CG Official Language Day: छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस हर साल 28 नवंबर को ही मनाते हैं। राजभाषा दिवस को इस दिन मनाने की प्रमुख वजह है कि कि 28 नवंबर 2007 को छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग विधेयक पारित हुआ था। आज सीएम विष्णुदेव साय ने सभी प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस की बधाई प्रेषित की है।
उन्होंने अपने बधाई संदेश में कहा ‘छत्तीसगढ़ी (CG Official Language Day) भाखा म हमर माटी के महक आथे। छत्तीसगढ़ी भाखा हमर अभिमान ए। सब अपन भाखा ला मान देहू तभे वो आघू बढ़ही’। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास को लेकर छत्तीसगढ़ी को दैनिक बोलचाल व साहित्य सृजन व प्रचार-प्रसार की भाषा बनाने की जरूरत है। हमें अपने पारंपरिक संस्कारों को बढ़ावा देना चाहिए। उनके साथ ही उनका परिचय नई पीढ़ी को कराने की आवश्यकता है।
छत्तीसगढ़ के लिए 28 नवंबर क्यों है खास?
बता दें कि साल 2000 में मध्य प्रदेश (CG Official Language Day) से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बना था। इस राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ी राजभाषा की मांग उठी। इसके बाद 28 नवंबर 2007 को छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग विधेयक पास हुआ। इस विधेयक के पास होते ही हर साल 28 नवंबर को राजभाषा दिवस मनाने का आदेश पारित किया गया। तभी से 28 नवंबर को राजभाषा दिवस मनाया जाता है।
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इसलिए किया गया था गठन
छत्तीसगढ़ी राजभाषा (CG Official Language Day) आयोग का गठन कुछ उद्देश्यों के साथ किया गया था। छत्तीसगढ़ी के प्रचलन, विकास, और राजकाज में भाषा का इस्तेमाल करने किया था। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की की कार्यकारी की पहली बैठक 14 अगस्त 2008 को आयोजित की गई थी।
इस दिन को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग कार्यालय स्थापना दिवस के रूप में मनाते हैं। इस आयोग के पहले सचिव पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे रहे। छत्तीसगढ़ी को दक्षिण कोसली और कोसली भी कहते हैं। आस-पास के पहाड़ी लोग छत्तीसगढ़ी को खालताही भी कहते हैं। ओडिशा से छत्तीसगढ़ के पड़ोसी क्षेत्रों के निवासी छत्तीसगढ़ी को लारिया भी कहते हैं।
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