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Chaitanya Baghel Petition Hearing: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में जेल में बंद चैतन्य बघेल की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार, 1 दिसंबर को बिलासपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच में मामला लगाया गया था।
चैतन्य बघेल पक्ष की दलीलें पूरी
सुनवाई के दौरान चैतन्य बघेल की ओर से घंटों लंबी बहस हुई और याचिकाकर्ता पक्ष की दलीलें पूरी हो गईं।
अब 3 दिसंबर से ED अपनी बहस शुरू करेगी, जिसके बाद अदालत आदेश पारित करेगी।
EOW केस की सुनवाई स्थगित
वहीं चैतन्य बघेल से जुड़े EOW केस में सोमवार, 1 दिसंबबर को होने वाली सुनवाई को स्थगित कर दिया गया। अगली तारीख कोर्ट जल्द निर्धारित करेगा।
चैतन्य बघेल इस वक्त शराब घोटाला केस में न्यायिक हिरासत में हैं और उन्होंने ED की कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती दी है।
क्या छत्तीसगढ़ शराब घोटाला ?
यह घोटाला 2019 से 2022 के बीच चला था। जिसमें आरोप है कि सरकारी शराब दुकानों के जरिए नकली होलोग्राम, डुप्लिकेट बोतलों और फर्जी स्टॉक के माध्यम से करीब 2174 करोड़ रुपए की अवैध शराब बेची गई। इस काम को अंजाम देने के लिए एक सिंडिकेट सक्रिय था, जिसमें नेता, अफसर और कारोबारी शामिल थे।
शराब की बोतलों पर लगाए जाने वाले होलोग्राम का टेंडर नोएडा की एक अयोग्य कंपनी को दे दिया गया, जो कथित तौर पर एक प्रभावशाली अफसर से जुड़ी थी। इस कंपनी ने नकली होलोग्राम बनाए, जिन्हें CSMCL के जरिए ठेकों तक भेजा गया। इसके जरिए तीन साल में लगभग 60 लाख पेटियां शराब की अवैध रूप से बिक्री हुई। इस मामले में कांग्रेस नेता और रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, आईएएस अनिल टुटेजा और अफसर अरुणपति त्रिपाठी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अब ईडी का कहना है कि चैतन्य बघेल इन लेन-देन से जुड़े वित्तीय ट्रॉन्जेक्शन और संपत्ति निवेश में शामिल रहे हैं।
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