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छात्रावास में बच्चों को चावल के साथ सिर्फ नमक परोसा: छत्तीसगढ़ में छात्रों के भोजन में फिर हुई लापरवाही, अधीक्षक निलंबित

Sukma Hostel Negligence: छात्रावास में बच्चों को चावल के साथ सिर्फ नमक परोसा, छत्तीसगढ़ में छात्रों के भोजन में फिर हुई लापरवाही, अधीक्षक निलंबित

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Harsh Verma
Sukma Hostel Negligence

Sukma Hostel Negligence: बस्तर (Bastar) संभाग के सुकमा (Sukma) जिले में एक बार फिर छात्रावास (Hostel) में बच्चों के भोजन से जुड़ी गंभीर लापरवाही सामने आई है। हाल ही में बच्चों के खाने में फिनाइल (Phenyl) मिलने की घटना ने सभी को चौंकाया था।

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अब मानकापाल (Manakapal) बालक आश्रम में छात्रों को केवल नमक और चावल खिलाए जाने की शिकायत ने प्रशासन को हिला दिया।

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प्रशासन ने तुरंत की कार्रवाई

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शिकायत मिलते ही जिला कलेक्टर (Collector) देवेश कुमार ध्रुव ने तत्काल संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिए। सहायक आयुक्त (Assistant Commissioner) हेमंत सिन्हा और मंडल संयोजक मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया।

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जांच में यह पाया गया कि छात्रों को निर्धारित पौष्टिक भोजन के बजाय केवल नमक और चावल दिया गया।

अधीक्षक निलंबित

जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर प्रभारी अधीक्षक जय प्रकाश बघेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। उन पर सिविल सेवा आचरण नियम 1965 (Civil Service Conduct Rules 1965) के नियम 3 का उल्लंघन करने और पद संबंधी कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप तय हुआ।

निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय सुकमा ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय रहेगा और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) मिलेगा।

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कलेक्टर का सख्त संदेश

कलेक्टर ध्रुव ने साफ कहा कि छात्रावासों (Hostels) और आश्रमों (Ashrams) में बच्चों के भोजन, स्वास्थ्य और देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने की सतत निगरानी सुनिश्चित करें।

बच्चों के भविष्य पर असर

लगातार सामने आ रहे ऐसे मामले इस बात का संकेत हैं कि छात्रावासों की व्यवस्था में कई खामियां बनी हुई हैं। बच्चों को पौष्टिक भोजन और सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। अभिभावकों का भी कहना है कि इस तरह की घटनाओं से बच्चों के स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर नकारात्मक असर पड़ता है।

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