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छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर माओवादियों के गढ़ में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई: तीन महिला नक्सली ढेर, भारी हथियार बरामद

CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर माओवादियों के गढ़ में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, तीन महिला नक्सली ढेर, भारी हथियार बरामद

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Harsh Verma
CG Naxal Encounter

CG Naxal Encounter

CG Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) और तेलंगाना (Telangana) की सीमा से लगे करेगुट्टा (Karegutta) इलाके में माओवादियों (Maoists) और सुरक्षाबलों के बीच गुरुवार को जबरदस्त मुठभेड़ हुई।

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इस दौरान तीन वर्दीधारी महिला नक्सली (Women Naxals) मारी गईं। घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार (Weapons) और विस्फोटक (Explosives) भी बरामद किए गए हैं।

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नक्सल विरोधी ऑपरेशन में 10 हजार से अधिक जवान तैनात

यह कार्रवाई नक्सल विरोधी अब तक के सबसे बड़े अभियानों में से एक मानी जा रही है। इसमें जिला रिजर्व गार्ड (District Reserve Guard), बस्तर फाइटर्स (Bastar Fighters), विशेष कार्य बल (Special Task Force), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और कोबरा (COBRA) के साथ ही राज्य पुलिस की विभिन्न इकाइयों ने हिस्सा लिया।

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कुल मिलाकर लगभग 10,000 जवान इस संयुक्त ऑपरेशन का हिस्सा हैं। तेलंगाना पुलिस भी इसमें सहयोगी भूमिका निभा रही है।

PLGA बटालियन नंबर 1 पर सीधा प्रहार

मारे गए नक्सली पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 से संबंधित बताए जा रहे हैं। यह माओवादी संगठन का सबसे मजबूत सैन्य दल माना जाता है।

करेगुट्टा और आसपास का जंगल माओवादियों का गढ़ रहा है, जहां से तेलंगाना राज्य समिति के सीनियर सदस्य भी सक्रिय रहे हैं।

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144 नक्सली मारे जा चुके हैं इस साल

बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी कार्रवाई में लगातार सफलता मिल रही है। इस साल अब तक 144 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 127 बस्तर क्षेत्र से हैं। बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जैसे जिलों में लगातार मुठभेड़ें हो रही हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री की चेतावनी और अपील

हाल ही में दंतेवाड़ा दौरे के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि नक्सली ‘हमारे अपने लोग’ हैं, लेकिन हिंसा का रास्ता छोड़कर उन्हें आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आना चाहिए।

शाह ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार मार्च 2026 तक देश को नक्सल समस्या से मुक्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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घना जंगल, दुर्गम इलाका बना चुनौती

बीजापुर और तेलंगाना की सीमा से लगे यह क्षेत्र घने जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है, जिससे यहां ऑपरेशन चलाना बेहद कठिन होता है। इसके बावजूद सुरक्षाबलों की रणनीति और समन्वय ने एक बार फिर नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता दिलाई है।

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