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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर लगाई समय सीमा, ED-EOW को दिसंबर तक फाइनल रिपोर्ट पेश करने का आदेश

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर लगाई समय सीमा, ED-EOW को दिसंबर तक फाइनल रिपोर्ट पेश करने का आदेश

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Harsh Verma
Chhattisgarh Liquor Scam

इमेज AI से जनरेट किया गया है

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में अब जांच एजेंसियों पर सुप्रीम कोर्ट का दबाव बढ़ गया है। कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को साफ निर्देश दिया है कि तीन महीने के भीतर जांच पूरी की जाए और दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक फाइनल रिपोर्ट जमा की जाए। कोर्ट का यह आदेश सितंबर के आखिरी सप्ताह में अपलोड किया गया।

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सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस एम.एम. सुन्दरेश और जस्टिस सतीश चन्द्र शर्मा शामिल थे, जिन्होंने इस मामले से जुड़ी 13 याचिकाओं को खारिज कर दिया। इनमें छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में दर्ज एफआईआर (FIR), ईडी की ईसीआईआर (ECIR) और जमानत याचिकाएं शामिल थीं। इस दौरान आईएएस (IAS) अधिकारी अनिल टुटेजा की जमानत याचिका भी खारिज कर दी गई।

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ईडी और ईओडब्ल्यू ने तेज की कार्रवाई

[caption id="" align="alignnone" width="621"]publive-image सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईडी और ईओडब्ल्यू ने जांच की गति बढ़ाई[/caption]

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईडी और ईओडब्ल्यू दोनों एजेंसियों ने जांच की गति बढ़ा दी है। ईडी अब आबकारी विभाग (Excise Department) के करीब 30 अधिकारियों के बयान दर्ज कर रही है, जिनमें सात रिटायर्ड अफसर भी शामिल हैं।

ईडी के वकील सौरभ पांडे ने बताया कि कोर्ट ने कहा है कि जांच को दो साल हो चुके हैं, इसलिए अब इसे अंतिम मुकाम तक पहुंचाना जरूरी है। एजेंसी ने भरोसा दिलाया है कि वह कोर्ट द्वारा तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट पेश करेगी।

3 हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला राज्य के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामलों में से एक माना जा रहा है। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में यह घोटाला 3 हजार करोड़ रुपए से अधिक का था। इस घोटाले को आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी. त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने मिलकर अंजाम दिया।

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ईओडब्ल्यू के अनुसार, विदेशी शराब पर सिंडिकेट द्वारा वसूले गए कमीशन का विश्लेषण किया जा रहा है। अब तक गिरफ्तार आरोपियों में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह, अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, दीपक दुआरी, दिलीप टुटेजा और सुनील दत्त शामिल हैं।

पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी ने बढ़ाई सियासी हलचल

[caption id="" align="alignnone" width="583"]publive-image चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल तेज कर दी[/caption]

पूर्व आबकारी मंत्री के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी ने सियासी हलचल तेज कर दी है। ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) और शराब घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इससे राज्य की राजनीति में एक बार फिर पुरानी सरकार के कार्यकाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

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