हाइलाइट्स
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कांवड़ के सहारे शव ले जाने का मामला
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शव लेकर 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा
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जंगल-पहाड़ के रास्ते कांवड़ में शव रखकर ले गए गांव
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कांवड़ के सहारे शव ले जाने का मामला सामने आया है. जहां ग्रामीणों को कांवड़ के सहारे शव लेकर 20 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा. ग्रामीण जंगल-पहाड़ के बीच पतली पगडंडी रास्ते होते हुए छोटे-छोटे बरसाती नाले पार कर सड़क तक पहुंचे. जिसके बाद अपने अरलापेंटा गांव आए.
इलाज के लिए लेकर गए थे तेलंगाना के भद्राचलम
दरअसल लगातार बारिश होने के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. युवक रवा देवा गंभीर रूप से बीमार था. परिजन पड़ोसी राज्य तेलंगाना के भद्राचलम में कुछ दिन पहले ही इलाज के लिए लेकर गए थे. वहां इलाज के पैसे ज्यादा लगने लगे तो अस्पताल से डिस्चार्ज कराया और सुकमा जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र में स्थित इतनपाड़ गांव (Chhattisgarh News) लेकर आए.
2 दिन पहले हो गई थी युवक की मौत
इस गांव में मरीज का देसी इलाज हो रहा था. झाड़फूंक और जड़ी बूटियों से इलाज जारी था. लेकिन युवक की मौत 2 दिन पहले शाम को हो गई. जिसके बाद परिजन शव को गृहग्राम अरलापेंटा लाना चाह रहे थे. लेकिन भीषण बारिश के चलते मेन रोड पर पानी भरा हुआ था. गाड़ियां नहीं चल रही थीं.
जंगल-पहाड़ के रास्ते कांवड़ में शव रखकर ले गए गांव
ऐसे में परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से कांवड़ में शव रखकर जंगल के रास्ते गांव के लिए निकल गए. कुछ किमी जंगल-पहाड़ के रास्ते और कुछ किमी छोटे-छोटे नाले पार करने पड़े. जिसके बाद मेन रोड पर पहुंचे और पैदल ही अपने गांव गए. बताया जा रहा है कि मंगलवार की देर शाम तक वे घर पहुंचे थे. बुधवार को शव का अंतिम संस्कार किया गया.
महिला और उसके नवजात बच्चे के लिए देवदूत बने जवान
वहीं छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के नक्सल इलाके में बारिश में फंसी महिला और उसके नवजात बच्चे के रेस्क्यू का मामला सामने आया है. जहां तैनात CRPF के जवान उनके लिए देवदूत बन गए. जवानों ने समय से पहले जन्मे बच्चे और उसकी मां को ड्रम और प्लाई के सहारे उफनती नदी पार करवाई. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया. जवाने के चलते दोनों को समय रहते इलाज मिला और जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं.
बारिश की वजह से उफान पर थी नदी
बताया गया कि बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के नंबी गांव की माड़वी जागी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी. बारिश की वजह से नदी उफान पर थी. इसी बीच माड़वी की समय से पहले ही डिलीवरी हो गई. बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की तबीयत बिगड़ने लगी थी. नदी उफान पर थी, इसलिए परिजन अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे. इसके बाद जवानों ने दोनों का रेस्क्यू किया.
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