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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में लगातार एक के बाद एक हिंसा के कई मामले देखने को मिल रहे हैं। राज्य में हाल ही में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जो प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। बलौदाबाजार से शुरू हुई हिंसा की आग धीरे-धीरे दूसरे जिलों को भी अपनी चपेट में ले रही है। एक घटना होती है और लोगों का गुस्सा सिस्टम पर फूट पड़ता है। अभी प्रदेश के बलरामपुर जिले में यह आग भड़की हुई है।
बलरामपुर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत के बाद बवाल मच गया है। उग्र भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया है, जिसमें एक महिला ASP घायल हो गईं हैं। बता दें कि यह प्रदेश का ऐसा चौथा जिला है, जो 10 महीने की विष्णुदेव साय सरकार के सामने हिंसा का कुरूप चेहरा बनकर सामने आया है। इससे पहले बलौदाबाजार, कवर्धा और सूरजपुर में सरकार लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखने में बुरी तरह असफल रही है।
बलौदाबाजार हिंसा में लोगों ने फूंक दिया था SP ऑफिस
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बलौदाबाजार हिंसा की शुरुआत 15 मई से होती है। जब सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी दूर मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है। जिसके बाद समाज के लोग आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर चक्का-जाम करते हैं।
पुलिस 3 आरोपियों को गिरफ्तार करती है, लेकिन समाज के लोग गलत आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कहकर दोषियों को पकड़ने की मांग करते हैं। इसके बाद 10 जून को प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो जाते हैं और बवाल बढ़ता चला जाता है।
हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की जाती है। कई गाड़ियां जला दी जाती है। इसके बाद पुलिस इस मामले में लगभग 163 लोगों को गिरफ्तार करती है। वहीं घटना (Chhattisgarh News) के बाद सरकार ने कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय भेज दिया था। बता दें कि भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव अभी इसी मामले में जेल में बंद हैं।
क्या है कवर्धा का लोहारीडीह अग्निकांड?
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15 सितंबर को कवर्धा के लोहारीडीह में एक भयानक अग्निकांड हुआ। दरअसल, ये पूरा मामला मध्यप्रदेश के बिरसा थाना क्षेत्र के ग्राम बीजाटोला से शुरू हुआ था। जहां 15 सितम्बर की सुबह शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। उसके बाद लोहारीडीह के ग्रामीणों को शक हुआ था कि शिवप्रकाश उर्फ कचरू साहू की हत्या उपसरपंच रघुनाथ साहू ने करवाई है।
इसके बाद, गांववाले इकट्ठा होकर साहू के घर में आग लगा दिए। इस आगजनी में साहू जिंदा जल गया। इस कांड के बाद गांववालों ने पुलिस को भी गांव में घुसने नहीं दिया और भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसमें एसपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
इस घटना के बाद, पुलिस ने आगजनी के आरोपी और बीजेपी कार्यकर्ता प्रशांत साहू को गिरफ्तार किया, लेकिन उसकी पुलिस कस्टडी में मौत हो गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए और तत्काल कलेक्टर और एसपी को हटा दिया। इसके साथ ही, सरकार ने 23 पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया।
हेड कॉन्स्टेबल की पत्नी और बेटी की चाकू गोदकर हत्या
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प्रदेश (Chhattisgarh News) में कानून का डर अपराधियों में कितना है इसका जवाब सूरजपुर कांड से पता चलता है। जहां 13 अक्टूबर की रात आरोपी कुलदीप साहू ने 2 साथियों NSUI जिलाध्यक्ष सीके चौधरी और रिंकू सिंह के साथ मिलकर हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख की पत्नी और बेटी की चाकुओं से हत्या कर दी थी। उनके शवों को आरोपियों ने कार में डालकर 5 किलोमीटर दूर खेत में फेंक दिया था।
इसके बाद संयुक्त पुलिस परिवार ने आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस मामले में एसपी से लेकर टीआई स्तर तक के अधिकारी मुख्य आरोपी को संरक्षण देने के आरोपों से घिरे हैं। घटना से गुस्साए लोगों ने आरोपी के घर और गोदाम के बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी. साथ ही भीड़ ने एसडीएम के साथ भी मारपीट की और उन्हें बीच सड़क दौड़ाया. साथ ही सूरजपुर थाने का घेराव किया. तनाव पूर्ण स्थिति को देखते हुए शहर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
सरगुजा आईजी अंकित गर्ग ने मुख्य आरोपी को पुलिस संरक्षण देने की जांच के लिए अलग से जांच टीम भी बनाई है। आरोपी को धारा 188 के तहत गिरफ्तारी के बाद जमानत पर होने की जानकारी पुलिस ने दी थी। इन आरोपों के बाद एसपी पर गाज गिरी है। एसपी एम.आर.अहिरे को यहां से हटा दिया गया है। उन्हें रायपुर में यातायात उप महानिरीक्षक बनाया गया है। बता दें कि इस घटना के आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
अब बलरामपुर का मामला जान लिजिए...
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बलरामपुर के कोतवाली थाना में स्वास्थ्यकर्मी गुरुचंद मंडल की मौत के मामले में स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई है। आज पुलिस की सख्त सुरक्षा में मृतक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने जोरदार विरोध किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी।
इस हिंसक घटनाक्रम (Chhattisgarh News) में एडिशनल एसपी निमिशा पांडे घायल हो गईं। पुलिस अधिकारी मौके पर उग्र भीड़ को समझाने में लगे हैं। मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरअसल, गुरुवार दोपहर को बलरामपुर के कोतवाली थाना के बाथरूम में एनएचएम के कर्मचारी गुरुचंद मंडल का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला, जिससे हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और मृतक के परिजनों ने रात में थाने में जमकर हंगामा किया। सैकड़ों की संख्या में भीड़ ने थाने में पत्थरबाजी की और परिसर में खड़ी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया।
बता दें कि इस घटना के बाद लोगों ने 24 अक्टूबर की रात थाने में जमकर हंगामा किया था। इसके बाद आज 25 अक्टूबर को एसपी बलरामपुर वैभव बैंकर रमनलाल ने टीआई और एक आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है।
अब चौथे जिले में बवाल शुरू: भूपेश
प्रदेश (Chhattisgarh News) में अपराध बढ़ने को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है, तो वहीं बीजेपी इन घटनाओं के पीछे कांग्रेस नेताओं का हाथ बता रही है। प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बलरामपुर घटना को लेकर एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि लीजिए, अब चौथे जिले में बवाल शुरू हो गया।
लीजिए, अब चौथे ज़िले में बवाल शुरु हो गया।
बलरामपुर में लोगों ने कोतवाली घेर ली, महिलाओं ने पथराव किया और पुलिस को आंसू गैस छोड़ने पड़े।
मामला फिर वही पुलिस हिरासत में मौत का है।
क्या हो रहा है @vishnudsai जी आपके राज में?
तीन तीन ज़िलों के कलेक्टर एसपी को क़ानून व्यवस्था न… https://t.co/9FHUQk72Dw
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 24, 2024
बलरामपुर में लोगों ने कोतवाली घेर ली, महिलाओं ने पथराव किया और पुलिस को आंसू गैस छोड़ने पड़े। मामला फिर वही पुलिस हिरासत में मौत का है।
क्या हो रहा है विष्णुदेव साय जी आपके राज में? तीन तीन जिलों के कलेक्टर एसपी को कानून व्यवस्था न संभाल पाने के कारण हटाया जा चुका है। कितनों को बदलेंगे? इससे अच्छा तो आप अपने नाकारा साबित हो चुके गृहमंत्री विजय शर्मा को बदल दीजिए।
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