CG News: रायपुर (Raipur)। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में व्यावसायिक शिक्षक भर्ती (Vocational Teacher Recruitment) में सामने आई गड़बड़ी अब बड़े स्तर पर जांच के घेरे में है। विभागीय जांच में खामियां सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने यह मामला पुलिस (Police) को सौंप दिया है। अब पुलिस जांच कर दोषियों की पहचान करेगी और आगे की कार्रवाई तय करेगी।
शिक्षा मंत्री का सख्त रुख
शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव (Education Minister Gajendra Yadav) ने मंत्रालय (Mantralaya) में हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट कहा कि व्यावसायिक शिक्षक भर्ती (Vocational Teacher Recruitment Scam) में भ्रष्टाचार और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी ने नियुक्तियों में लेन-देन किया है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
बैठक में उठे मुद्दे
बैठक में समग्र शिक्षा विभाग (Samagra Shiksha Department) के अधिकारियों ने राज्यभर की योजनाओं और गतिविधियों की जानकारी दी। मंत्री यादव ने खास तौर पर भर्ती प्रक्रिया पर सबसे ज्यादा शिकायतें आने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए अधिकारियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ काम करना होगा।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर
मंत्री यादव ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan) का मुख्य उद्देश्य हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा (Quality Education) उपलब्ध कराना है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी शासकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों को बेहतर करने और आधारभूत सुविधाओं (Basic Facilities) की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
बैठक में मंत्री यादव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भ्रष्टाचार (Corruption) के प्रति जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वितरित की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता सर्वोच्च स्तर की होनी चाहिए। घटिया या निकृष्ट सामग्री उपलब्ध कराने वाले आपूर्तिकर्ताओं को ब्लैकलिस्ट (Blacklist) किया जाएगा।
वित्तीय अनुशासन पर निर्देश
शिक्षा मंत्री ने वित्तीय अनुशासन (Financial Discipline) पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि बजट का उपयोग सही समय पर और पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाए। उपयोगिता प्रमाण पत्र (Utilization Certificate) समय पर भारत सरकार को भेजा जाए, ताकि अनुदान की अगली किस्त समय पर प्राप्त हो सके।