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Chhattisgarh New Vidhansabha
हाइलाइट्स
पीएम मोदी ने किया नए विधानसभा भवन का लोकार्पण
भवन में बस्तर संस्कृति और मुरिया दरबार की झलक
273 करोड़ की लागत से 5 साल में हुआ निर्माण
Chhattisgarh New Vidhansabha: छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में बने नए विधानसभा भवन का 1 नवंबर को शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह भवन केवल एक इमारत नहीं, बल्कि “25 साल के संघर्ष और सपनों का प्रतीक” है। भवन की डिजाइन में बस्तर की संस्कृति और मुरिया दरबार की झलक देखने को मिलती है।
पीएम मोदी ने कहा, छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम का ननिहाल है, इसलिए यह भूमि उनके आदर्शों और सेवा की भावना से प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा, भारत ने नक्सलवाद और माओवाद पर निर्णायक प्रगति की है। “जो राज्य कभी पिछड़ा माना जाता था, आज वह विकास की दौड़ में अग्रणी है।”
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5 साल में तैयार हुआ विधानसभा भवन
नए विधानसभा भवन की नींव 28 अगस्त 2020 को कांग्रेस सरकार के दौरान रखी गई थी। पांच वर्षों में यह भवन पूरी तरह तैयार हो गया है।
यह भवन नवा रायपुर के सेक्टर-19 में 20.78 हेक्टेयर क्षेत्र में बना है और पूरी तरह इको-फ्रेंडली है। इसका वास्तु पारंपरिक महलों से प्रेरित है, जिसमें विशाल गुंबद और भव्य प्रवेश द्वार हैं।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की नई इमारत का आकार राष्ट्रपति भवन से मिलता-जुलता है। वर्तमान में 90 विधायकों के लिए बनी यह विधानसभा भविष्य में 120 सदस्यों की क्षमता के अनुरूप डिजाइन की गई है।
भवन की प्रमुख विशेषताएं
भवन परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की भव्य मूर्ति स्थापित की गई है। परिसर में विधानसभा सचिवालय, 3 मीटिंग हॉल, सेंट्रल हॉल, दर्शक दीर्घा, मीडिया लाउंज, कैंटीन, सभागृह, और आर्ट गैलरी जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, परिसर में 3 मिनी हॉस्पिटल, ग्रीनरी से घिरे गार्डन और लैंडस्केप, तथा बस्तर और सरगुजा की पारंपरिक कला से सजे कॉरिडोर इसे विशिष्ट बनाते हैं। भवन निर्माण पर कुल 273 करोड़ रुपए की लागत आई है।
यह नया विधानसभा भवन न केवल छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का संगम है, बल्कि प्रदेश की नई विकास यात्रा का प्रतीक भी बन गया है।
देखें नये विधानसभा भवन की तस्वीरें
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आइए जानें, कैसी है नई विधानसभा ?
छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा तीन ब्लॉक्स में बनाई गई है।
- ब्लॉक A विधानसभा सचिवालय के रूप में काम करेगा और इसमें सचिव कार्यालय, अधिकारी-कर्मचारियों के दफ्तर, सुरक्षा शाखा समेत अन्य विधानसभा से जुड़ी शाखाएं संचालित होंगी।
- ब्लॉक B भवन का मुख्य हिस्सा है, जहां सदन का आयोजन होगा और विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के कक्ष और दफ्तर, मेंबर्स लाउंज, डाइनिंग एरिया, मुख्य और प्रमुख सचिव कार्यालय, ध्यानाकर्षण और रिपोर्टर ब्रांच स्थापित की गई हैं।
- ब्लॉक C में मंत्रियों और विधायकों के कक्ष बनाए गए हैं, जबकि लोअर ग्राउंड फ्लोर पर आम सुविधाओं के लिए एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक अस्पताल, रेलवे रिजर्वेशन, पोस्ट ऑफिस और बैंक की व्यवस्था की गई है।
सीएम और मंत्रियों के लिए कक्ष
नई विधानसभा में सदन के ठीक पीछे विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का कक्ष है। इसके साथ ही 14 मंत्रियों के लिए कक्ष बनाए गए हैं। मंत्रियों के चेम्बर C ब्लॉक में होंगे, यहां एंट्री और एग्जिट के लिए अलग से गेट बनाए गए हैं।
साल 2018 में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब ड्राइंग डिजाइन के आधार पर 394 करोड़ का डीपीआर कंसल्टेंट ने दिया था। हालांकि, इस राशि को कम करते हुए 273.11 करोड़ की स्वीकृति बिल्डिंग को पूरा करने के लिए दी गई है।
