Chhattisgarh News: देशभर में आज यानी 1 जुलाई से नया कानून लागू हो गया है। अब IPC (इंडियन पीनल कोड) का नाम बदल कर भारतीय न्याय संहिता (Bharatiya Nyaya Sanhita- BNS) कर दिया गया है। जिसके तहत कई अपराध के लिए नई धाराएं हो गई हैं। वहीं कुछ धाराओं के नियमों में बदलाव किया गया है। अब लोग फोन या ई-मेल के जरिए थाने में केस दर्ज कराए जा सकेंगे।
नए नियमों को लेकर रायपुर, बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) के सभी थानों में उत्सव मनाया जा रहा है।
नए कानून के तहत कवर्धा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेंगाखार थाने में पहली FIR दर्ज हुई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि रात करीब 12.30 बजे मामला दर्ज हुआ है।
वहीं राजधानी रायपुर में भी नए कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया। मंदिर हसौद थाने में जान से मारने की धमकी और अभनपुर में अकाल मृत्यु की FIR दर्ज की गई है।
CM साय ने लॉन्च की बुकलेट
तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई सोमवार को लागू हुए।
इससे जुड़ी बुक को CM हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लॉन्च किया।
इस मौके (Chhattisgarh News) पर सीएम ने कहा कि 3 नए आपराधिक कानूनों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियों का संग्रह इस किताब में है।
छत्तीसगढ़ पुलिस की इस विशेष पहल से नए कानूनों को समझना आसान होगा।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा- राजद्रोह खत्म, अब राष्ट्रद्रोह लगेगा
तीन नए आपराधिक कानूनों (Chhattisgarh News) पर डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि ब्रिटेन की संसद में पारित कानूनों से भारत में प्रशासन आगे बढ़ रहा था।
अपने देश की आवश्यकताओं के अनुसार जो कानून होने चाहिए थे वे आज लागू गए हैं।
अब जो FIR होंगी वे नई धाराओं के सहत होंगी। पहले राजद्रोह हुआ करता था, अब राजद्रोह खत्म हो गया है।
अब राष्ट्रद्रोह है। अगर किसी ने देश को गाली दी या देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो बड़ी धाराएं (Chhattisgarh News) लगेंगी।
ऐसे समझें नए कानून में बदलाव को
नए कानून यानी भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 511 धाराओं की जगह अब 358 धाराएं रह गई हैं।
इसी तरह CRPC (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) का नाम बदलकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कर दिया गया है।
CRPC में 484 धाराएं थीं। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धारा की गई हैं।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम में अधिक बदलाव नहीं हुआ है, इसमें 170 सेक्शन हैं। बदलाव का उद्देश्य दंड की जगह न्याय दिलाना है।
नए कानून में कई धाराओं के क्रम को परिवर्तित किया गया है जबकि कुछ धाराओं के नियमों में बदलाव हुआ है।
तीनों कानून में बदलाव के बीच महिला संबंधी अपराधों को सूची में ऊपर कर दिया गया है।
नए कानून की जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है जिसमें सभी नियम बताए गए हैं।
नियमों के लेकर भ्रमों को भी दूर किया गया (Chhattisgarh News) है।
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं।
- ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, हिट एंड रन, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान हुआ है।
- सबूतों के लिए डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल किए गए हैं।
- IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को पूरी तरह से हटा दिया गया है।
- 33 अपराधों में कारावास की सजा इजाफा किया गया है।
- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
- छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
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अब मोबाइल, ई-मेल से तत्काल FIR होगी
नए कानून (Chhattisgarh News) में आम लोगों की सुविधा के लिए कई नए प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार अब FIR दर्ज करने की प्रक्रिया का सरल किया गया है।
नए प्रावधान के तहत कोई भी व्यक्ति फोन या ई-मेल से थाने में केस दर्ज करा सकेंगे और पुलिस को उसमें FIR करनी होगी।
FIR दर्ज कराने के बाद पीड़ित व्यक्ति या उसके प्रतिनिधि को तीन दिन के भीतर थाने पहुंच कर एफआईआर में साइन करना होगा।
नए कानून के अनुसार अब ठगी, लूट और मारपीट जैसे मामलों में भी थाने के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी।