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दिल्ली में छत्तीसगढ़ के इस सरपंच का अनोखा प्रदर्शन: लोट लगाते हुए पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर, जानें क्यों

Chhattisgarh News: दिल्ली में छत्तीसगढ़ के इस सरपंच का अनोखा प्रदर्शन: लोट लगाते हुए पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर, जानें क्यों

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Harsh Verma
दिल्ली में छत्तीसगढ़ के इस सरपंच का अनोखा प्रदर्शन: लोट लगाते हुए पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर, जानें क्यों

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत बंबूरडीह के सरपंच ने दिल्ली पहुंचकर अनोखा प्रदर्शन किया. उन्होंने सड़क की मांग को लेकर सड़क पर लेटकर लुढ़कते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आवास पहुंचे. ग्रामीणों ने सरपंच शत्रुघ्न चेलक को 5 हजार चंदा इकट्ठा कर दिल्ली भेजा है.

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   रामाडबरी से बावनकेरा गांव तक 2 किमी कच्ची सड़क

सरपंच शत्रुघ्न चेलक का कहना है कि रामाडबरी से बावनकेरा गांव तक 2 किमी कच्ची सड़क है. सड़क नहीं होने के चलते लड़के-लड़कियों की शादी नहीं होती और इस गांव में कोई शादी करने के लिए तैयार भी नहीं होता है. गांव के लोग लगातार मंत्री से लेकर अधिकारियों से मांग करके थक चुके हैं.

बारिश के समय रामाडबरी गांव की सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ हो जाता है, जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरीजों को इमरजेंसी में चारपाई के माद्यम से अस्पताल ले जाना पड़ता है. बच्चे और शिक्षक स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. सड़क पर कई हादसे भी हो रहे हैं.

   टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होने के चलते नहीं हुआ सड़क निर्माण

बताया (Chhattisgarh News) जा रहा है कि साल 2023 में पक्की सड़क बनाने के लिए 2 करोड़ 53 लाख 71 हजार रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन अब तक टेंडर की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो सकी है. इसके चलते सड़क निर्माण नहीं हो पाया है. ग्राम पंचायत बंबूरडीह का आश्रित ग्राम रामाडबरी में लगभग 800 की आबादी है.

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सरपंच अपनी पत्नी के साथ दिल्ली के लिए 17 जुलाई को निकले थे. जब वहां किसी भी केंद्रीय मंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई, तो 21 जुलाई को प्रदर्शन किया. उनका कहना है कि, राजस्व रिकॉर्ड में आश्रित ग्राम रामाडबरी ​​​​​​​का नाम नहीं है. इसके साथ ही भारत सरकार के नक्शा और गूगल में भी नहीं है.

   केंद्रीय मंत्री को सड़क बनवाते हुए न्यूज में देखता था: सरपंच

राजस्व विभाग के रिकॉड में हमारे गांव का नाम नहीं होने से सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है. उन्होंने गांव का नाम राजस्व विभाग में जोड़ने की मांग की है. सड़क का निर्माण कराने की मांग की है. उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री को सड़क बनवाते हुए न्यूज में देखता था, इसलिए उसी उम्मीद से आया हूं. जब तक मुलाकात नहीं होगी, यहीं रहूंगा.

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