CG NHM Employees Strike: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission – NHM) के 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी पिछले कई दिनों से अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
इनमें सबसे बड़ी मांग नियमितीकरण (Regularisation) की है। कर्मचारियों का कहना है कि लंबे समय से संविदा पर काम करने के बावजूद सरकार ने स्थायी नियुक्ति का वादा पूरा नहीं किया।
बलौदाबाजार में बर्खास्तगी
बलौदाबाजार (Balodabazar) जिले में आंदोलनरत दो कर्मचारियों की बर्खास्तगी से हड़ताल और उग्र हो गई है। सीएमएचओ (CMHO) कार्यालय से कसडोल ब्लॉक डाटा मैनेजर हेमंत सिन्हा और कौशलेश तिवारी को सेवा से हटाने का आदेश जारी किया गया।
आदेश में लिखा गया है कि दोनों कर्मचारी 18 अगस्त से हड़ताल पर हैं और नोटिस के बावजूद काम पर वापस नहीं लौटे। यह लोकहित के खिलाफ है और इसे कदाचार माना गया है।
देखें आदेश-
आंदोलन और तेज करने की चेतावनी
एनएचएम कर्मचारी संघ (NHM Employees Union) के प्रांतीय सलाहकार हेमंत सिन्हा ने सरकार की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि, “हमारी मांगें जायज हैं, लेकिन सरकार पूरा करने की बजाय बर्खास्तगी कर रही है।
क्या सरकार 16 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी?” उन्होंने यह भी कहा कि अब सभी कर्मचारी मंत्री और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगे।
सरकार और कर्मचारियों के बीच बढ़ा टकराव
सरकार का कहना है कि 13 अगस्त को राज्य स्वास्थ्य समिति की बैठक में मांगों पर निर्णय लिया गया था और कर्मचारियों को नोटिस भी दिया गया। बावजूद इसके कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। वहीं कर्मचारी मानने को तैयार नहीं हैं।
उनका कहना है कि “मोदी की गारंटी” (Modi’s Guarantee) के तहत नियमितीकरण का वादा किया गया था, जिसे पूरा किया जाना चाहिए।
आंदोलन से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित
हड़ताल का असर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर साफ दिख रहा है। कई जिलों में अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी।
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