Advertisment

छत्तीसगढ़ में यहां 680 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा: पटवारियों की मिलीभगत ने किया खेला! अब कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में यहां 680 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा: पटवारियों की मिलीभगत ने किया खेला! अब कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन

author-image
Harsh Verma
छत्तीसगढ़ में यहां 680 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा: पटवारियों की मिलीभगत ने किया खेला! अब कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन

Chhattisgarh News: 680 एकड़ सरकारी जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा लिया है, जिसमें न केवल एक-दो बल्कि कई पटवारियों की मिलीभगत का संदेह है। हालांकि, प्रशासनिक अधिकारियों की सराहना की जानी चाहिए, जिन्होंने धैर्य न खोते हुए जांच को अंतिम परिणाम तक पहुंचाया। कलेक्टर रिमिजियस एक्का ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 400 एकड़ जमीन को राजसात करने का आदेश दिया है।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में 5 IPS अधिकारियों का ट्रांसफर: अरविंद कुमार कुजूर DIG पुलिस मुख्यालय बने, जानें किसे क्या मिली जिम्मेदारी?

रामानुजगंज तहसील के महाबीरगंज गांव का मामला
Advertisment

दरअसल, यह मामला बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की रामानुजगंज तहसील (Chhattisgarh News) के महाबीरगंज गांव से जुड़ा है, जहां ग्रामीणों ने 1954-55 से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा था। पूर्व कलेक्टर के कार्यकाल में इस संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी।

Preparations for Lok Sabha elections intensified in Balrampur | बलरामपुर  में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज: कलेक्टर ने सेक्टर और पुलिस अधिकारियों की  ली बैठक, 8 फरवरी को ...

680 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने अपर कलेक्टर को जांच अधिकारी नियुक्त किया। इसके बाद, कब्जाधारियों को नोटिस जारी करने के साथ ही दस्तावेजों की छानबीन शुरू की गई।

वर्तमान अपर कलेक्टर इद्रंजीत बर्मन ने जांच का कार्यभार संभाला

पूर्व अपर कलेक्टर पैकरा के सेवानिवृत्त होने के बाद, वर्तमान अपर कलेक्टर इद्रंजीत बर्मन ने जांच का कार्यभार संभाला। जांच के दौरान जमीन के सीरियल नंबर में मेल नहीं मिला, और दस्तावेजों में नाम-खसरा दर्ज करने के लिए उपयोग की गई स्याही का रंग भी भिन्न था। साथ ही, रिकार्ड में लिखावट भी अलग-अलग पाई गई। इसके अतिरिक्त, 18 कब्जेधारियों से दावा-आपत्ति मांगी गई।

यह भी पढ़ें: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई को लेकर बवाल: ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर-धनुष से किया हमला, TI, SI समेत 6 पुलिसकर्मी घायल

बाकी जमीन के लिए भी होगी इसी तरह की कार्रवाई

पटवारी द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में मिली असंगति और कब्जेधारियों की ओर से दावे का जवाब न दे पाने की स्थिति को देखते हुए, जांच अधिकारी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार की। इसी रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर रिमिजियस एक्का के आदेश पर राजसात की कार्रवाई की गई है।

इस समय करीब 400 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराकर सरकारी दस्तावेजों में फिर से दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में शेष जमीन के लिए भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

गड़बड़ी में पटवारियों की भूमिका प्रमुख

महाबीरगंज (Chhattisgarh News) में अवैध कब्जे का यह मामला एक-दो दशक का नहीं, बल्कि 1954-55 से चल रहा है। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि इस गड़बड़ी में पटवारियों की भूमिका प्रमुख है।

हालांकि, प्रशासन की स्थिति ऐसी है कि वह पटवारियों को पकड़ नहीं सकता, क्योंकि यह स्पष्ट नहीं है कि किस पटवारी ने कहां गलती की। इस कारण, प्रशासन पटवारियों पर कार्रवाई करने में असमर्थ है।

कोयला खदान क्षेत्र में आती है यह जमीन 

अवैध कब्जाधारियों ने केवल एक-दो एकड़ नहीं, बल्कि 18-20 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा जमा रखा था। यह जमीन कोयला खदान क्षेत्र में आती है, और कब्जाधारी इस काले सोने वाली भूमि को बेचकर असली सोना खरीदने की योजना बना रहे थे। हालांकि, प्रशासन की कार्रवाई ने उनकी इस मंशा को अधूरा छोड़ दिया।

इन कब्जाधारियों से खाली कराई गई जमीन 

कलेक्टर रिमिजियुस मिंज के आदेश पर जिन कब्जाधारियों से जमीन खाली कराई गई है, उनमें इसहाक पिता नान्हू मिंया, सागर पिता ठूपा, खेलावन पिता घोवा, गुलाम नबी पिता जसमुद्दीन, मोइनुद्दीन पिता रहीम, चांद मोहम्मद पिता कलम मिंया, मंगरी पिता मोहम्मद अली और रसुलन पिता हुसैन मिंया शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई को लेकर बवाल: ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर-धनुष से किया हमला, TI, SI समेत 6 पुलिसकर्मी घायल

देखें आदेश-

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें