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CG Congress Meeting: राजधानी रायपुर में शनिवार को कांग्रेस पार्टी के नए जिलाध्यक्षों की पहली अहम बैठक पूरी हो गई। यह बैठक स्वागत और रणनीति दोनों के स्तर पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पीसीसी चीफ दीपक बैज (Deepak Baij) ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि नए जिलाध्यक्षों को पारंपरिक गमछा पहनाकर सम्मानित किया गया और परिचय सत्र सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। इससे संगठनात्मक तालमेल और नेतृत्व के बीच बेहतर संवाद की शुरुआत दिखी।
बैठक का मुख्य उद्देश्य आने वाले महीनों की राजनीतिक दिशा तय करना था। दीपक बैज ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) पर विस्तृत चर्चा की गई, हालांकि इसे लेकर अलग से विशेष बैठक बुलाने का निर्णय किया गया है। भविष्य की राजनीति में SIR की भूमिका को देखते हुए इसकी तैयारी को बेहद जरूरी माना गया।
दिल्ली रैली को लेकर बड़ा निर्णय
बैठक में दिल्ली में प्रस्तावित कांग्रेस की रैली 'वोट चोर गद्दी छोड़ (Vote Chor Gaddi Chhod)' को लेकर विस्तृत रणनीति बनाई गई। बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दिल्ली पहुंचेंगे और इस प्रदर्शन में पार्टी पूरी ताकत के साथ उतरेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक आंदोलन अब तेज गति से आगे बढ़ेगा, और जिलाध्यक्षों की भूमिका इसमें निर्णायक होगी।
जिलाध्यक्षों की 10 दिन की ट्रेनिंग
बैज ने कहा कि जिलाध्यक्षों के कौशल और नेतृत्व क्षमता को मजबूत करने के लिए 10-दिवसीय प्रशिक्षण (10 Days Training Program) प्रस्तावित है। यह प्रशिक्षण AICC की देखरेख में होगा, जिसमें संगठन संचालन, राजनीतिक रणनीति, जनसंपर्क तकनीक, और मौजूदा मुद्दों पर पार्टी की लाइन पर विस्तृत सत्र रखे जाएंगे। प्रशिक्षण स्थल पर निर्णय जल्द घोषित किया जाएगा।
इसके साथ ही कांग्रेस बिजली दरों, किसानों की समस्याओं, जमीन के गाइडलाइन रेट और मनरेगा जैसे मुद्दों पर राज्यव्यापी अभियान शुरू करने की तैयारी में है। बैज ने कहा कि अब संगठन मैदान में दृढ़ता के साथ उतरेगा।
जीवन ठाकुर की मौत पर बैज सख्त
बैठक में सर्व आदिवासी समाज (Sarv Adivasi Samaj) के जिलाध्यक्ष रहे जीवन ठाकुर (Jeevan Thakur) की मौत भी चर्चा का प्रमुख केंद्र रही। बैज ने आरोप लगाया कि जेल में समय पर भोजन और दवाई नहीं मिलने के कारण मौत हुई, जिसके बाद आदिवासी समाज ने विरोध स्वरूप चक्काजाम किया। उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी हो चुके हैं।
यदि तहसीलदार और जेल अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस और आदिवासी समाज मिलकर बड़ा आंदोलन कर सकते हैं। कांग्रेस इस मामले में अपनी जांच समिति बनाएगी और तथ्य सामने लाकर आगे की रणनीति तय करेगी।
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