रिपोर्ट: रजत वायपेयी, जगदलपुर
CG Naxal Encounter Reward: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल, नक्सलवाद के खिलाफ आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस साल अब तक 8 करोड़ 84 लाख के इनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया है। सबसे अच्छी खबर ये है कि, करोड़ों की ये राशि एनकाउंटर में शामिल रहे जवानों के खातों में आएगी।
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल, नक्सलवाद (CG Naxal Encounter Reward) के खिलाफ आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं। इस साल अब तक 8 करोड़ 84 लाख के इनामी नक्सलियों को ढेर कर दिया है। सबसे अच्छी खबर ये है कि, करोड़ों की ये राशि एनकाउंटर में शामिल रहे जवानों के खातों में आएगी।
सरकार ने रखा था नक्सलियों पर बड़ा इनाम
लाल आतंक का दंश झेल रहे बस्तर (CG Naxal Encounter Reward) में अब तस्वीर बदलती दिख रही है। सीएम साय के सख्त इरादों के सामने नक्सली अब बेबस नज़र आ रहे हैं। सुरक्षा बल नक्सलवाद के खिलाफ अपने अभियान में लगातार सफलता हासिल कर रहे हैं।
मुठभेड़ों में बड़े नक्सली नेताओं का खात्मा खुद सफलता की कहानी कह रहा है। मारे गए नक्सलियों की सूची में वो नेता हैं, जिन पर सरकार ने बड़ा इनाम रखा था। इनाम की राशि मुठभेड़ में शामिल जवानों को दी जाएगी, जिससे उनका मनोबल और ऊंचा होगा। ये जवानों की बहादुरी का इनाम तो है ही आगे के अभियानों के लिए प्रेरणा भी बनेगा।
बस्तरवासियों को जागी उम्मीद
छत्तीसगढ़ नक्सल (CG Naxal Encounter Reward) मामलों के एक्सपर्ट ने जानकारी दी कि सरकार के सख्त रवैए के बाद अब नक्सल इलाका बस्तर के रहवासियों की उम्मीद जागी है। बस्तर में अब विकास की उम्मीद भी ग्रामीण करने लगे हैं। नक्सली ऑपरेशन से अब माओवादियों का कुनवा भी कम हुआ है।
25-25 लाख के इनामी थे नक्सली
इस साल मारे गए 207 नक्सलियों (CG Naxal Encounter Reward) में से 5 ऐसे थे, जिन पर सरकार ने 25-25 लाख रुपए का इनाम रखा था। इसके अलावा नक्सलियों की मिलेट्री फार्मेशन के कमांडर सहित 77 कॉडर वाले नक्सलियों को भी जवानों ने मार गिराया। नक्सलियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की ओर से जारी किए गए लिखित बयान में भी संगठन को हुए नुकसान का जिक्र है।
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संगठनात्मक ढांचे पर पड़ेगा गहरा असर
बड़े नेताओं के मारे जाने से नक्सलियों (CG Naxal Encounter Reward) की कमान और संगठनात्मक ढांचे पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। जिससे उनका नेटवर्क कमजोर होगा। ये रणनीति न केवल नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, इतना ही नहीं इससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और शांति की बहाली भी सुनिश्चित होगी।
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