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CG Mysterious Dayan Temple: छत्‍तीसगढ़ की प्रसिद्ध डायन माता; जो भक्‍तों की भरती है सूनी गोद, जानें और क्‍या है खास

CG Mysterious Dayan Temple: छत्‍तीसगढ़ की प्रसिद्ध डायन माता; जो भक्‍तों की भरती है सूनी गोद, जानें और क्‍या है खास

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Sanjeet Kumar
CG Mysterious Dayan Temple

CG Mysterious Dayan Temple

CG Mysterious Dayan Temple: अक्सर डायन या प्रेत नाम सुनते ही लोगों के जहन में डरावनी तस्वीर बनने लगती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक डायन माता है जो लोगों की सूनी गोद भरती है। छत्‍तीसगढ़ का यह फेमस मंदिर जहां नवरात्रि पर्व के मौके पर भक्‍तों की भीड़ लगी हुई है।

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यहां निसंतान दंपती अपनी कामना लेकर पहुंचते हैं। यहां के मंदिर की यह मान्‍यता है कि यहां पर जो भी भक्‍त संतान प्राप्‍ति की अर्जी लेकर जाता है, उसकी मनोकामना डायन माता पूरी करती है।

डायन माता को मानते हैं ग्रामीण

Dayan Mata Temple Balod Jhinka

अक्सर लोग भूत प्रेत या फिर डायन (CG Mysterious Dayan Temple) नाम से ही डर जाते हैं, क्योंकि इसे बुरी शक्ति माना जाता है। मगर बालोद के झिंका गांव के लोगों की आस्था ऐसी है कि ये डायन को माता मानते हैं, और इसकी पूजा भी करते हैं। सिकोसा से अर्जुन्दा जाने वाले रास्ते पर स्थित मंदिर, परेतिन दाई मंदिर के नाम से जाना जाता है। लोगों की मान्यता है कि परेतिन दाई महिलाओं की सूनी गोद भर देती है।

परेतिन दाई माता मंदिर से पहचान

ऐसे तो लोग प्रेत, प्रेतात्मा या फिर डायन (CG Mysterious Dayan Temple) नाम से ही डर जाते हैं, क्योंकि इसको बुरी शक्ति माना जाता है। मगर बालोद जिले के झिंका गांव के लोगों की आस्था ऐसी है कि ये डायन (परेतिन माता) को माता मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं। इसका एक छोटा सा मंदिर भी है।

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सिकोसा से अर्जुन्दा जाने वाले रास्ते पर स्थित मंदिर को परेतिन दाई माता मंदिर के नाम से जाना जाता है। झिंका सहित पूरे बालोद जिले के लोग इस मंदिर को परेतिन दाई के नाम से जानते हैं और नवरात्र में यहां विशेष अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इस मंदिर में ज्योत भी जलाए गए हैं।

पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है ये मंदिर

झींका गांव की सरहद (CG Mysterious Dayan Temple) में बने परेतिन दाई मंदिर का प्रमाण उसकी मान्यता आस्था का वो प्रतीक है। जिसको आज पूरे प्रदेश में जाना जाता है। ग्रामीण गैंदलाल मिरी ने बताया कि बालोद जिले का यह मंदिर पहले एक पेड़ से जुड़ा हुआ था।

जहां माता का प्रमाण आज भी उस पेड़ पर है और उसके सामने बिना शीश झुकाए कोई आगे नहीं बढ़ता है। आज भी हम गुजरते हैं तो शीश नवाकर गुजरते हैं और यहां पर जो कोई भी मनोकामना रखता है वो पूरी जरूर होती है।

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सूनी गोद भरती है परेतिन दाई

Dayan Mata Temple Balod Jhinka

विशेष रूप से परेतिन (CG Mysterious Dayan Temple) दाई सूने गोद को भरती है आपको बता दें गांव के यदुवंशी (यादव और ठेठवार) मंदिर में बिना दूध चढ़ाए निकल जाते हैं तो दूध फट जाता है। ऐसा कई बार हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि यह मंदिर काफी पुराना और बड़ी मान्यता वाला है। गांव में भी बहुत से ठेठवार हैं, जो रोज दूध बेचने आसपास के इलाकों में जाते हैं। यहां दूध चढ़ाना ही पड़ता है। जान बूझकर दूध नहीं चढ़ाया तो दूध खराब (फट) हो जाता है।

मंदिर के पास छोड़ना पड़ता कुछ न कुछ

दशकों से इस मंदिर (CG Mysterious Dayan Temple) की मान्यता है कि इस रास्ते से कोई भी वाहन या लोग गुजरते हैं और किसी तरह का समान लेकर जाता है, उसका कुछ हिस्सा मन्दिर के पास छोड़ना पड़ता है। चाहे खाने-पीने के लिए बेचने वाले समान या फिर घर बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले समान।

ऐसा लोगों का मानना है कोई व्यक्ति अगर ऐसा नहीं करता है तो उसके साथ कुछ न कुछ घटना होती है और इस रास्ते से गुजरने वाले दोपहिया चारपहिया वाहन चालक अगर परेतिन माता को प्रणाम नहीं करते तो उसकी गाड़ी बंद हो जाती है। फिर वापस परेतिन माता के पास नारियल चढ़ाने पर गाड़ी अपने आप चालू हो जाती है।

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वहीं चैत्र और क्वार नवरात्रि में परेतिन (CG Mysterious Dayan Temple) माता के दरबार में विशेष आयोजन किए जाते हैं। जहां पर ज्योति कलश की स्थापना की जाती है और नवरात्र के 9 दिन बड़ी संख्या में भक्तों का तांता लगा रहता है। भले ही मान्यता अनूठी हो लेकिन सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा और मान्यता आज भी इस गांव में कायम है वर्तमान में 100 ज्योति कलश यहां पर प्रज्वलित किए गए हैं।

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यह परंपरा आज भी जारी है

मंदिर को लेकर किवदंती (CG Mysterious Dayan Temple) है कि जब भी कोई इस रास्ते से गुजरता है तो उसे अपने पास रखे सामान का कुछ हिस्सा मन्दिर के पास छोड़ना पड़ता है। कोई व्यक्ति अगर ऐसा नहीं करता तो उसके साथ अनहोनी की संभावना बनी रहती है। सेवक चिंताराम सिन्हा बताते हैं कि मंदिर के पास लोग कुछ न कुछ सामान छोड़कर जाते हैं।

अटूट आस्‍था का प्रतीक है ये मंदिर

मान्यता तो कई प्रकार की होती है, लेकिन मां के प्रति अटूट आस्था हो तो ये मान्यताएं सच लगने लगती है। डायना माता भी इसी अटूट आस्था का प्रतीक है, जहां श्रद्धालु अपनी मुराद लेकर पहुंचता है।

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