रिपोर्ट- संजय नायक, सुकमा
हाइलाइट्स
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सुकमा में शिक्षक ने 426 बच्चों के भोजन में फिनाइल गोली मिलाई।
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अधीक्षक और बच्चों की सतर्कता से हादसा टल गया।
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कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की।
Sukma Teacher Poison Food News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के छिंदगढ़ विकासखंड (Chhindgarh Sukma News) के पाकेला पोटाकेबिन छात्रावास में 426 मासूम बच्चों की जिंदगी पर खतरा मंडरा गया। आरोप है कि एक शिक्षक ने बच्चों के भोजन में फिनाइल की गोली (Poison in Mid Day Meal) मिलाने की कोशिश की। सजग अधीक्षक और बच्चों की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया, वरना दर्जनों जानें जा सकती थीं।
21 अगस्त को हुआ हादसा, प्रशासन ने छिपाने की कोशिश
यह घटना 21 अगस्त की बताई जा रही है। आरोप है कि प्रशासन ने शुरुआत में इस मामले को दबाने का प्रयास किया, लेकिन जब जानकारी बाहर आई तो हड़कंप मच गया। आदिवासी समाज और स्थानीय प्रतिनिधियों के दबाव के बाद मामला सार्वजनिक हुआ और अब जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।
कलेक्टर ने बनाई जांच समिति
सुकमा कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव (Sukma Collector Devesh Kumar Dhruv) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। इसमें एसडीएम सूरज कश्यप, डीएमसी उमाशंकर तिवारी और एपीसी आशीष राम शामिल हैं। कलेक्टर ने कहा, “इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। दो दिन में जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
बदबू ने बचाई 426 मासूमों की जान
भोजन में मिलावट की जानकारी तब सामने आई जब बच्चों और अधीक्षक ने खाने से आ रही तेज बदबू (Food Poisoning Alert) महसूस की। समय रहते भोजन को नष्ट कर दिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। अधिकारियों का कहना है कि यदि यह खाना बच्चों तक पहुंच जाता तो 426 बच्चों की जान खतरे में पड़ सकती थी।
आरोपी शिक्षक पर पहले भी लगे थे आरोप
इस सनसनीखेज मामले में आरोपी शिक्षक धनंजय साहू (Teacher Dhananjay Sahu Sukma) बताया जा रहा है। उस पर पहले भी बच्चों से मारपीट और अमानवीय व्यवहार का आरोप लग चुका है। शिकायतों के बाद उसे दूसरी जगह अटैच किया गया था, लेकिन बाद में फिर से पाकेला पोटाकेबिन में नियुक्त कर दिया गया। अब प्रशासन ने आरोपी शिक्षक के कमरे को सील कर दिया है और पूछताछ जारी है।
जनप्रतिनिधियों ने की कठोर कार्रवाई की मांग
पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और विधायक प्रतिनिधि नाजिम खान (Nazim Khan Congress Leader) ने कहा कि यह बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है और ऐसे शिक्षक पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिम्मेदार विभाग की लापरवाही से ऐसी घटनाएं होती हैं।
बच्चों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ में छात्रावासों और आश्रमों की सुरक्षा व्यवस्था (Hostel Safety in Chhattisgarh) पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। बच्चों के अभिभावकों और स्थानीय समाज ने प्रशासन से मांग की है कि आश्रमों में भोजन की नियमित जांच हो और दोषियों को उदाहरण स्वरूप सजा दी जाए।
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