हाइलाइट्स
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आरक्षण संशोधन बिल लंबे समय से पेंडिंग
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कांग्रेस ने नए राज्यपाल से लगाई उम्मीद
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आरक्षण बिल पर छत्तीसगढ़ में सियासत
CG Pending Aarakshan Case: छत्तीसगढ़ में आरक्षण का मसला फिर गर्मा रहा है। नए राज्यपाल की नियुक्ति होते ही कांग्रेस की उम्मीदें जाग उठी हैं कि पेंडिंग पड़े आरक्षण बिल (CG Pending Aarakshan Case) पर नए राज्यपाल दस्तखत कर सकते हैं। इस मसले पर बीजेपी-कांग्रेस एक बार फिर आमने सामने हैं। दोनों ही दल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
इधर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 राज्यों में राज्यपाल की नियुक्ति की है। इसमें छत्तीसगढ़ में रामेन डेका को नया राज्यपाल बनाया गया है। रामेन डेका 31 जुलाई को छत्तीसगढ़ के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे।
कांग्रेस को रजामंदी की उम्मीद
छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल रामेन डेका की नियुक्ति के बाद कांग्रेस फिर से उम्मीद जता रही है। नए राज्यपाल से कांग्रेस में फिर उम्मीद की किरण जाग उठी है। कांग्रेस ने नए राज्यपाल का स्वागत किया है।
कांग्रेस का ये मानना है कि विधानसभा में पारित आरक्षण संशोधन विधेयक (CG Pending Aarakshan Case) पर इस बार रजामंदी बन जाएगी। कांग्रेस ने नए राज्यपाल से पेंडिंग पड़े आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करने की मांग की है।
इस संबंध में कांग्रेस संचार विभाग छत्तीसगढ़ अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हम नए राज्यपाल का स्वागत करते हैं, इसके साथ ही प्रदेश की जनता उम्मीद कर रही है कि नए राज्यपाल रामेन डेका पेंडिंग आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर प्रदेश की जनता के साथ न्याय करेंगे।
प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग
कांग्रेस ने नए राज्यपाल से लंबित पड़े आरक्षण बिल (CG Pending Aarakshan Case) पर हस्ताक्षर करने की मांग की है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने मामले में कहा है कि छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक आदिवासी वर्ग है और नए राज्यपाल को उनके हित में आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर करना चाहिए। इसलिए उम्मीद है कि वह लंबित पड़े आरक्षण बल पर हस्ताक्षर करेंगे।
31 जुलाई को पदभार संभालेंगे रामेन डेका
राज्यपाल रामेन डेका 30 जुलाई को छत्तीसगढ़ (CG Pending Aarakshan Case) आ सकते हैं। बीजेपी ने नए राज्यपाल का स्वागत करते हुए छत्तीसगढ़ की प्रगति और तेज़ी की कामना की है। जानकारी के अनुसार राज्यपाल डेका 31 जुलाई को राजभवन में शपथ ले सकते हैं।
इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू कर दी गई है। वहीं हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राज्यपाल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इधर कांग्रेस के आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर की मांग पर बीजेपी ने पलटवार किया है।
जनता ने उन्हें मौका दिया था
बीजेपी ने कांग्रेस के आरक्षण बिल (CG Pending Aarakshan Case) पर हस्ताक्षर की मांग पर पलटवार भी किया है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता का कहना है कि राज्यपाल ने हमेशा प्रदेश को आगे बढ़ने का काम किया है और पूर्व की कांग्रेस सरकार आरक्षण की विरोधी रही है।
रमन सरकार में 56% आरक्षण मिल रहा था और इस मामले में पूर्व में भूपेश सरकार ने अपने ही कार्यकर्ता से याचिका दायर करवाई थी, कांग्रेस की नियत ठीक नहीं है। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने भी कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को हर विषय पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
जनता ने उन्हें मौका दिया था, लेकिन कांग्रेस ने जनता के हित में कोई काम नहीं किया। कांग्रेस की सरकार में सी के नोक के बराबर भी काम छत्तीसगढ़ में नहीं हो पाया।
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कांग्रेस सरकार से अटका आरक्षण बिल
छत्तीसगढ़ में नए राज्यपाल की नियुक्ति होने पर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान विधानसभा में पारित हुए आरक्षण बिल (CG Pending Aarakshan Case) पर जमकर सियासत देखने मिल रही है।
हालांकि अब तक नए राज्यपाल का छत्तीसगढ़ में आगमन नहीं हुआ है, जिससे पहले ही आरक्षण का मसला पूरे राज्य में तूल पकड़ रहा है। जब नए राज्यपाल छत्तीसगढ़ में प्रभार संभालते हैं तब देखना होगा कि लंबित पड़े आरक्षण के बिल पर क्या सहमति बनती है।