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CG land Guideline Congress Protest: छत्तीसगढ़ में जमीन की गाइडलाइन दरों में भारी बढ़ोतरी के बाद कांग्रेस ने राज्य भर में बड़ा विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि नई दरों से आम लोगों पर सीधा आर्थिक बोझ बढ़ा है, इसलिए इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। इसी मुद्दे को लेकर आज प्रदेश के सभी जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे और उसके बाद जिला मुख्यालयों में पत्रकार वार्ता आयोजित की जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी महामंत्री मल कीत सिंह गैदू ने सभी जिला अध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे विरोध को मजबूती से रखें और जनता की आवाज प्रशासन तक पहुंचाएं। गैदू का कहना है कि जब तक बढ़ी हुई गाइडलाइन दरें वापस नहीं ली जातीं, तब तक कांग्रेस का आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
कांग्रेस का आरोप: नई गाइडलाइन दरें आम आदमी पर बड़ा बोझ
कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने भूमि की गाइडलाइन दरों को इतनी तेजी से और इतनी ज्यादा बढ़ा दिया है कि आम खरीदार के लिए घर या जमीन लेना बेहद मुश्किल हो गया है। पार्टी का आरोप है कि नई दरें जनता की जेब पर सीधा भारी असर डालती हैं।
रजिस्ट्री शुल्क कई गुना बढ़ गया है
गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर सबसे ज्यादा बोझ बढ़ा है। नई गाइडलाइन दरों की तुलना: कितना बढ़ा बोझ? नीचे दिए गए आंकड़े यह स्पष्ट बताते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए लोगों को अब पहले की तुलना में कितनी ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है।
नई गाइडलाइन दरों की तुलना: कितना बढ़ा बोझ?
नीचे दिए गए आंकड़े यह स्पष्ट बताते हैं कि जमीन की रजिस्ट्री के लिए लोगों को अब पहले की तुलना में कितनी ज्यादा रकम चुकानी पड़ रही है:
| क्रमांक | क्षेत्रफल | पहले रजिस्ट्री शुल्क | अब रजिस्ट्री शुल्क |
|---|---|---|---|
| 1 | 100 वर्गफीट | ₹52,500 | ₹5,25,000 |
| 2 | 1200 वर्गफीट | ₹63,000 | ₹6,30,000 |
| 3 | 1500 वर्गफीट | ₹78,500 | ₹7,85,000 |
| 4 | 2000 वर्गफीट | ₹1,05,000 | ₹10,50,000 |
| 5 | 2500 वर्गफीट | ₹1,21,000 | ₹12,10,000 |
इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि रजिस्ट्री शुल्क कई जगह पांच गुना तक बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी क्षेत्र की सरकारी गाइडलाइन दर पहले ₹1000 प्रति वर्गफीट थी, तो 1000 वर्गफीट का प्लॉट लेने पर टैक्स लगभग ₹1,05,000 लगता था। नई दरों में गाइडलाइन को बढ़ाकर ₹5000 प्रति वर्गफीट कर दिया गया है, जिससे अब उसी प्लॉट पर टैक्स बढ़कर ₹5,25,000 हो गया है। यानी बोझ सीधा 5 गुना बढ़ गया।
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पहले 30% छूट मिलती थी, अब खत्म कांग्रेस का तर्क
कांग्रेस का कहना है कि उनकी सरकार ने पहले बाजार की असमानता को संतुलित करने के लिए गाइडलाइन दरों में 30% छूट दी थी।
हालांकि उन्होंने पंजीयन शुल्क को 1% से बढ़ाकर 4% जरूर किया था, ताकि राजस्व में संतुलन बना रहे। लेकिन भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद डेढ़ साल पहले यह 30% छूट खत्म कर दी गई। लेकिन पंजीयन शुल्क में कोई कमी नहीं की गई। नई गाइडलाइन जारी होने पर जमीनों के मूल्य और टैक्स दोनों बढ़ गए। और इसका सीधा असर खरीदारों पर पड़ रहा है। कांग्रेस का कहना है कि इससे जमीन खरीदना आम आदमी के लिए अब लगभग असंभव बन गया है।
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