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नई विधानसभा 273.11 करोड़ में बनकर तैयार हुई।[/caption]
नए विधानसभा भवन की खासियत
गार्डन और लैंडस्केप
विधानसभा परिसर में ग्रीनरी के लिए एक खूबसूरत गार्डन और लैंडस्केप होगा, जहां वास्तु के अनुसार पेड़ लगाने का चयन किया गया है। इसकी जिम्मेदारी हॉर्टीकल्चर विभाग को सौंपी गई है।
एंट्री और एग्जिट के लिए 6 जगह चिह्नित
- भवन में राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री की एंट्री B ब्लॉक से होगी।
- एंट्री और एग्जिट के लिए आगे और पीछे दो जगह तय की गई हैं।
- सचिवालय में एंट्री ब्लॉक A के गेट से होगी।
- मंत्रियों की एंट्री ब्लॉक C से होगी।
दिव्यांग-ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग टॉयलेट की व्यवस्था
भवन के अंदर मेल, फीमेल के अलावा ट्रांसजेंडर और दिव्यांगों के लिए भी अलग-अलग टॉयलेट की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा में कॉरिडोर और म्यूजियम
विधानसभा बिल्डिंग में एक म्यूजियम भी बनाया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी संस्कृति और पुरातत्व विभाग को सौंपी गई है। इस म्यूजियम में छत्तीसगढ़ के अतीत और वर्तमान के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक इतिहास के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।
साथ ही, एक आर्ट गैलेरी भी बनाई गई है। इसके अलावा, कॉरिडोर को बस्तर और सरगुजा की कला से सजाया गया है। विंग C के लोअर ग्राउंड फ्लोर में 3 हॉस्पिटल भी बनाए जा रहे हैं, जिनमें एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा की सुविधाएं होंगी।
सदन की क्षमता 120 विधायकों की
विधानसभा भवन में सदन की कार्यवाही B ब्लॉक के अपर ग्राउंड फ्लोर पर होगी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में 90 विधायक हैं, लेकिन भविष्य को ध्यान में रखते हुए सदन की व्यवस्था 120 विधायकों की सिटिंग कैपेसिटी के साथ की गई है। इसमें परंपरागत तरीके से दाहिनी ओर सत्ता पक्ष और बाईं ओर विपक्ष की सिटिंग अरेंजमेंट की जा सकती है।
इसमें स्पीकर और राज्यपाल के लिए सिटिंग एरिया होगा। मेंबर्स लॉबी, MLA लाउंज, मेंबर डाइनिंग एरिया और हां/ना लॉबी भी मौजूद हैं। गर्भगृह भी होगा। सदन के भीतर अधिकारियों और अतिथियों की बैठक व्यवस्था भी है। इसके अलावा पत्रकार दीर्घा और दर्शक दीर्घा भी उपलब्ध है।
सेंट्रल हॉल और मीटिंग हॉल
संसद की तर्ज पर यहां सेंट्रल हॉल तैयार किया जा रहा है, जिसमें 200 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है। यहीं प्री-फंक्शन लॉबी और लाउंज तैयार किए गए है। विधानसभा सदस्यों की सामूहिक बैठक और विधानसभा के महत्वपूर्ण कार्यक्रम इसी हॉल में होंगे।
इसके अलावा एक मीटिंग हॉल अलग से तैयार किया गया है। यहां कार्य समिति और विधानसभा की अलग-अलग समितियों की बैठकें होंगी। इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग हाल का भी निर्माण किया जा रहा है।
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हाईटेक लाइब्रेरी की सुविधा
नई विधानसभा की लाइब्रेरी भी हाईटेक है। अब भी राज्य की बड़ी लाइब्रेरी में से एक विधानसभा की ही लाइब्रेरी है, यहां 55 हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं, जिनमें कानून, इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र, अधिनियम, शासकीय सेवा शर्त नियम, हिन्दी साहित्य, दर्शन, समाजशास्त्र, शिक्षा, विज्ञान, ग्रामीण, कृषि, खेल, अध्यात्म की बुक हैं।
इसके साथ ही कम्प्यूटर साइंस, पर्यटन और सभी राज्यों के लोकल एक्ट, रूल्स, महत्वपूर्ण साहित्यकारों की बायोग्राफी और ईयर बुक मौजूद हैं। ऐसे में लाइब्रेरी को पहले से ज्यादा हाईटेक बनाया जाएगा। इंटीरियर से लेकर लाइब्रेरी रूम की व्यवस्था अलग होगी।
500 लोगों की बैठक क्षमता वाला ऑडिटोरियम
