Raipur to Ayodhya Train: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के स्थापना के रजत जयंती वर्ष में प्रदेशवासियों को अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम लला (Shriram Lala) के दर्शन कराने का सपना साकार होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) की ‘श्रीराम लला दर्शन योजना’ (Shriram Lala Darshan Yojana) प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं के जीवन से सीधा जुड़ रही है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर यह योजना पिछले वर्ष से ही चल रही है, जिसके तहत अब तक रायपुर (Raipur), बिलासपुर (Bilaspur), सरगुजा (Sarguja) और दुर्ग-बस्तर (Durg-Bastar) संभागों से हजारों श्रद्धालु अयोध्या धाम के दर्शन कर चुके हैं।
पहली ट्रेन फिर से तैयार
इस बार वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली विशेष ट्रेन 15 जुलाई को रायपुर रेलवे स्टेशन से रवाना होगी। खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। इस खास मौके पर मंत्री, सांसद, विधायक और छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड (Chhattisgarh Tourism Board) के अध्यक्ष नीलू शर्मा, प्रबंध संचालक विवेक आचार्य और रेलवे (Railway) के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
एमओयू से शुरू हुई पहल
यह योजना 23 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) के बीच हुए एमओयू (MOU) के बाद शुरू हुई थी। इसके बाद 5 मार्च 2024 को पहली ट्रेन रायपुर से रवाना हुई थी। उसके बाद बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग-बस्तर संभागों से भी श्रद्धालुओं को अयोध्या ले जाया गया।
आस्था और संस्कृति से जुड़ाव
मुख्यमंत्री की इस योजना से न सिर्फ श्रद्धालुओं को श्रीराम लला के दर्शन का सौभाग्य मिला बल्कि इससे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक चेतना को भी नई ऊर्जा मिली है। अब तक करीब 22,100 श्रद्धालु इस योजना का लाभ उठा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
आगे भी चलेंगी विशेष ट्रेनें
सरकार ने साफ किया है कि यह यात्रा सिर्फ एक बार की नहीं है। आने वाले समय में रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग-बस्तर संभागों से नियमित विशेष ट्रेनें चलती रहेंगी ताकि ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या धाम के दर्शन कर सकें।
लोगों में उत्साह
हर यात्रा में श्रद्धालुओं के चेहरे पर उत्साह और भक्ति भाव साफ दिखाई देता है। ट्रेन के रवाना होने के मौके पर जनप्रतिनिधि, मीडिया, आम नागरिक और प्रशासनिक अफसर बड़ी संख्या में मौजूद रहते हैं। यह योजना न सिर्फ धार्मिक पहल है बल्कि प्रदेशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर भी बन गई है।
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