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CG IT Raid Update: छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों से आईटी की लोहा कारोबारी के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई जारी है। टीम ने 4 दिसंबर को 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी जो अब बढ़कर 45 हो गई है। इस कार्रवाई में कई डिजिटल रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं। साथ ही इसमें हवाला का शक जताया जा रहा है।
14 घंटे चली 42 ठिकानों पर कार्रवाई
जानकारी के अनुसार 4 दिसंबर की सुबह IT ने दबिश दी थी जिसमें कई डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए थे। इसके बाद रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और रायगढ़ में रेड जारी है। आपको बता दें लोहा कारोबारी अरविंद अग्रवाल के 45 ठिकानों पर ये दबिश दी गई है। इसमें अग्रवाल के सहयोगियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई हो रही है।
सर्च वारंट जारी
जानकारी के अुनसार इस मामले में विभाग ने पांच नए ठिकानों पर भी सर्च वारंट जारी कर दिया।
ओम स्पंज-हिंदुस्तान क्वाइल पर छापेमारी
रायपुर के सिलतरा इलाके में देवी स्पंज, ओम स्पंज और हिंदुस्तान क्वाइल पर छापेमारी की गई है। विभाग की ओर से अभी तक कार्रवाई को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम राजधानी में कंप्यूटर हार्ड डिस्क, लेनदेन से जुड़े रजिस्टर और संपत्ति से संबंधित दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही है। रायपुर के आनंदम निवासी विनोद सिंगला और रवि बजाज के घरों पर भी आयकर विभाग ने दबिश दी है।
टैक्स चोरी की शिकायतों पर कार्रवाई
सिलतरा में मौजूद दोनों एमएस पाइप फैक्ट्रियाँ—इस्पात इंडिया से जुड़ी बताई जा रही हैं। आयकर की टीम इन फैक्ट्रियों के सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड, जमीन के सौदे और लेनदेन से जुड़े सभी कागजों की जांच कर रही है। यह पूरा छापा टैक्स चोरी की शिकायतों के आधार पर मारा गया है। पिछले 3 से 5 साल के आयकर रिटर्न में बड़े फर्क मिलने की वजह से विभाग ने यह कार्रवाई की है।
इन स्टील प्लांट के मालिक मैग्नेटो मॉल के पीछे बने सिग्नेचर होम में रहते हैं। प्लांट के संचालक विकास अग्रवाल, विपिन अग्रवाल और अरविंद अग्रवाल बताए जा रहे हैं। ये लोग रियल एस्टेट कारोबार में भी सक्रिय हैं। आयकर की टीम इनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां भी पहुंची। रायगढ़ के कारोबारी प्रतीक गोयल के यहां भी विभाग की टीम पूछताछ कर रही है।
200 अफसरों की बड़ी टीम कार्रवाई में लगी
गुरुवार को टैक्स चोरी, फर्जी बिलिंग और आय छिपाने की शिकायतों पर आयकर विभाग की करीब 200 लोगों की टीम ने रायपुर के कई इलाकों—रिहायशी और इंडस्ट्रियल दोनों—में छापे शुरू किए। पहले ही दिन अफसरों ने कंप्यूटर हार्ड डिस्क, कैश बुक, लेनदेन रजिस्टर और प्रॉपर्टी के कागजों की जांच शुरू कर दी। जांच आगे बढ़ने पर कुछ और लोगों और फर्मों के नाम सामने आए, जिसके बाद पांच और जगहों पर छापे डाले गए।
करोड़ों की फर्जी बिलिंग के कागज मिले
छापेमारी के दौरान अधिकारियों को करोड़ों रुपये की फर्जी बिलिंग से जुड़े दस्तावेज और ढेरों लूज पेपर मिले। इन बिलों में दूसरे राज्यों के कारोबारियों और फर्मों के नामों का गलत इस्तेमाल किया गया था। अब आयकर विभाग उन फर्मों और लोगों की भी जांच करेगा, जिनके नाम से ये फर्जी बिल बनाए गए थे।
काली कमाई प्रॉपर्टी में निवेश की गई
सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला है कि कई कारोबारियों ने अपनी छुपाई हुई आय यानी ब्लैक मनी को जमीन-जायदाद में लगा रखा है। रिटर्न में गड़बड़ी, कम आय दिखाना, और प्रॉपर्टी की असली कीमत छिपाने जैसे कई सबूत मिले हैं। अब विभाग सभी प्रॉपर्टी पेपर, खरीद-बिक्री के कागज और आय के स्रोत की गहराई से जांच कर रहा है।
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