Advertisment

CG Land Guideline: छत्तीसगढ़ में नई कलेक्टर गाइडलाइन दरों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, विरोध के बीच CM साय का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

CG Land Guideline: छत्तीसगढ़ में जमीन की नई कलेक्टर गाइडलाइन दरों में अचानक 100% से बढ़कर कई क्षेत्रों में 800% तक उछाल दर्ज हुई है। इससे जनता, किसानों व व्यापारियों में नाराज़गी फैल गई है। बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री साय का बयान आया है।

author-image
Harsh Verma
Vishnu deo sai

CG Land Guideline: छत्तीसगढ़ में जमीन खरीद–फरोख्त के लिए जारी हुई नई कलेक्टर गाइडलाइन (Collector Guideline) दरों ने पूरे राजनीतिक माहौल को हिला दिया है। इस साल जो संशोधित दरें लागू की गई हैं, उनमें कई ज़िलों में जमीन की कीमतें 100% तक और कुछ क्षेत्रों में चौंकाने वाली 800% तक बढ़ गई हैं। ऐसे अचानक बढ़े मूल्य आमजन, किसान, व्यापारी और व्यवसाय जगत के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं।

Advertisment

नयी गाइडलाइन के लागू होते ही सबसे पहले प्रतिक्रिया जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों से सामने आई। कई लोगों ने कहा कि पहले जिस प्लॉट की कीमत मुमकिन लगती थी, अब वह उनकी पहुंच से बाहर हो गई है। ग्रामीण इलाकों में किसानों ने चिंता जताई कि महंगी गाइडलाइन से रजिस्ट्री महंगी होगी, जिससे बिक्री कठिन और खरीदार कम होंगे। शहरी क्षेत्रों में बिल्डर्स और रियल एस्टेट कारोबारियों ने इसे बाज़ार की गति को धीमा करने वाली स्थिति बताया।

यह भी पढ़ें: CG Tour Package: छत्तीसगढ़ में शुरू होने वाली है ये खास योजना! रायपुर-बस्तर के पर्यटन स्थलों पर मिलेगा घूमने का मौका, जानें डिटेल्स

जनता पर भार नहीं बढ़ने देंगे- CM साय

लगातार बढ़ते विरोध के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सामने आए और उन्होंने साफ कहा "सरकार जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी।"

Advertisment

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2017 के बाद पहली बार गाइडलाइन में संशोधन हुआ है। नियम के अनुसार दरों में हर साल समीक्षा और बदलाव की आवश्यकता होती है, लेकिन कई वर्षों से यह प्रक्रिया नहीं हुई थी। उनके अनुसार दरें बढ़ाने के सकारात्मक पहलू भी हैं, जैसे सरकारी राजस्व (Government Revenue) का बढ़ना और रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता, पर आम नागरिक अभी इन्हें महसूस नहीं कर पा रहे हैं।

CM ने यह भी संकेत दिया कि यदि जनता पर सीधा बोझ बढ़ता दिखा, तो सरकार विकल्पों पर विचार कर सकती है। इसका मतलब है कि आगे चलकर गाइडलाइन में संशोधन या राहत संभव है। राजनीतिक दल भी इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेर रहे हैं, जबकि प्रशासन के पास इसे बैलेंस करने की चुनौती है।

विरोध तेज, सरकार दबाव में

राज्य में कई जगह धरने, ज्ञापन और सोशल मीडिया अभियान शुरू हो चुके हैं। किसान संगठनों का कहना है कि जमीन सिर्फ संपत्ति नहीं, जीवन का आधार है और उसकी कीमत में कई गुना वृद्धि सीधे जीवन पर असर डालेगी। व्यापारी समुदाय का कहना है कि तेज बढ़ोतरी व्यावसायिक लेनदेन को कमजोर कर सकती है।

Advertisment

अब यह सिर्फ आर्थिक मुद्दा नहीं, बल्कि राजनीतिक सवाल बन चुका है। आने वाले हफ्तों में सरकार का अगला कदम निर्णायक हो सकता है। यदि राहत मिलती है तो आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, और यदि संशोधन नहीं होता तो इसका असर आने वाले चुनावी समीकरणों तक पहुंच सकता है।

यह भी पढ़ें: CG Mausam: छत्तीसगढ़ में शीत लहर का अलर्ट, उत्तर और मध्य हिस्सों में 6 से 9 दिसंबर तक बढ़ेगी ठंड, अंबिकापुर में पारा 4.6°C तक गिरा

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें