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Chhattisgarh Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) जिले में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों (Naxal) के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में जवानों ने 2 नक्सलियों को ढेर कर दिया। दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र से उनके शव बरामद कर लिए गए हैं। मौके से एक 303 राइफल और भारी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किए गए।
बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव (SP Jitendra Yadav) ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बासागुड़ा थाना और गंगालूर थाना की सीमा पर अभी भी रुक-रुककर गोलीबारी हो रही है।
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गरियाबंद में बड़ा एनकाउंटर
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1 करोड़ का इनामी नक्सली था मोडेम बालकृष्ण[/caption]
इससे एक दिन पहले यानी गुरुवार को गरियाबंद (Gariyaband) जिले में बड़ा एनकाउंटर हुआ। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 1 करोड़ के इनामी नक्सली मोडेम बालकृष्ण (Modem Balakrishna) समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया। मोडेम बालकृष्ण ओडिशा स्टेट कमेटी (Odisha State Committee) का सचिव और सेंट्रल कमेटी का सदस्य था।
गार्ड के सरेंडर से खुला राज
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मारे गए नक्सली मोडेम बालकृष्ण के गार्ड कैलाश ने कुछ दिन पहले सरेंडर किया था। उसने ही पुलिस को मोडेम के ठिकाने की सीक्रेट जानकारी दी थी। कैलाश के बताए गए इलाकों पर पुलिस ने लगातार निगरानी रखी और लोकेशन कन्फर्म होने पर जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
मैनपुर थाना क्षेत्र के मटाल पहाड़ी इलाके में गुरुवार सुबह सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की और एनकाउंटर में मोडेम बालकृष्ण अपने 9 साथियों के साथ मारा गया।
जनवरी में भी गरियाबंद में चला था बड़ा ऑपरेशन
गौरतलब है कि इसी साल 14 जनवरी को गरियाबंद में करीब 80 घंटे चले एक ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 16 नक्सलियों को मार गिराया था। इनमें से 12 नक्सलियों पर कुल 3 करोड़ 16 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
इस ऑपरेशन में नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य चलपति (Chalapathi) और डिवीजन कमेटी का प्रमुख सत्यम गावड़े (Satyam Gawde) भी ढेर हुआ था। चलपति पर 90 लाख का इनाम था और वह तीन राज्यों में नक्सल गतिविधियों को कंट्रोल करता था।
लगातार बड़ी कामयाबियां
सुरक्षाबलों को हाल के महीनों में लगातार बड़ी कामयाबियां मिल रही हैं। बीजापुर और गरियाबंद की मुठभेड़ ने नक्सल संगठन को गहरा झटका दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि टॉप लीडरशिप के मारे जाने से नक्सली नेटवर्क कमजोर हो रहा है और आने वाले समय में नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में विकास कार्यों को गति मिलेगी।
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