Chhattisgarh Police Transfer News: छत्तीसगढ़ में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल की सुगबुगाहट तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार 8 अप्रैल से शुरू हो रहे “सुशासन तिहार” से पहले ही इन बदलावों को अंतिम रूप देने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, दर्जनभर से ज्यादा जिलों के एसपी और 3 रेंज के आईजी के बदले जाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
सरकार का फोकस -सुशासन और फील्ड परफॉर्मेंस
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार का फोकस इस बार मैदान में अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को तैनात करने पर है। लॉ एंड ऑर्डर को सुदृढ़ करने वाले अफसरों को फील्ड में मौका मिलेगा, जबकि जुगाड़ से पोस्टिंग पाने वाले अफसरों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
गलत कामों में लिप्त अफसरों पर सख्ती
सरकार के पास उन अफसरों की पूरी कुंडली तैयार है, जो जुआ-सट्टा, अवैध शराब, जमीन दलाली जैसे अवैध कार्यों में लिप्त रहे हैं। ऐसे अधिकारियों को लूप लाइन पोस्टिंग (कम अहमियत वाले विभाग) में भेजा जाएगा।
बदलाव की टाइमिंग
8 अप्रैल से सरकार “सुशासन तिहार” मनाने जा रही है, ऐसे में इससे ठीक पहले ये प्रशासनिक बदलाव गवर्नेंस में सुधार और पारदर्शिता के संकेत के तौर पर देखे जा रहे हैं।
सीएम साय दे चुके हैं चेतावनी
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हाल ही में आयोजित एसपी कांफ्रेंस में अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी कि सरकार सुशासन के प्रति गंभीर है। यदि कानून और व्यवस्था में कोई खामी पाई जाती है, तो एसपी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। सरकार एसपी के कार्यों पर कड़ी नजर रख रही है। भविष्य में ट्रांसफर की स्थिति में, निगरानी में सामने आए तथ्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आधा दर्जन से अधिक जिलों के एसपी के कार्यों से सरकार असंतुष्ट है, और ऐसे एसपी के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठा सकती है। लंबे समय से एसपी और आईजी के ट्रांसफर की चर्चा चल रही थी, लेकिन पहले निकाय चुनाव और फिर विधानसभा के बजट सत्र के कारण ट्रांसफर को रोक दिया गया था। अब संकेत मिल रहे हैं कि सरकार किसी भी समय ट्रांसफर आदेश जारी कर सकती है।
ये जिले हो सकते हैं प्रभावित
सूत्रों के अनुसार, धमतरी, नारायणपुर, खैरागढ़, बेमेतरा, सुकमा, बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, मुंगेली, सक्ती, जांजगीर चांपा, कोरबा और महासमुंद जिलों के एसपी ट्रांसफर की सूची में शामिल हो सकते हैं। इनमें से कई जिलों के एसपी के कार्यों से सरकार संतुष्ट है, और ऐसे अधिकारियों को बेहतर जिलों में तैनात किया जा सकता है। वहीं, कुछ एसपी को लूप लाइन में भेजा जा रहा है। धमतरी और नारायणपुर के एसपी केंद्रीय डिप्यूटेशन पर जा रहे हैं, जिससे स्पष्ट है कि इन जिलों में नए अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी। यह भी चर्चा में है कि 2020 बैच के आईपीएस अधिकारियों को एसपी के रूप में तैनात किया जा सकता है, जिसमें लगभग चार आईपीएस अधिकारियों को इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।
दो से तीन रेंज के आईजी के हो सकते हैं ट्रांसफर
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो प्रस्तावित बदलाव में दो से तीन रेंज के आईजी के प्रभार भी बदले जा सकते हैं. इनमें रायपुर, सरगुजा और बिलासपुर रेंज के आईजी हो सकते हैं. रायपुर रेंज के आईजी के पास ईओडब्ल्यू-एसीबी की भी जिम्मेदारी है. ईओडब्ल्यू-एसीबी कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही है. ऐसे में उन्हें रायपुर रेंज की जिम्मेदारी से रिलीव किया जा सकता है. नगरीय निकाय चुनाव के पहले भी उन्हें रिलीव किए जाने की चर्चा थी, लेकिन तब सरकार पीछे हट गई. बिलासपुर रेंज और सरगुजा रेंज के आईजी के प्रभार बदले जा सकते हैं. सरगुजा रेंज के आईजी को पुलिस मुख्यालय लाया जा सकता है.
कुछ अफसर पीएचक्यू से पहुंचेंगे फील्ड में
पीएचक्यू में कई अधिकारी निष्क्रिय हैं। पूर्व डीजीपी के कार्यकाल में स्थापित व्यवस्था अब भी बनी हुई है। जिस अधिकारी को तब जो कार्य सौंपा गया था, वही आज भी उन कार्यों को निभा रहा है। कई वरिष्ठ अधिकारी हैं, जो दिन में केवल दो-चार फाइलें ही निपटाते हैं। सरकार पुलिस विभाग में उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। कुछ अधिकारियों को फील्ड से पीएचक्यू में लाया जा रहा है।
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सरकार की मंशा, दो साल तक ट्रांसफर न करने की योजना
सूत्रों के अनुसार, सरकार का उद्देश्य है कि प्रस्तावित ट्रांसफर के बाद अधिकारियों के कार्यभार में कम से कम दो वर्षों तक कोई परिवर्तन न किया जाए, जब तक कि किसी के खिलाफ गंभीर शिकायत न हो। पूर्व सरकार में अधिकारियों के मन में यह चिंता बनी रहती थी कि उनका अगला ट्रांसफर कब हो जाएगा। कुछ महीनों के भीतर ही अधिकारियों को बदल दिया जाता था। जानकारी के अनुसार, सरकार का मानना है कि अधिकारियों को अपने कार्य प्रदर्शन के लिए न्यूनतम दो वर्षों का समय मिलना चाहिए।
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