Advertisment

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला : 3200 करोड़ की अवैध बिक्री, 28 अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ईओडब्ल्यू कोर्ट ने दी जमानत

Chhattisgarh Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, 3200 करोड़ की अवैध बिक्री, 28 अफसरों को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, ईओडब्ल्यू कोर्ट ने दी जमानत

author-image
Harsh Verma
Chhattisgarh Sharab Ghotala

Chhattisgarh Sharab Ghotala: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बहुचर्चित शराब घोटाला (Sharab Ghotala) मामले में मंगलवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया। इस मामले में आरोपी बनाए गए 28 आबकारी विभाग (Excise Department) के अफसर ईओडब्ल्यू (EOW) की विशेष अदालत में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश के बाद सभी अफसर अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे।

Advertisment

कोर्ट में 1-1 लाख रुपए का जमानत पट्टा जमा करने के बाद सभी अधिकारियों को जमानत दे दी गई। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही शर्तों के साथ सभी को राहत दी थी।

यह भी पढ़ें: CG Old Vehicle Tax: छत्तीसगढ़ में पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री महंगी, हर बार ट्रांसफर पर लगेगा टैक्स

हाईकोर्ट से खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत

इस घोटाले में 29 अफसरों को आरोपी बनाया गया है। इनमें से 7 अफसर सेवानिवृत्त (Retired Officers) हैं, जबकि बाकी 22 को सरकार ने निलंबित (Suspended) कर दिया है। इन पर 2019 से 2023 के बीच 90 करोड़ की अवैध वसूली का आरोप है।

Advertisment

हाईकोर्ट (High Court) ने 18 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद सभी अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और वहां से उन्हें राहत मिली।

क्या है बी-पार्ट (B-Part) शराब घोटाला?

जांच में सामने आया है कि 2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में पदस्थ आबकारी अधिकारियों ने देसी शराब (Desi Sharab) की दुकानों पर समानांतर अवैध बिक्री की।

बस्तर और सरगुजा को छोड़कर चयनित जिलों में डिस्टलरी (Distillery) से अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी। इसे सरकारी शराब के साथ मिलाकर “बी-पार्ट शराब (B-Part Sharab)” नाम से बेचा जाता था।

Advertisment

इस नेटवर्क में डिस्टलरी मालिकों, ट्रांसपोर्टर (Transporter), सुपरवाइजर (Supervisor), सेल्समैन (Salesman), आबकारी विभाग के अफसर और मैनपावर एजेंसी (Manpower Agency) के लोग शामिल थे।

60 लाख पेटियों की अवैध बिक्री

ईओडब्ल्यू/एसीबी (EOW/ACB) की जांच के मुताबिक अब तक लगभग 60 लाख 50 हजार पेटियां अवैध शराब की बेची गईं। इसकी अनुमानित कीमत 2174 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई।

पहले घोटाले का अनुमान 2161 करोड़ था, लेकिन ताजा आकलन के अनुसार यह रकम 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है।

Advertisment

कई बड़े नाम पहले से जेल में

इस घोटाले में अब तक 70 से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए हैं। इनमें 8 डिस्टलरी संचालक भी शामिल हैं। वहीं, रायपुर सेंट्रल जेल (Raipur Central Jail) में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma), पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel), सेवानिवृत्त आईएएस (Retired IAS) अनिल टूटेजा (Anil Tuteja) और होटल व्यवसायी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) समेत 15 लोग पहले से बंद हैं।

यह भी पढ़ें: मुख्यमंत्री साय ने धमतरी को दी बड़ी सौगात: 51 महतारी सदनों का लोकार्पण और 246 करोड़ के विकास कार्यों का किया उद्घाटन

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें