हाइलाइट्स
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सीजी में पटवारी मांगों को लेकर हड़ताल पर
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पटवारियों को ना कंप्यूटर मिल रहे ना लैपटॉप
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पटवारियों ने कहा- इंटरनेट ही उपलब्ध नहीं
Chhattisgarh Patwari strike: छत्तीसगढ़ में पटवारी अपनी मांगों को लेकर काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। नवा रायपुर में धरना स्थल पर सोमवार से आंदोलन कर रहे हैं। जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लम्बे समय से कंप्यूटर, लैपटॉप एवं इंटरनेट की सुविधा नही मिलने से
पटवारियों की हड़ताल राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले शुरू हो गई है।
अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू हो गया है। पटवारी काम पर लौटने को तैयार नहीं है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कश्यप भागवत ने कहा, हमारी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।
ना कम्प्यूटर दिया और ना लैपटॉप, इसके साथ ही इंटरनेट भी नहीं हैं, जिससे ऑनलाइन कामकाज करने में दिक्कत (Chhattisgarh Patwari strike) आ रही है।
सरकार की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है। हमने राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को पत्र भेज दिया है।
पटवारी कर रहे सुवधाएं देने की मांग
पटवारी लंबे समय से कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर और इंटरनेट की सुविधा की मांग (Chhattisgarh Patwari strike) कर रहे हैं।
बातते हैं पटवारियों को यह सुविधाएं नहीं दी गई हैं। पटवारियों का कहना है कि इनके बिना कैसे ऑनलाइन काम हो, समझ से परे है।
उनका यह भी कहना है कि अपनी जेब से अतिरिक्त खर्च कर काम तक काम करेंगे।
राजस्व सचिव को ज्ञापन सौंपा
पटवारियों ने हड़ताल के दौरान आवश्यक संसाधन, इंटरनेट भत्ता आदि की भी मांग की है।
राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ ने पटवारियों की मांगों को लेकर राजस्व सचिव और भू-अभिलेख के संचालक को ज्ञापन भी दिया गया।
मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। इस वजह से अब पटवारियों ने काम बंद हड़ताल (Chhattisgarh Patwari strike) शुरू कर दी है।
पटवारी संघ ने राजस्व मंत्री को भेजा था पत्र
प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा को पटवारी संघ की ओर से पत्र भेजा गया है।
इसमें पटवारियों ने अपनी 32 सूत्रीय मांग की जानकारी दी थी। पत्र में 8 जुलाई से आंदोलन का अल्टीमेटम भी दिया था।
मंत्री को भेजे पत्र में पटवारियों ने बताया है कि भुइंया सॉफ्टवेयर, जो छत्तीसगढ़ में जमीन के रिकॉर्ड मेंटेन करने का एक डिजिटल सॉफ्टवेयर है।
इसके बारे में कई विसंगतियों का जिक्र किया है। बताया गया कि इस सॉफ्टवेयर में काम करने में परेशानी आ रही है।
वहीं किसान और जमीन मालिकों को बेवजह कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
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सरकार का विशेष अभियान प्रभावित
दो दिन पहले 6 जुलाई को पटवारियों के काम काज और राजस्व विभाग के विशेष अभियान का ऐलान खुद राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने किया था।
इसके बाद 8 जुलाई को पटवारी हड़ताल पर चले गए। हालांकि, मंत्री ने कहा था कि राजस्व प्रकरणों का पंजीयन और पेशी की तारीख अपडेट करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया था कि फौती, नामांतरण और बटवारा जैसे प्रकरणों के निराकरण के लिए गांवों में शिविर लगेंगे।
इनमें पटवारियों का अहम रोल था। यह शिविर हर जिले में 6 से 20 जुलाई तक आयोजित करने की तैयारी थी। प्रदेश में करीब 5 हजार पटवारी हैं। सभी काम बंद कर चुके हैं।