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छत्तीसगढ़ में 17वें दिन भी जारी NHM कर्मचारियों की हड़ताल: पकौड़े बेचकर और आदिवासी नृत्य कर जताया सरकार के खिलाफ विरोध

CG NHM Employees Strike: छत्तीसगढ़ में 17वें दिन भी जारी NHM कर्मचारियों की हड़ताल, पकौड़े बेचकर और आदिवासी नृत्य कर जताया सरकार के खिलाफ विरोध

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Harsh Verma
छत्तीसगढ़ में 17वें दिन भी जारी NHM कर्मचारियों की हड़ताल: पकौड़े बेचकर और आदिवासी नृत्य कर जताया सरकार के खिलाफ विरोध

CG NHM Employees Strike: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission - NHM) के लगभग 16 हजार संविदा कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 17वें दिन भी हड़ताल पर डटे हुए हैं।

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सरकार के “नो-वर्क, नो-पेमेंट” (No Work, No Payment) नोटिस और काम पर न लौटने पर बर्खास्तगी की चेतावनी ने कर्मचारियों की नाराजगी और बढ़ा दी है।

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पकौड़े बेचकर किया विरोध

[caption id="" align="alignnone" width="1024"]publive-image कर्मचारियों ने पकौड़े 5 रुपये प्रति प्लेट पर बेचते हुए सरकार के खिलाफ विरोध जताया।[/caption]

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बलौदाबाजार (Balodabazar) के दशहरा मैदान में संविदा कर्मचारियों ने सड़क किनारे तंबू लगाकर पकौड़े (Pakode) तले और मात्र 5 रुपये प्रति प्लेट पर बेचते हुए सरकार के खिलाफ विरोध जताया।

प्रदर्शनकारियों ने व्यंग्य करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कभी पकौड़े बेचने को भी रोजगार बताया था, इसलिए वे उसी अंदाज में अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे हैं। उनका आरोप है कि चुनाव से पहले नियमित करने का वादा किया गया था, लेकिन आज तक वादा अधूरा है।

आदिवासी परिधान और नृत्य से जताया रोष

[caption id="" align="alignnone" width="1024"]publive-image कर्मचारी आदिवासी परिधान पहनकर धरना स्थल पर लोकनृत्य करते नजर आए।[/caption]

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सुकमा (Sukma) में NHM कर्मचारी आदिवासी परिधान पहनकर धरना स्थल पर लोकनृत्य (Tribal Dance) करते नज़र आए।

कर्मचारियों ने कहा कि सुकमा जैसे नक्सल प्रभावित (Naxal affected) और संवेदनशील इलाके में काम करने के बावजूद उन्हें हक से वंचित किया गया है। बीते 20 महीनों में 160 आवेदन और ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद उनकी आवाज़ को अनसुना कर दिया गया है।

स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान

लगातार चल रही इस हड़ताल का असर अब स्वास्थ्य सेवाओं (Health Services) पर साफ दिखने लगा है। उप स्वास्थ्य केंद्र (Sub Health Centres) से लेकर जिला अस्पताल (District Hospitals) तक मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा।

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कई जगहों पर टीकाकरण (Vaccination) और मातृ-शिशु सेवाएं (Maternal-Child Services) पूरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं।

सरकार पर आरोप

  • चुनाव से पहले नियमित करने का वादा किया गया था, अब वेतन रोककर बर्खास्तगी की धमकी दी जा रही है।
  • सरकार विज्ञापन और प्रचार पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बजट नहीं निकाल पा रही।
  • मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में संविदा कर्मियों को लाभ मिल रहा है, तो छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं।

कर्मचारी संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

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FAQ

NHM कर्मचारी कौन होते हैं?

जवाब:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National Health Mission - NHM) के अंतर्गत नियुक्त संविदा कर्मचारी ग्रामीण और शहरी इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इनमें नर्स, एएनएम, वार्ड बॉय, तकनीशियन, फार्मासिस्ट और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता शामिल होते हैं।

छत्तीसगढ़ में NHM कर्मचारी हड़ताल क्यों कर रहे हैं?

जवाब:
NHM कर्मचारी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं। इनमें सबसे अहम मांग है नियमितिकरण (Regularisation), वेतनवृद्धि (Salary Hike) और सेवा शर्तों में सुधार।

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हड़ताल कब से जारी है?

जवाब:
यह हड़ताल छत्तीसगढ़ में 17वें दिन भी जारी है। कर्मचारी इसे अनिश्चितकालीन (Indefinite Strike) बता चुके हैं।

सरकार की ओर से क्या कदम उठाए गए हैं?

 जवाब:
सरकार ने कर्मचारियों को “नो वर्क, नो पेमेंट” (No Work, No Payment) नोटिस जारी किया है और चेतावनी दी है कि अगर वे काम पर नहीं लौटते तो बर्खास्तगी हो सकती है।

हड़ताल का असर आम लोगों पर कितना पड़ा है?

जवाब:
इस हड़ताल का असर अब साफ दिखने लगा है। उप स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पताल तक इलाज प्रभावित है। टीकाकरण और मातृ-शिशु सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

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