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CG Medical College Protest: छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉलेजों में बवाल, स्टेट कोटा 50% से घटाकर 25% करने पर बस्तर में छात्रों का प्रदर्शन

जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में छात्रों ने स्टेट कोटा 50% से घटाकर 25% किए जाने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि इससे स्थानीय युवाओं और चिकित्सा व्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा।

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Shashank Kumar
CG Medical College Protest

CG Medical College Protest

CG Medical College Protest: डिमरापाल स्थित मेडिकल कॉलेज में सोमवार की शाम अचानक माहौल गर्मा गया, जब बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं प्रशासनिक भवन के सामने इकट्ठा होकर स्टेट कोटा में भारी कटौती (medical quota reduction) के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। छात्रों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा एमबीबीएस स्टेट कोटा 50% से घटाकर 25% किए जाने का फैसला प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह विरोध धीरे-धीरे आंदोलन का रूप लेता दिख रहा है, जो सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। 

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छात्रों का आरोप- “निर्णय से छत्तीसगढ़ को नुकसान”

प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर जमकर नारेबाजी की और सरकार पर स्वास्थ्य व्यवस्था की अनदेखी करने का आरोप लगाया। छात्रों का कहना है कि जिस प्रदेश में पहले से डॉक्टरों की भारी कमी है, वहां सीटें घटाकर राज्य के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। 

एमबीबीएस छात्रा तेजस्विनी शर्मा ने कहा कि स्टेट कोटा घटाने का यह फैसला न सिर्फ छात्रों बल्कि पूरे प्रदेश की चिकित्सा प्रणाली को कमजोर करेगा। उनके अनुसार- “जूनियर डॉक्टरों पर अभी ही वर्क लोड बहुत ज्यादा है। अगर सीटें आधी हो गईं, तो आने वाले वर्षों में डॉक्टरों की संख्या और घटेगी, जिसका सीधा असर अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ेगा।”

तेजस्विनी ने यह भी स्पष्ट किया कि विरोध अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा और छात्र हर स्तर पर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाएंगे। 

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“50% सीट वापस चाहिए”

छात्र संघ के मनोज यादव ने कहा कि स्टेट कोटा घटाने से स्थानीय छात्रों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उनका कहना है कि सीट कम होने पर बाहर के राज्यों के छात्र यहां पढ़कर लौट जाएंगे, जबकि छत्तीसगढ़ के युवाओं को मेडिकल शिक्षा में प्रवेश पाना और कठिन हो जाएगा।

मनोज यादव ने चेतावनी दी- “हमारी 50% सीट वापस (Chhattisgarh MBBS quota row) चाहिए। अगर निर्णय नहीं बदला गया, तो यह आंदोलन सड़कों तक जाएगा। हम किसी भी तरह पीछे नहीं हटेंगे।” 

डॉक्टरों का तर्क- “PG पढ़ते नहीं देखना चाहती सरकार”

डॉ. प्रशांत ने भी छात्र आंदोलन का समर्थन करते हुए राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति से ऐसा लगता है कि वह चाहती ही नहीं कि छत्तीसगढ़ के छात्र यहां PG (Post Graduation) करें और प्रदेश के अस्पतालों में सेवा दें।

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उनके अनुसार, “अगर सीटें कम कर दी गईं तो PG करने वाले स्थानीय स्टूडेंट्स की संख्या घटेगी और यह सीधे-सीधे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था (medical education policy) पर हमला है। हम इस फैसले को कोर्ट में भी चुनौती दे चुके हैं। ज़रूरत पड़ी तो रायपुर जाकर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।”

प्रदर्शन से सरकार पर बढ़ा दबाव 

डिमरापाल मेडिकल कॉलेज का यह विरोध बस्तर क्षेत्र में बड़ा मुद्दा बन चुका है। छात्रों की एक ही मांग है- “MBBS स्टेट कोटा पुनः 50% किया जाए।” अचानक शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों तक पहुंच सकता है। 

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