विधानसभा की बिल्डिंग के पास एक आकर्षक ऑडिटोरियम बनाया गया है। यहां 500 लोगों के बैठने की क्षमता है। एक बड़ा मंच तैयार किया गया है। इसके साथ ही VIP लाउंज, प्री फंक्शन लॉबी, 2 ग्रीन रूम, 2 प्रशासनिक कमरे, सीढ़ियां, लिफ्ट और दिव्यांगों के लिए रैम्प की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा में केवल मौजूदा विधायकों के लिए नहीं, बल्कि पूर्व विधायकों के लिए भी बैठक की व्यवस्था की जा रही है। पहले विधानसभा भवन में पूर्व विधायकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन नए भवन में पूर्व सदस्यों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
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नई विधानसभा की तस्वीर।[/caption]
कैंटिन और 6 लिफ्ट की व्यवस्था
भवन में लिफ्ट की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। A ब्लॉक में 4, B ब्लॉक में 6 और C ब्लॉक में भी 6 लिफ्ट लगाई जा रही हैं। इसके साथ ही B ब्लॉक के दूसरे फ्लोर पर एक आधुनिक कैंटिन की व्यवस्था होगी। इसके अलावा मेल, फीमेल, हैंडीकैप और ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग-अलग टॉयलेट की व्यवस्था सभी ब्लॉक में अलग-अलग स्थानों पर की जाएगी।
विधानसभा का नया भवन तैयार होने के बाद इस जगह की खासियत ये होगी कि एक ही सर्कल में लोग मंत्रालय, संचालनालय और विधानसभा जा सकेंगे। ये तीनों बिल्डिंग एक ही गोल आकार में हैं। आधे में मंत्रालय महानदी भवन और संचालनालय इंद्रावती भवन है। और आधे हिस्से में नई विधानसभा की बिल्डिंग है।
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नई विधानसभा की जरूरत क्यों पड़ी ?
- मंत्रालय और संचालनालय भवन नवा रायपुर में स्थित है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भवन इससे लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर है। इस कारण से मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के आने-जाने में अधिक समय लगता है और कई व्यावहारिक समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं।
- पुरानी विधानसभा की कार्यवाही के दौरान शहर के बड़े हिस्से में लोगों को ट्रैफिक की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- 90 विधायकों के लिए पुरानी विधानसभा का क्षेत्र अपर्याप्त है। बैठने की व्यवस्था में भी कठिनाइयाँ आती हैं। सदन के सभी सदस्य एक साथ नहीं दिखते।
- पत्रकारों के लिए दीर्घा और आम जनता के लिए दर्शक दीर्घा में भी सीटों की कमी है।
- यदि छत्तीसगढ़ में विधानसभा सीटों का विस्तार होता है, तो पुराने भवन में समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
कांग्रेस सरकार में भूमिपूजन, बीजेपी शासन में लोकार्पण
29 अगस्त 2020 को कांग्रेस सरकार के दौरान विधानसभा के नए भवन का भूमि पूजन हुआ था। इसमें कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी वर्चुअली शामिल हुए थे। विधानसभा का नाम प्रदेश की पहली महिला सांसद मिनी माता के नाम पर रखने का निर्णय भी पिछली सरकार ने लिया था।
साल 2023 में जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी, तो विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह बने। उन्होंने इसके निर्माण की समीक्षा भी की थी। अब बीजेपी शासन में नई विधानसभा का लोकार्पण हुआ।
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राज्य की स्थापना एक नवंबर 2000 को हुई थी। राज्य के पहले विधानसभा के पहले सत्र की बैठक 14 दिसंबर 2000 से शुरू हुई। क्योंकि तब तक विधानसभा भवन तैयार नहीं हो पाया था। इस वजह से राजधानी के राजकुमार कॉलेज में टेंट के जरिए अस्थाई विधानसभा भवन बनाया गया।
पहला सत्र 19 दिसंबर तक चला। इस दौरान सदस्यों के शपथ ग्रहण के साथ विधानसभा अध्यक्ष और समितियों का गठन हुआ था। यहीं छत्तीसगढ़ के पहले नेता प्रतिपक्ष के रूप में नंदकुमार साय ने शपथ ली थी।
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