितवाह’ की दिशा देखते हुए छत्तीसगढ़ में शीतलहर (Cold Wave) लौटने की संभावना जताई जा रही है।
राजधानी रायपुर में फिलहाल रात का तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.7 डिग्री अधिक था। हालांकि, अगले 24 घंटे के भीतर तापमान में गिरावट हो सकती है। मप्र-छत्तीसगढ़ के सीमानक क्षेत्र, जैसे अंबिकापुर, में पारा पहले ही 6 डिग्री तक लुढ़क चुका है — जो सामान्य से करीब 4.9 डिग्री कम है। स्थानीय मिजाज देखते हुए, राज्य के उत्तरी और मध्य भागों में ठंड की वापसी के साथ सुबह-संध्या को हवा में कड़कड़ाहट महसूस होने की संभावना है।
न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान
पहाड़ी व ऊंचाई वाले इलाकों में पहले ही सुबह-सवेरे घना कोहरा (Dense Fog) देखा जा रहा है, जिससे गाड़ियों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। इसके साथ ही, उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाएं और ‘दितवाह’ का असर मिलकर तापमान में तेज गिरावट ला सकती हैं। अगले दो-तीन दिनों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे रहने का अनुमान है।
हालाँकि, मौसम विभाग ने साफ किया है कि इस चक्रवात से छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना लगभग नहीं है। चक्रवात दितवाह का असर अधिकतम पूर्वी तटीय राज्यों जैसे तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश तक सीमित रहने की उम्मीद है। यह 30 नवंबर के आसपास इन राज्यों को प्रभावित कर सकता है, जबकि छत्तीसगढ़ व मध्य भारत में सिर्फ ठंडी हवाओं और तापमान में गिरावट देखी जा सकती है।
धान की कटाई और मिंजाई का चल रहा काम
जिस समय प्रदेश में सर्दी की वापसी हो रही है, वहीं कई स्थानों पर धान की कटाई और मिंजाई (पुआल निकालना) का काम चल रहा है। मौसम विभाग ने बारिश की संभावना न होने की जानकारी दी है — जो किसानों के लिए राहत की बात है, क्योंकि बारिश से कटाई गई व कटी फसल को नुकसान हो सकता था।
अंततः, ‘दितवाह’ से छत्तीसगढ़ में मौसम एक बार फिर करवट बदलने वाला है। यदि हवा की दिशा और गति बदलती है, तो राज्य में आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है स्कूल-कॉलेजों में सुबह देरी, फसलों व वाहनों की देख-रेख, और घरों में हीटिंग या अलाव की ज़रूरत फिर महसूस होने लगेगी।
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