हाइलाइट्स
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पोटाश बम से भालू के शिकार का मामला
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पुलिस ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार
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गरियाबंद पुलिस साइबर सेल ने आरोपियों को पकड़ा
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के उदंती सीता नदी अभ्यारण इलाके में 8 अप्रैल को पोटाश बम से भालू का शिकार किया गया था. एंटी पोचिंग टीम ने 25 दिन बाद ओडिशा बॉर्डर से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी मध्य भारत के बड़े शिकार गिरोह का हिस्सा हो सकते हैं. इनके गिरफ्तारी में गरियाबंद साइबर सेल का अहम योगदान रहा है.
MP के शिकारी समुदाय से खरीदा था पोटाश बम
बता दें कि इंदागांव (घुरवागुड़ी) बफर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1243 पहाड़ी के नीचे पोटाश बम से भालू का शिकार किया गया था. जिस मामले (Chhattisgarh News) में एंटी पोचिंग टीम ने आरोपी हजारी पिता तुलसीराम और उत्तम पिता खगेश्वर को गिरफ्तार किया है. दोनों को गिरफ्तार कर कार्यालय सहायक संचालक उदंती लाया गया है. आरोपियों ने पूछताछ में पोटाश बम से भालू का शिकार करने की बात स्वीकारी है. उन्होंने बताया कि एक साल पहले मध्यप्रदेश के कटनी से आए शिकारी समुदाय के लोगों से 500 रुपए में 1 पोटाश बम खरीदा था.
उन्होंने पोटाश बम से पांच से 6 सुअर का शिकार किया और उसके मटन को 500 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा. इसके बाद मध्यप्रदेश के शिकारी से पोटाश बम खरीदकर 8 अप्रैल को भालू का शिकार किया. दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया.
आरोपियों के घर से भालू का चमड़ा और 1 नाखू बरामद
आपको बता दें कि आरोपियों के घर से पहले ही भालू का चमड़ा और 1 नाखून, जंगली सूअर का जबड़ा, 3 दांत, इसके साथ ही मॉनिटर लिजार्ड का चमड़ा और फंदे बरामद किया जा चुका है. इस कार्रवाई में एंटी पोचिंग टीम सुशील सागर परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर, वनरक्षक डोमार कश्यप, गरियाबंद पुलिस साइबर सेल प्रभारी सतीश यादव, ओम प्रकाश राव, विरेन्द्र ध्रुव, भुपेन्द्र भेड़िया, फलेश्वर दीवान, यज्ञ मालती यादव और इंदागांव (धुरवागुड़ी) स्टॉफ का अहम योगदान रहा.
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