Advertisment

छत्तीसगढ़ के शैलेंद्र से मिलिए: लोक सेवा आयोग के जिस कार्यालय में थे चपरासी, उसी की परीक्षा पास कर बने असिस्टेंट कमिश्नर

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के शैलेंद्र से मिलिए लोक सेवा आयोग के जिस कार्यालय में थे चपरासी, उसी की परीक्षा पास कर बने असिस्टेंट कमिश्नर

author-image
Harsh Verma
Chhattisgarh-News

Chhattisgarh News: शैलेंद्र कुमार बांधे की कहानी एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन मेहनत की और अंततः राज्य लोकसेवा आयोग-2023 (सीजीपीएससी) पास कर असिस्टेंट कमिश्नर (स्टेट टैक्स) बन गए।

Advertisment
पिछले सात महीनों से चपरासी के रूप में काम कर रहे थे शैलेंद्र 

शैलेंद्र पिछले सात महीनों से लोकसेवा आयोग के कार्यालय में चपरासी के रूप में काम कर रहे थे, जहां उनका काम अधिकारियों की टेबल साफ करना और फाइलों को पहुंचाना था। हालांकि, वे कभी निराश नहीं हुए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास करते रहे। अंततः उन्हें पांचवे प्रयास में सफलता मिली। उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य डिप्टी कलेक्टर बनने का है, और वह तब तक हार नहीं मानेंगे।

एनआईटी रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया

naidunia_image

रायपुर के बीरगांव निवासी शैलेंद्र ने 2019 में एनआईटी रायपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बचपन से उनका सपना था कि वह अधिकारी बनें, और इसके लिए वे हर साल पीएससी की परीक्षा देते रहे। हालांकि, परिवार की आर्थिक मदद की आवश्यकता के चलते, उन्होंने 2022 में चपरासी के पद के लिए आवेदन किया और परीक्षा पास करने के बाद 27 मई, 2024 को नियुक्ति प्राप्त की।

अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं शैलेंद्र 

शैलेंद्र ने बताया कि उनका जन्म रायपुर में हुआ, लेकिन उनका परिवार बिलासपुर जिले के बिल्हा बिटकुली गांव से है। वे अनुसूचित जाति समुदाय से हैं। उनका परिवार किसान है, और उनके पिता रायपुर में बस गए हैं।

Advertisment

2019 में शैलेंद्र ने पहली बार राज्य पीएससी में भाग लिया, लेकिन सफल नहीं हो सके। अगले वर्ष वे मुख्य परीक्षा तक पहुंचे, फिर भी असफल रहे। 2021 में उन्होंने मंडी निरीक्षक की परीक्षा दी, लेकिन दो-तीन अंकों से असफल हो गए। फिर 2022 में उन्हें पीएससी में 306वीं रैंक मिली, जिसके बाद उन्होंने एक बार फिर तैयारी शुरू की और इस बार सफलता हासिल की।

डिप्टी कलेक्टर बनने से केवल छह अंक से चूके

असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर चयनित होकर शैलेंद्र ने बताया कि वह इस बार डिप्टी कलेक्टर बनने से केवल छह अंक से चूक गए थे। उन्होंने कहा कि अगले प्रयास में वह इस लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगे। साक्षात्कार में उनसे संविधान, आंबेडकर, सतनाम पंथ, और छत्तीसगढ़ी कविता पर सवाल पूछे गए थे।

naidunia_image

शैलेंद्र ने बताया कि जब 2019 में वे पीएससी में असफल हो गए थे, तो उन्होंने कोचिंग ली, लेकिन उसके बाद उन्होंने घर पर रहकर यूट्यूब के माध्यम से अपनी पढ़ाई जारी रखी और लगातार मेहनत की।

Advertisment

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS से देर रात तक पूछताछ होने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज: ईडी की मंशा पर उठाया सवाल, जानें क्या है मामला?

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें