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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: SC में ढेबर की मेडिकल रिपोर्ट निकली फर्जी, हाईकोर्ट से मिली थी बेल, डॉक्टर की भी नौकरी गई

Chhattisgarh Liquor Scam Update: SC में ढेबर की मेडिकल रिपोर्ट निकली फर्जी, इसी रिपोर्ट पर हाईकोर्ट से मिली थी बेल, डॉक्टर की भी नौकरी गई

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BP Shrivastava
Chhattisgarh Liquor Scam

Chhattisgarh Liquor Scam Update: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जिस मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें बिलासपुर हाईकोर्ट ( High Court) से जमानत मिली थी, वह रिपोर्ट अब फर्जी निकली है। इसका खुलासा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई के दौरान हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ढेबर को बेल देने से एक तरह से मना कर दिया है।
यहां बता दें, ढेबर की मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) को EOW ने चैलेंज किया था। जिसके बाद जांच में रिपोर्ट फर्जी पाई गई और रिपोर्ट देने वाले डॉक्टर को भी नौकरी से हटा दिया गया है।

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ED और EOW की जांच में आरोपी है ढेबर

हाईकोर्ट ने शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को जमानत दी थी। अब जिस मेडिकल रिपोर्ट को आधार मानकर ये फैसला दिया गया था, वो रिपोर्ट ही फर्जी निकली है। दरअसल, ED और EOW दोनों के ही मामले में शराब कारोबारी अनवर ढेबर आरोपी है और इस वक्त जेल में बंद हैं।

जानकारी के अनुसार, जमानत के लिए ढेबर ने खुद की किडनी में समस्या बताई थी। इसे साबित करने मेडिकल रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। EOW ने इस मेडिकल रिपोर्ट को चैलेंज किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में पाया कि ये मेडिकल रिपोर्ट फर्जी थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ढेबर को जमानत देना मुनासिब नहीं है।

AIIMS की रिपोर्ट में भी बताई गई बीमारी नहीं निकली

बिलासपुर हाईकोर्ट और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिवक्ता सौरभ पांडे से मीडिया को बताया कि मेडिकल रिपोर्ट सही है या गलत इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई। EOW ने रायपुर एम्स से भी अनवर ढेबर की जांच कराई थी। एम्स की रिपोर्ट में ढेबर को कोई वैसी बीमारी नहीं निकली, जैसा उसने अपनी रिपोर्ट में दिखाई थी।

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सुप्रीम कोर्ट ने जमानत कैंसिल की, केस हाईकोर्ट भेजा

जानकारी के मुताबिक ढेबर ने DKS अस्पताल से रिपोर्ट बनवाई थी, उसमें लिखा था कि ढेबर को किडनी में परेशानी है। बाद में जांच में ये रिपोर्ट ही गलत पाई गई। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत कैंसिल करते हुए हाईकोर्ट को ये केस भेज दिया है। साथ ही कहा है कि मेरिट में इस केस की सुनवाई करें।

ढेबर के चक्कर में गई डॉक्टर की नौकरी

अनवर ढेबर को जांच के लिए डीकेएस अस्पताल के गैस्ट्रो सर्जन डॉ. प्रवेश शुक्ला के पास लाया गया था। डॉ. प्रवेश शुक्ला ने ओपीडी पर्ची में लिख दिया था कि डीकेएस में एंडोस्कोपी नहीं होता है। जब इस बात की जानकारी अस्पताल के अधीक्षक और प्रबंधन को लगी तो उन्हें (डॉ. प्रवेश शुक्ला) नौकरी से बर्खास्त किया गया है। 8 अगस्त 2024 को एक आदेश जारी हुआ इसमें लिखा था डॉक्टर ने विचाराधीन बंदी को आपराधिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए जानबूझकर ओपीडी पर्ची में इस तरह की टीप लिखी है।

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ढेबर फिलहाल जेल में रहेंगे

शराब घोटाले का आरोपी अनवर ढेबर पिछले साल से ही जेल में है। फिलहाल उनके बाहर आने की बहुत कम संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट में गलत मेडिकल रिपोर्ट देने के बाद केस और पेचीदा हो गया है।

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